लेखक की कलम

महाराष्ट्र में कांग्रेस के उम्मीदवार बने मुसीबत

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
महाराष्ट्र में अगले महीने अर्थात नवंबर में चुनाव होने की संभावना है। संभावना क्या होना ही चाहिए लेकिन केंद्र सरकार का रुख यह तय करेगा। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिलीं। इसलिए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से ही टिकट पाने के लिए भीड़ है। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक 1800 से ज्यादा लोगों ने एप्लीकेशन फाइल कर दिये थे, जबकि पार्टी केवल 100-110 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इस स्थिति ने पार्टी के लिए उम्मीदवारों का चयन एक चुनौती बना दिया है। प्रदेश कांग्रेस
अध्यक्ष नाना पटोले सामंजस्य बैठाने का प्रयास कर रहे हैं। विपक्षी दलों के गठबंधन इण्डिया के साथ भी विचार विमर्श करना होगा। समाजवादी पार्टी सपा हरियाणा में सब्र का परिचय दे चुकी है लेकिन महारास्ट्र में अखिलेश यादव चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके हैं । विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी होना बाकी है, लेकिन उससे पहले ही कांग्रेस पार्टी के लिए राज्य में मुसीबत खड़ी हो गई है। महा विकास अघाडी एमवीए के घटक दल एनसीपी और शिवसेना भी अच्छी खासी सीटें मांगेंगे। कांग्रेस की तरफ से सुविधा वाली सीटें देखी जा रही हैं। इस बार विदर्भ और मराठवाड़ा इलाके से सबसे ज्यादा लोगों ने एप्लीकेशन फाइल की हैं।महा विकास अघाड़ी एमवीए मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी और महाराष्ट्र में सरकार बनाएगी। किसी एक पार्टी का वर्चस्व भी नहीं चल पाएगा क्योंकि लोकसभा के चुनाव में अगर कांग्रेस को सबसे ज्यादा सांसद मिले तो इसमें एमवीए के घटक दल एनसीपी और शिवसेना का भी समर्थन रहा है । इस समय भी सबसे बड़ी जरूरत एकता बनाए रखना है। सत्तारूढ़ दल इस एकता को तोड़ने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र की 150 विधानसभा सीटों के लिए आंतरिक सर्वेक्षण कराया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने 7 अक्तूबर को बताया कि इस सर्वेक्षण के अनुसार, कांग्रेस 85 सीटें जीत रही है। महाराष्ट्र विधानसभा भारतीय राज्य महाराष्ट्र की विधायिका का निचला सदन है। वर्तमान में, विधानसभा के 288 सदस्य एकल-सीट वाले निर्वाचन क्षेत्रों से सीधे चुने जाते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से 29 अनुसूचित जाति और 25 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट 21 जून 2022 को भारतीय शुरू हुआ था, जब शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता, एकनाथ शिंदे, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के कई अन्य विधायकों के साथ, भाजपा शासित गुजरात के सूरत चले गए। विधायक टूटने न पाएं इसलिए यह समूह बाद में एक अन्य भाजपा शासित राज्य असम में गुवाहाटी चला गया। शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा पर शिवसेना के भीतर विद्रोह करने और एमवीए गठबंधन सरकार को गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया। इस प्रकार उद्धव ठाकरे की सरकार अल्पमत में आ गयी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 29 जून 2022 को अविश्वास प्रस्ताव से पहले सोशल मीडिया पर लाइव संबोधित करते हुए अपने पद से और साथ ही एक एमएलसी सदस्य से इस्तीफा दे दिया। ठाकरे के इस्तीफे ने फ्लोर टेस्ट को रद्द कर दिया, जिसमें शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में सरकार और 30 जून को देवेंद्र फडणवीस के रूप में उपमुख्यमंत्री के रूप में सरकार की हिस्सेदारी ली।
उल्लेखनीय है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने करीब 16 फीसदी वोटों के साथ 44 सीटें ही जीती थीं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में, कांग्रेस 48 में से 13 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। लोकसभा के नतीजों के अनुसार, कांग्रेस 63 विधानसभा सीटों पर आगे चल रही है, उसके बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना (57) और शरद पवार की एनसीपी (34) हैं। कुल मिलाकर, एमवीए गठबंधन 288 सीटों में से 154 पर आगे है। वडेट्टीवार ने कहा कि पार्टी ने राहुल गांधी से चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस को और मजबूती देने के लिए काफी संख्या में रैलियां करने का अनुरोध किया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, सभी पार्टियां इस तरह के सर्वेक्षण कराती हैं। हमारे सर्वेक्षण में 150 सीटों को शामिल किया गया है, जिसमें हमें 85 सीटें जीतते हुए दिखाया गया है। महा विकास अघाड़ी मिलकर लड़ेगी और महाराष्ट्र के लोगों को सुशासन सुनिश्चित करेगी।
कांग्रेस नेता ने सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति को शीर्ष स्थान देने वाले कुछ सर्वेक्षणों को खारिज करते हुए कहा कि ये सर्वेक्षण करने वाली एजेंसियां भारी फीस लेकर लोगों को बेवकूफ बना रही हैं। महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं। कांग्रेस के साथ लोग जुड़े भी हैं और छोड़कर गये भी हैं । भंडारा से बीजेपी के पूर्व सांसद शिशुपाल पटले ने 16 अगस्त को कांग्रेस का हाथ थाम लिया। शिशुपाल पटले के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी के महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के कई और विधायक कांग्रेस में शामिल होंगे। कांग्रेस नेता ने महायुति के सहयोगियों में नाराजगी का आरोप लगाया है।
इसका कारण यही बताया जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में, एमवीए को 31 सीटें मिलीं (जिसमें एक बागी कांग्रेसी द्वारा जीती गई सांगली की सीट भी शामिल है)। सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को सिर्फ 17 सीटें मिलीं, जिसमें भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ।
संसदीय आंकड़ों के अनुसार, महायुति गठबंधन 127 सीटों पर आगे चल रहा है, जिसमें भाजपा 80, एकनाथ शिंदे की सेना 39 और अजित पवार की एनसीपी 6 सीटों पर आगे है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें और अविभाजित शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं।
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने सरकार पर कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता सरकार की कार्यशैली से खुश नहीं हैं। कई लोगों ने हमसे संपर्क किया है और आने वाले दिनों में कई बड़े नेता कांग्रेस में शामिल होंगे। बता दें महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है।
भंडारा से बीजेपी के पूर्व सांसद शिशुपाल पटले कहते हैं कि बीजेपी बदल गई है और ठेकेदारों और पूंजीपतियों की पार्टी बन गई है। पार्टी का किसानों और मजदूर वर्ग से कोई जुड़ाव नहीं है। बीजेपी ने विपक्षी दलों को तोड़ने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया है। इसलिए मैं कांग्रेस में शामिल हुआ। शिशुपाल पटले ने महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष बावनकुले को लिखे त्यागपत्र में भारी मन से पार्टी छोड़ने पर दुख जताया था।
लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाडी (एमवीए) ने राज्य की 48 लोकसभा सीट में से 30 पर जीत हासिल की थी। शिवसेना (यूबीटी) ने 21 सीट पर चुनाव लड़ा था, उसके बाद कांग्रेस ने 17 और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने 10 सीट पर चुनाव लड़ा था जबकि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन 48 में से सिर्फ 17 सीट जीत सकी थी। बीजेपी की सीट की संख्या 2019 में 23 से घटकर 2024 में नौ रह गई है। (हिफी)

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