बांग्लादेश में 11 लाख टन चावल बर्बाद, यूनुस भारत से करेंगे आयात

शेख हसीना के जाते ही बांग्लादेश की हालत खराब होने लगी है। बांग्लादेश पर अब तो कुदरत भी निर्दयी हो चली है। बहुत जल्द बांग्लादेश में लोग भात के दाने-दाने को मोहताज हो जाएंगे। बांग्लादेश में बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है, जिसका असर लंबे समय तक रहेगा। यूनुस सरकार भी अब बेबस नजर आ रही है। जी हां, बांग्लादेश में आई बाढ़ ने करीब 11 लाख टन चावल बर्बाद कर दिया है। बांग्लादेशी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। बांग्लादेश में अब खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छूने लगे हैं। खाने-पीने की आसमान छूती कीमतों के बीच बांग्लादेश अब चावल के लिए तरसने वाला है। यही वजह है कि युनूस सरकार अब चावल के आयात बढ़ाने पर जोर दे रही है। मगर उसका सहारा केवल भारत ही होगा। पिछले दिनों हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत भागने पर अगस्त में एक अंतरिम सरकार ने सत्ता संभाली थी। मोहम्मद यूनुस की सरकार खाने-पीने की चीजों की कीमतों को स्थिर करने के लिए जूझ रही है, जो हाल के महीनों में लगभग 20ः बढ़ गई हैं। यही वजह है कि बांग्लादेश अपने यहां चावल का आयात बढ़ा रहा है। बांग्लादेश अब फिर से भारत के सामने हाथ फैलाने को तैयार है। उसे अपने चावल का आयात बढ़ाने के लिए पड़ोसी देश भारत पर निर्भर रहना होगा। ऐसे में भारत को फायदा होगा। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है। पिछले महीने ही उसने उबले हुए चावल के निर्यात पर शुल्क घटाकर 10 फीसद कर दिया था।
बांग्लादेश में बाढ़ ने 2 लाख टन से अधिक सब्जियों सहित अन्य कृषि उत्पादों को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। बाढ़ से बांग्लादेश में कुल कृषि नुकसान लगभग 45 अरब टका (38 करोड़ डॉलर) होने का अनुमान है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक बांग्लादेश आमतौर पर अपनी 17 करोड़ की आबादी का पेट भरने के लिए हर साल लगभग 4 करोड़ टन चावल का उत्पादन करता है।