योगी ने दीं यूपी में बम्पर नौकरियां

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि अपने नागरिकों के साथ शासन की योजनाओं और नौकरियों में भेदभाव करना सबसे बड़ा पाप है, जो सरकारें प्रदेश की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने से रोकतीं थी जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया है। हमारी सरकार ने यह व्यवस्था बनाई है कि चयन की प्रक्रिया से लेकर नियुक्ति प्रक्रिया तक किसी भी अभ्यर्थी के साथ भेदभाव न होने पाए। विगत छह वर्ष में छह लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने में हम सफल रहे हैं। आज उत्तर प्रदेश की नियुक्ति प्रक्रिया पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है। उन्होंने कहा कि चुनौती से जो घबरा जाता है वह कुछ नहीं प्राप्त कर पाता। अगर चुनौती आपके सामने है तो इसका मतलब है कि आपके लिए कुछ नए अवसर आने वाले हैं।
यूपी के बेरोजगारों की किस्मत पलटने वाली है। अभी पिछले दिनों ही यहां 20 हजार सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन की फैसला लिया गया है। प्रदेश में जल्द ही बंपर भर्तियां होने जा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के पहले चयन आयोगों पर सवाल उठते थे, युवाओं को आंदोलन करना पड़ता था। चयन प्रक्रिया के पारदर्शी न होने की वजह से युवाओं को धरना-प्रदर्शन और आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ता था। भाई-भतीजावाद का बोलबाला था। पैसे का लेनदेन होता था। कुछ लोगों के घरों से सूची बनकर जाती थी, जो योग्य नहीं होते थे उनको आयोग का अध्यक्ष बनाया जाता था। उन्होंने कहा कि आपकी पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि आपने अपनी नौकरी के लिए इस सरकार के समय आवेदन किया, जिसमें पूरी ईमानदारी के साथ चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। किसी भी स्तर पर सिफारिश की आवश्यकता महसूस नहीं हुई।
दरअसल, यूपी में संविदा पर एजुकेटर और परिचालक के कुल 20 हजार पदों पर भर्ती करने का फैसला लिया गया । पिछले 6 वर्षों में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने साढ़े 5 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरी दीं। योगी 2.0 में भी मिशन रोजगार के तहत हजारों लोगों को सरकारी नौकरी मिली है। चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आपकी पीढ़ी सौभाग्यशाली है, जो इस सरकार में नौकरी के लिए आवेदन किया। उन्होंने कहा कि पहले नौकरी के लिए आंदोलन करना पड़ता था, लेकिन आज युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले को जेल के चक्कर काटने पड़ जाएंगे।
योगी सरकार के फैसले के अनुसार, रोडवेज संविदा पर 10 हजार बस कंडक्टर्स की नियुक्ति की जाएगी। वहीं, 75 जिलों में को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र से युक्त 10,684 स्कूलों में एक-एक ईसीसीई एजुकेटर की संविदा पर नियुक्ति होगी। यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम में लगभग 7000 बसों का बेड़ा बढ़ाने के लिए काम शुरू हो चुका है। इनमें से लगभग 2000 डीजल, सीएनजी और 5000 इलेक्ट्रिक बसें कॉन्ट्रैक्ट पर चलाई जाएंगी। इन बस परिचालकों की तैनाती के लिए संविदा पर 10 हजार बस कंडक्टर्स की भी भर्ती होगी। कुछ दिनों पहले परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इस बैठक में संविदा पर कंडक्टर्स की डायरेक्ट भर्ती की घोषणा की गई थी। इसके लिए परिवहन निगम मुख्यालय से प्रधान प्रबंधक कार्मिक की तरफ से प्रस्ताव बनाकर शासन को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्र से युक्त 10684 स्कूलों में ईसीसीई एजुकेटर की भर्ती आउटसोर्सिंग से 11 महीनों के लिए की जाएगी। एजुकेटर्स को हर महीने 10313 रुपये का मानदेय मिलेगा।
डीजी स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने एजुकेटर भर्ती के संबंध में बीएसए को एक पत्र लिखा है। इनका मुख्य काम तीन से छह साल के छात्रों को औपचारिक शिक्षा के लिए तैयार करना होगा। एजुकेटर को संबंधित स्कूलों के
प्रधानाध्यापक के निर्देशन में ही काम करना होगा। इनके चयन के लिए जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में एक समिति का गठन भी कर दिया गया है। अधिक जानकारी के लिए जनसत्ता एजुकेशन सेक्शन चेक करते रहें। (हिफी)