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भारतीय ओलंपिक संघ में छिड़ी है रार, एक बैठक तक नहीं हो पाई

देहरादून। एक तरफ उत्तराखंड के लोग खेल मंत्री रेखा आर्या के दावे के मुताबिक अक्तूबर-नवंबर के बीच राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए टकटकी लगाए हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) में मचे घमासान के बीच दिल्ली में राष्ट्रीय खेलों को लेकर एक बैठक तक नहीं हो पा रही है।
आईओए की संयुक्त सचिव और उत्तराखंड निवासी अलकनंदा अशोक ने आरोप लगाया है कि उनके बार-बार रिमाइंडर देने के बावजूद संघ अध्यक्ष पीटी ऊषा राष्ट्रीय खेलों को लेकर कार्यकारिणी की बैठक तक नहीं बुला रही हैं। सितंबर की शुरुआत में खेल मंत्री आर्या ने आईओए अध्यक्ष से दिल्ली जाकर मुलाकात की थी और राज्य में जल्द खेल की तारीख घोषित करने का निवेदन किया था। लेकिन तब से आईओए की अध्यक्ष ऊषा और अन्य 12 सदस्यों के बीच ऐसी रार छिड़ी कि खेलों की तारीख तय होना दूर, इसे लेकर एक बैठक तक नहीं हो पाई है।
राज्य के खेल विभाग की बड़ी उलझन यह है कि न खेलों की तारीख तय हुई है, न ही 38 तरह के खेलों के लिए स्थान, स्टेडियम आदि। राज्य की अभी तक की सभी तैयारियां संभावित स्थलों के आधार पर हुई हैं, क्योंकि तारीख और स्थानों का अंतिम चयन आईओए को करना है।
राज्य के खेल अधिकारियों के लिए एक बड़ी चुनौती आने वाला शादियों का सीजन है। राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग कर रहे उत्तराखंड समेत आठ राज्यों के खिलाड़ियों के साथ उनके कोच व अन्य मेहमानों को ठहराने के लिए बड़े बंदोबस्त की आवश्यकता होगी, लेकिन 20 नवंबर से 15 दिसंबर तक शादियों के साये में राज्य के ज्यादातर बड़े होटल बुक रहेंगे। ऐसे में कोच-खिलाडिघ्यों को ठहराने में दिक्क्त हो सकती है। राज्य में खेल कराने का दायित्व भारतीय ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक संघ और राज्य सरकार का है, जिसके लिए करार हुआ था। सरकार की ओर से विशेष प्रमुख सचिव, खेल अमित सिन्हा का दावा है कि एक महीने के नोटिस पर खेल कराने की तैयारियां हो चुकी हैं। लेकिन उधर अभी आईओए की बैठक होने के आसार नहीं बन रहे हैं। जानकारों का मानना है कि ऐसा ही रहा तो इस साल खेल नहीं हो पाएंगे।

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