प्रदेश में शुरू हुआ जीरो पॉवर्टी अभियान, हर गांव में चिह्नित किए जाएंगे सबसे निर्धन 25 परिवार: योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश अगले एक साल में अत्यधिक गरीबी से मुक्त होगा। इसके लिए सरकार ने गांधी जयंती के अवसर पर जीरो पॉवर्टी अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में निर्धनतम 10 से 25 परिवार चिह्नित किए जाएंगे। उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर फंड) की भी मदद ली जाएगी। इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश भेज दिए हैं। शासनादेश में कहा गया है कि सभी निर्धन परिवारों को भोजन, वस्त्र, अच्छी शिक्षा, चिकित्सा और मकान की उपलब्धता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए निर्धन परिवारों के मापन-सूचक बेंचमार्क पर एक ठोस डिजिटल डाटाबेस तैयार होगा, ताकि शासन के हस्तक्षेप से निर्धनतम परिवारों की स्थिति में जो बदलाव आए, उसे जीरो पॉवर्टी पोर्टल पर रिकॉर्ड किया जा सके।
आजीविका के लिए सहायता और उद्यमियों के साथ विजन साझा करके आर्थिक व वित्तीय स्थिति में बदलाव आदि आयामों पर काम किया जाएगा। इस योजना की खास बात यह होगी कि इसका क्रियान्वयन और रिपोर्टिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म से होगी। पेंडेंसी की रिपोर्टिंग भी अनिवार्य होगी। विशेषज्ञों की प्रोफेशनल टीम सभी आयामों को लागू करेगी, जिसे सीएम हेल्पलाइन और आईजीआरएस सिस्टम से भी जोड़ा जाएगा। निर्देशों में कहा है कि जीरो पॉवर्टी अभियान का तेज गति से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि एक वर्ष के बाद प्रदेश को जीरो पॉवर्टी प्रदेश घोषित किया जा सके।
निर्धनतम परिवारों का डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इस तरह चयन किया जाएगा कि उनके प्रोफाइल का स्पष्ट पता चल सके। संबंधित विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उनके नियमित संपर्क में रहेंगे। निर्धनतम परिवारों का चयन चार मानकों के आधार पर होगा। ये हैं- गृहहीन या कच्चा मकान, भूमिहीन परिवार, दिहाड़ी व कृषि मजदूरी पर आश्रित अनियमित आय वाले और खाने-पीने की तंगी। इसके लिए मॉप-अप मोबाइल एप पर परिवारों के बारे में सूचनाएं दर्ज की जाएंगी। ये काम पंचायत सहायक, रोजगार सेवक, समूह सखी व अन्य सामुदायिक कैडर और बीसी सखी को करना है।