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भारत अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए दे रहा पैसा: संजय कुमार वर्मा

कनाडा सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन और भारत अवैध फंडिंग और दुष्प्रचार अभियान चलाकर उनके देश के प्रवासी समुदायों को प्रभावित करते हैं। रिपोर्ट कहती है कि भारत ने कनाडा की अंदरूनी राजनीति में भी हस्तक्षेप किया है और तमाम हथकंडे अपनाकर अपनी पसंद के नेताओं को संसद तक पहुंचाने की कोशिश की है। कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा के दस्तावेज में बताया गया है कि भारत सरकार कनाडा के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करने और खालिस्तान आंदोलन के लिए समर्थन को कमजोर करने की कोशिश में बड़ी भूमिका निभा रही है।
भारत पर कई आरोप लगाने वाली इस रिपोर्ट को सीएसआईएस ने ‘कंट्री समरीज’ नाम दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत सरकार अपनी पसंद के उम्मीदवारों को मदद करती है, इसमें जिसमें नामांकन प्रक्रिया में हस्तक्षेप भी शामिल है। इस तरह से सरकार एक दखल की कोशिश की जाती है। रिपोर्ट में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों और संघीय विभागों से मिली जानकारी के आधार पर ये दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत प्रमुख पदों पर रहने वाले कनाडाई लोगों के खिलाफ विदेशी-हस्तक्षेप गतिविधियों में संलग्न है। भारत सरकार द्वारा की गई इन गतिविधियों में भारत सरकार की रणनीतिक आपत्तियों को प्राप्त करने के लिए गुप्त और भ्रामक गतिविधि भी शामिल हैं।
सीएसआईएस की रिपोर्ट के बाद कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने कहा कि कनाडा को इसका सबूत देने की जरूरत है कि भारत कथित गतिविधियों में शामिल है। वर्मा ने द ग्लोब से कहा, ‘करीब एक साल पहले कनाडा ने निज्जर हत्या मामले में एक दुर्भाग्यपूर्ण और राजनीति से प्रेरित दावा किया लेकिन आज तक हमें उस मामले में सबूत का इंतजार है। हम साफ करना चाहते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है। दूसरी ओर हमने कनाडाई खालिस्तानी चरमपंथियों को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करते हुए और उसकी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देते हुए देखा है।
सीएसआईएस दस्तावेज चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान को भी कनाडा में विदेशी-हस्तक्षेप गतिविधियों को अंजाम देने वाले देशों के रूप में पहचानता है। खुफिया दस्तावेज संकेत देते हैं कि चीन सबसे गंभीर विदेशी-हस्तक्षेप का खतरा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ज्यादातर कनाडा में दुष्प्रचार अभियानों में शामिल है, जबकि ईरान ईरानी-कनाडाई लोगों को चुप कराना चाहता है। पाकिस्तान उन राजनेताओं का गुप्त रूप से समर्थन करने का प्रयास करता है जो भारत के बजाय उस देश के हित को बढ़ावा देते हैं।

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