लेखक की कलम

योगी को मिलेगा विपक्ष की कलह का लाभ

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है। उसके नेता परमानन्द गर्ग सपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए हैं। बसपा ने अग्रसेन भवन में आयोजित कैडर कैंप में परमानन्द गर्ग का स्वागत करने के साथ ही शहर विधानसभा सीट का प्रभारी बनाया है। परमानन्द गर्ग के पार्टी में शामिल होने की बसपा जिला अध्यक्ष दयाराम सैन ने पुष्टि की है। सपा की तरफ से भी बसपा में सेंधमारी के प्रयास हो रहे हैं। बसपा प्रमुख अखिलेश यादव यूपी में पीडीए को मजबूत करना चाहते हैं लेकिन सांसद अफजाल अंसारी जैसे नेता अखिलेश यादव को डैमेज कंट्रोल करने पर विवश कर देते हैं। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सपा नेताओं के हिन्दुत्व पर हमले कर करारा जवाब देते हैं। कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर सरकार अभी से सक्रिय हो गयी है। प्रयागराज में अगले वर्ष आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए कई पैकेज तैयार किए गए हैं। सरकार शासन व प्रशासन पर भी पूरा ध्यान दे रही है। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में तैनात 17 हजार सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) के मानदेय में पांच हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है । इस प्रकार योगी सरकार प्रदेश में होने वाले 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए प्रत्येक स्तर पर तैयारी कर रही है। योगी सरकार को भरोसा है कि विपक्ष के टकराव का सियासी लाभ उसे मिलेगा।
यूपी में जब बड़ी ही सावधानी से समाज वादी पार्टी बसपा के किले में सेंधमारी करने की कोशिश कर रही थी तभी बसपा ने उलट प्रहार करते हुए सपा के एक महारथी को अपने खेमे में शामिल कर लिया है। सपा के प्रदेश सचिव से इस्तीफा देने वाले परमानन्द गर्ग बसपा में शामिल हो गए हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान पीडीए फॉर्मूले की बड़ी सफलता के बाद समाजवादी पार्टी लगातार इसे और मजबूत करने में जुटी है। इसी के तहत समाजवादी पार्टी की नजर बहुजन समाज पार्टी के दलित वोटबैंक पर हैं। इसके लिए सपा ने बड़े स्तर पर रणनीति तैयार की है। यही नहीं सपा नेताओं को खास जिम्मेदारी दी है ताकि वो दलितों के बीच जाकर उन्हें सपा की रीति और नीति की जानकारी दें। अखिलेश यादव ने सपा नेताओं को इस बात के खास निर्देश दिए हैं कि वो बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने से परहेज करें और कोई ऐसा बयान न दे जिससे उनके समर्थकों में नाराजगी आए। सपा अध्यक्ष खुद भी अक्सर मायावती को लेकर संभलकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यही नहीं कई मुद्दों पर वो उनके साथ भी खड़े दिखाई देते हैं। समाजवादी पार्टी पीडीए को मजबूत बनाने के लिए बूथ स्तर पर काम कर रही है। इसके लिए पार्टी के नेता दलित वोटरों के साथ संपर्क कर रहे हैं। जिन सीटों पर उपचुनाव होना है उन सीटों पर इस रणनीति के तहत और तेजी से काम किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक सपा नेता बूथ स्तर पर दलित मतदाताओं के साथ मेल जोश बढ़ा रहा है।
सपा की रणनीति के तहत जिस सीट पर जिस जाति के लोगों की संख्या ज्यादा है वहाँ पर उसी जाति के पदाधिकारी और प्रतिनिधियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। ये लोग ऐसे इलाकों में जाकर लोगों के साथ बातचीत कर रहे हैं उन्हें सपा की नीतियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। सपा इस रणनीति पर चुपचाप काम कर रही है। सपा नेतृत्व ने स्थानीय इकाइयों को निर्देश दिए हैं कि जिन बूथों पर पिछले दो चुनाव में कम वोट पड़े हैं वहां के जातीय समीकरण को देखते हुए रणनीति बनाई जाए। इन जगहों पर उन सीटों के जातीय समीकरण को देखते हुए ही पदाधिकारियों को तैनात किया जाए। अखिलेश के बयानों को लेकर बसपा प्रमुख मायावती अपने काडर को सावधान भी करती हैं। सपा के बड़े नेता को बसपा में शामिल करने से दोनों दलों के बीच दूरी बढेगी। उधर सपा सांसद के संतों के गांजा पीने वाले बयान से संत समाज की नाराजगी बढ़ी है। भाजपा ने कुंभ की तैयारियों से इसका जवाब दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 6 अक्तूबर को महाकुंभ-2025 की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। सीएम ने महाकुंभ के प्रतीक चिह्न, वेबसाइट और मोबाइल ऐप का लोकार्पण भी किया। इस दौरान उन्होंने साधु-संतों के भी सुझावों को सुना और अफसरों को निर्देश दिया। सीएम ने महाकुंभ से जुड़ी तैयारियों के लिए डेडलाइन तय करते हुए निर्देश दिया कि 10 दिसंबर तक सारे काम पूरे कर लिए जाएं। प्रयागराज सहित प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों पर भ्रमण के लिए पर्यटन निगम ने 14 टूर पैकेज तैयार किए हैं। पैकेज में पर्यटकों के ठहरने, भ्रमण, गाइड व दर्शन की व्यवस्था की गई है। सभी पैकेज प्रयागराज में अगले वर्ष आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए तैयार किए गए है। इनकी सुविधा प्रयागराज से ली जा सकेगी। पर्यटक अपना टूर पैकेज बुक भी करा सकते हैं।
इस प्रकार कुंभ में आने वाले संतों के गांजा पीने के विवादित बयान को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने सपा की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। इस मामले में गाजीपुर कोतवाली में सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अखाड़ों से जुड़े संत महात्माओं का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। तमाम संतों के बाद अब किन्नर अखाड़े ने भी इस मामले को लेकर अपनी नाराजगी जताई है। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने मोदी और योगी की सरकारों से अफजाल अंसारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की अपील की है। उन्होंने इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से भी सांसद अफजाल अंसारी को पार्टी से बाहर निकालने की मांग की है।
योगी आदित्यनाथ ने भी सपा और कांग्रेस पर हमला बोला है। योगी कहते हैं कि भरी सभा में ये दोनों दल सुधारों की बात करते हैं। कांग्रेस और सपा पर एक शायरी के माध्यम से निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में आयोजित रोजगार मेले में कहा कि यूपी में दो लड़कों (राहुल और अखिलेश) की जोड़ी लूटपाट करने के लिए एक साथ आई है। इन्होंने कभी किसी का हित नहीं किया है। जनता जनार्दन ने जब भी इन लोगों को शक्ति दी है, इन्होंने शक्ति का दुरुपयोग वैसे ही किया है जैसे कि किसी कालखंड में भस्मासुर ने किया था। इन्होंने आस्था पर प्रहार किया है। सपा के अंदर तो जैसे औरंगजेब की आत्मा घुस गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले केंद्र में जब कांग्रेस के नेतृत्व की सरकार थी, तब रामसेतु को तोड़ने का काम किया गया। योगी के आरोप को किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की प्रतिक्रिया से बल मिला है। (हिफी)

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