योगी ने उपचुनावों में झोंकी पूरी ताकत

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अब उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनावों की चिंता है। प्रदेश में रिक्त 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा शीघ्र हो सकती है। भाजपा सभी दस सीटों को जीतने का दावा कर रही है लेकिन उसका विशेष फोकस मिल्कीपुर, कुंदरकी, सीसामऊ और कटेहरी पर है। ये सीटें समाजवादी पार्टी के प्रभाव वाली हैं। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव परिणाम आने के बाद एक बार फिर यूपी में सियासत गर्मा गई है । योगी आदित्यनाथ ने इन उपचुनावों को लेकर अभेद्य कवच तैयार किया है। चुनाव की रणनीति के लिए भारी भरकम टीम बनाई गई है। मुख्यमंत्री योगी और उनके दोनों उपमुख्यमंत्री वहां लगातार दौरे कर रहे हैं जहां उपचुनाव होने हैं । विपक्षी दलों में भी उपचुनावों को लेकर तैयारी हो रही है । माना जा रहा है कि एसपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर रुकी हुई बातचीत शुरू हो सकती है। बसपा प्रमुख मायावती ने भी अपने कार्यकर्ताओं को एक तरफ अपने वोट बैंक को संभाले रखने की तरकीब बतायी तो दूसरी तरफ भाजपा से जनता की नाराजगी का फायदा उठाने की नसीहत दी है। बसपा प्रमुख मायावती ने हालांकि हरियाणा से सबक लेकर क्षेत्रीय दलों से समझौता न करने की रणनीति बनायी है इसलिए यूपी में उनके रुख पर भाजपा की भी नजर है। हालांकि महाराष्ट्र में एसपी को सीटें देने के मामले में शरद पवार और उद्धव ठाकरे की राय भी अहम होगी। राजनीतिक जानकारों की निगाहें इसी बात पर हैं कि क्या महाराष्ट्र में बात बनती है और यूपी में भी गठबंधन बरकरार रहता है या फिर हरियाणा की तरह दोनों दल अपनी-अपनी राहें अलग ही रखेंगे।
हरियाणा के चुनाव नतीजे के ठीक दूसरे दिन अखिलेश यादव ने कांग्रेस को झटका दे दिया।यह जोर का झटका जरा धीरे से दिया। कांग्रेस को भरोसे में लिये बिना ही उन्होंने छह टिकटों की घोषणा कर दी। यूपी में विधानसभा की 10 सीटों पर उप चुनाव होने हैं। इनमें से 5 सीटों पर पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत हुई थी। बीजेपी के पास 3 सीटें थीं। आरएलडी एक सीट पर जीती थी जबकि बीजेपी के दूसरे सहयोगी दल निषाद पार्टी के पास एक सीट थी। कांग्रेस पार्टी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन में 5 सीटों की माँग की थी। कांग्रेस मंझवा, फूलपुर, गाजियाबाद, मीरापुर और खैर विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में थी लेकिन अखिलेश यादव ने प्रेशर टैक्टिक्स का दांव चल दिया है।
बसपा प्रमुख मायावती ने भी अब गठबंधन नीति में बदलाव किया है। बसपा अब क्षेत्रीय दलों से तालमेल नहीं करेगी। इसके साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को विधानसभा उपचुनाव में भाजपा से जनता की नाराजगी का फायदा उठाने की नसीहत दी गयी है। बसपा कार्यालय में प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि सरकार के कागजी वादों व दावों से जनता का जीवन त्रस्त है, जिसका जमीनी राजनीतिक लाभ लेने की जरूरत है। विधानसभा उपचुनाव को लेकर मायावती ने संगठन में मामूली फेरबदल भी किया।
विपक्षी दलों की तैयारी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी ने विधानसभा उपचुनाव वाले 10 जिलों के लिए खजाना खोल दिया है। अब तक वह 6579 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास कर चुके हैं। रोजगार मेले के जरिए 53 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर विपक्ष के बेरोजगारी के आरोपों को भी कुंद कर चुके हैं। 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को टैबलेट व स्मार्ट फोन भी दिए हैं। विधानसभा उपचुनाव में मिशन-10 के लिए जुटी योगी सरकार ने सभी 10 विधानसभा सीटों में पहुंचकर विकास योजनाओं को हरी झंडी देने के साथ ही युवाओं को भी साधने की कोशिश की है। रोजगार मेले के जरिए इन क्षेत्रों के करीब 53 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया गया है। इसे 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसके लिए रणनीति बनाने में सभी दल लगे हुए हैं।
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस के गठबंधन ने बीजेपी को तगड़ा झटका दिया। इस गठबंधन ने प्रदेश की 80 में से 43 सीटों पर कब्जा जमा लिया। इनमें से सपा ने 37 और कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत दर्ज की है। इससे बीजेपी परेशान है। वह उत्तर प्रदेश में अपना खोया हुआ जनाधार वापस लाने की हर संभव कोशिश कर रही है। इसके लिए वह रोज नए कार्यक्रम बना रही है। साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन उपचुनावों को सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसके लिए बीजेपी और इंडिया गठबंधन तगड़ी तैयारी कर रहे हैं।
इस उपचुनाव में भी बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती सपा और कांग्रेस का गठबंधन ही होगा। दरअसल सपा प्रमुख अखिलेश यादव का पीडीए फार्मूला (पिछड़ा-दलित- अल्पसंख्यक) काफी कारगर साबित होता जा रहा है। वो इन समुदायों के मुद्दों को लेकर लगातार योगी सरकार पर हमलावर हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब तक मिल्कीपुर और कटेहरी का तीन-चार बार और खैर, करहल, सीसामऊ, फूलपुर, मीरापुर और कुंदरकी का एक-एक बार दौरा कर लिया है। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक केवल गाजियाबाद और मझवां में ही वो नहीं पहुंच पाये थे। बीजेपी यह उपचुनाव राष्ट्रवाद, रोजगार और विकास के मुद्दे पर लड़ने वाली है। योगी आदित्यनाथ ने इन 10 सीटों के लिए 30 मंत्रियों की टीम बनाई है। वो इस टीम से हर हफ्ते फीडबैक लेते हैं। योगी ने उपचुनाव वाले जिन जिलों का दौरा किया है, उनमें उन्होंने पांच हजार करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है।
यूपी की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें अयोध्या जिले की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, कानपुर नगर की सीसामऊ, मैनपुरी की करहल, अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, प्रयागराज की फूलपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी और भदोही जिले की मझवां विधानसभा सीट शामिल है। इनमें से नौ सीटों पर चुनाव विधायकों के सांसद चुने जाने और एक सीट सीसामऊ में सपा विधायक को सजा सुनाए जाने की वजह से उपचुनाव कराया जाएगा। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी पर सपा ने जीत दर्ज की थी। वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद और खैर सीट बीजेपी ने जीती थी। मझवां सीट बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी और मीरापुर सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी। (हिफी)