लेखक की कलम

झारखंड में भी भगवा की उम्मीद

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
नवंबर अथवा दिसंबर 2024 में ही झारखंड विधानसभा के चुनाव होने चाहिए। झारखंड में भाजपा 52 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के शामिल होने के बाद पार्टी का उत्साह बढ़ा है। भाजपा संताल परगना के आदिवासी क्षेत्रों में बांग्लादेशी घुसपैठ कोल्हान में आदिवासी समाज के बीच घुसपैठ पलामू प्रमंडल रांची धनबाद जैसे शहरी केंद्र में युवाओं के बीच बेरोजगारी उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा में हुई मौत का मुद्दा जोरशोर से उठा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों के कल्याण का मामला जोरशोर से उठाया। उधर विपक्षी दलों के गठबंधन इण्डिया में सीटों के बंटवारे को लेकर कलह की भी खबरें मिल रही हैं। झारखंड विधानसभा के सभी 81 सदस्यों का चुनाव करने के लिए नवंबर या दिसंबर 2024 में मतदान होगा। झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को समाप्त होने वाला है। पिछला विधानसभा चुनाव दिसंबर 2019 में हुआ था।
पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के बाद प्रदेश भाजपा ने आंतरिक सर्वे कराया। इसके नतीजे ने भाजपा नेताओं को चौंकाने के साथ खुश कर दिया। सरकार बनने की संभावना दिखने पर पार्टी का उत्साह बढ़ा है। झारखंड में चुनाव होने हैं और चुनावी साल में सूबे की सत्ता पर काबिज गठबंधन में रार छिड़ गई है। झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने ऐसा बयान दे दिया कि भड़की जेएमएम ने कहा है कि हम सूबे की 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने में सक्षम हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आगाह किया कि झारखंड में हिंदुओं और आदिवासियों की आबादी घट रही है। पीएम मोदी ने जेएमएम के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर राज्य की पहचान, संस्कृति और विरासत से समझौता करने का आरोप लगाया है।
उल्लेखनीय है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 52 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली थी। इसी प्रकार 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने 60 से अधिक विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल की थी। हालांकि, उसी साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार हुई थी। विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में खटपट की खबर सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस को मनचाही सीटों पर झटका लग सकता है। फॉर्मूला कुछ ऐसा बन रहा है कि कांग्रेस की सीटें अपने आप घट जाएंगी। वहीं आरजेडी भी बढ़ चढ़कर कई सीटों पर दावे ठोंक रही है। अब देखने वाली बात होगी कि मामला कैसे सुलझता है।
महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर कुछ ही दिनों में खटपट शुरू होनेवाली है। खटपट का कारण सीटों का बंटवारा ही होगा। कांग्रेस 31 सीटों से बढ़कर 33 अथवा 35 सीटों पर दावा कर रही है लेकिन अपनी सीटें कटने से बचाने का रास्ता भी खोजना होगा।फिलहाल जो फॉर्मूला बनाने की कोशिश की जा रही है, उसके अनुसार वामपंथी दलों को सीटें तो मिलेंगी लेकिन इसके एवज में कांग्रेस और राजद की सीटें खुद-ब-खुद कट जाएंगी। झामुमो का कोई नुकसान नहीं होगा।
झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए घोषणाएं कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने गोगो दीदी योजना शुरू करने की घोषणा की है जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंईयां सम्मान योजना चला रहे हैं। हालांकि हेमंत सोरेन भाजपा की गोगो दीदी योजना पर ब्रेक लगाने की कोशिश में लगे हैं। इसप्रकार दोनों तरफ से झारखंड की जनता को रिझाने की कोशिश की जा रही है लेकिन सीटों का बंटवारा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने झारखंड में रोटेशन पर सीएम बनाने की मांग कर सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। वहीं अब गुलाम अहमद मीर ने रोटेशन वाले बयान पर कहा है कि कार्यकर्ताओं को टारगेट देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को 25 से 30 विधानसभा सीटों को जीतने का टारगेट दिया
गया है।
माना जा रहा है कि झारखंड विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा कुछ ही दिनों में होने वाली है। इससे पहले झारखंड में सियासी पारा पूरी तरह से तेज हो गया है। झारखंड में सत्ता पक्ष और विपक्ष के दावों और तकरार के बीच अब गठबंधन के अंदर भी अपनी मांगों को लेकर खींचतान शुरू हो गयी है। दरअसल झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने झारखंड में रोटेशन पर सीएम बनाने की मांग कर सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।
गुलाम अहमद मीर ने कहा कि ज्यादा सीटें जीतने पर ही स्थिति मजबूत रहती है। पार्टी के मजबूत रहने पर कार्यकर्ताओं की उम्मीदें भी पूरी होती है। संथाल में घुसपैठ की बातें महज सियासी चर्चा है। उसमें कुछ भी नहीं है। पिछले 10 सालों से बीजेपी की ही केंद्र में सरकार है। गाय, बकरी जानवर भी सीमा पार करते हैं तो उसकी सूचना आती है। झारखंड चुनाव में टिकट की उम्मीदवारी पर कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि जो जनता को प्यारा, वही पार्टी को भी प्यारा है। झारखंड चुनाव 2019 में कांग्रेस ने जिन 17 सीटों पर जीत हासिल की थी. फिलहाल गठबंधन में कांग्रेस कोटे के चार मंत्री शामिल हैं।
झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानों पर घमासान तो जारी है लेकिन, इसके ठीक उलट गठबंधन के अंदर भी बयानों के जरिए प्रेशर पॉलिटिक्स और माइलेज लेने की पूरी तैयारी है। इंडिया गठबंधन के अंदर झामुमो और कांग्रेस भी लगातार कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने में जुटे हैं लेकिन, कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के दौरान अब बड़े नेताओं का बयान गठबंधन धर्म के आगे जा रहा है। झारखंड विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बाद पहली बार कांग्रेस की ओर से सबसे बड़ा बयान आया। दरअसल कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने रांची में पार्टी के संवाद कार्यक्रम में 35-40 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी। उन्होंने मंच से यह भी कह दिया था कि अगर कांग्रेस 25-30 सीट जीत जाती हैं तो अगला मुख्यमंत्री रोटेशन के तहत कांग्रेस का होगा।
झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष में महिलाओं को लाभ पहुंचाकर अपने-अपने खेमे में करने की होड़ मची है। दोनों ओर घोषणाओं के स्तर पर चल रहा घमासान अब चुनाव आयोग और कानूनी कार्रवाई तक पहुंच चुका है। महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की सम्मान राशि देने की हेमंत सरकार की मंइयां योजना की लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा ने इसके मुकाबले गोगो दीदी योजना लाने का वादा किया है। इसमें महिलाओं के खाते में हर महीने 2100 रुपये भेजने की बात कही गई है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की है कि झारखंड विधानसभा का चुनाव तय समय पर कराया जाए। मोर्चा का कहना है कि राज्य सरकार का कार्यकाल दिसंबर के अंत में खत्म हो रहा है और चुनाव आयोग को समय रहते चुनाव की तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए। झामुमो ने यह भी कहा है कि भाजपा आदिवासियों की चिंता करने का ढोंग बंद करे।
सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने चुनाव आयोग से एक बार फिर कहा है कि तय समय पर राज्य विधानसभा का चुनाव संपन्न कराया जाए। इस संबंध में मोर्चा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इसमें उल्लेख है कि राज्य सरकार का कार्यकाल दिसंबर के अंतिम में खत्म होगा। झारखंड में वर्ष 2019 में 23 दिसंबर को निर्वाचन आयोग का रिजल्ट आया। इसके बाद पांच जनवरी, 2020 को औपचारिक रूप से विधानसभा का गठन हुआ। (हिफी)

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