पीएम मोदी ब्रिक्स में भाग लेने पहुंचे रूस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 22 अक्टूबर को रूस पहुंचे। ब्रिक्स बैठक में भाग लेने जाने से पहले उन्होंने बयान दिया। पीएम ने कहा कि वह ब्रिक्स के नेताओं से मिलने के लिए काफी उत्सुक हैं। वह इस दौरे पर कई राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात भी कर सकते हैं। हालांकि, उनके चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है। दरअसल, उनके यात्रा के 24 घंटे पहले भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त के लिए राजी हुए हैं। बयान में कहा गया कि एलएसी पर झड़प से पहले 2020 वाली स्थिति बनेगी। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल नए सदस्यों के शामिल होने से ब्रिक्स का विस्तार हुआ है। इससे इसकी वैश्विक एजेंडे में काफी वृद्धि हुई है। जुलाई 2024 में मास्को में आयोजित वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद, मेरी कजान यात्रा भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी। ब्रिक्स के अन्य नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं।
रूस यात्रा से पहले प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आमंत्रण पर कजान की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं। मैं 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा। भारत ब्रिक्स के भीतर करीबी सहयोग को बहुत महत्व देता है। ब्रिक्स वैश्विक विकास एजेंडा, बहुपक्षवाद, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक सहयोग, मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण, सांस्कृतिक और जनसंपर्क को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों पर संवाद और चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है।’ पीएम मोदी के रूस दौरे से एक दिन पहले एलएसी पर सेना की गश्ती को लेकर चीन भारत में सहमती बनी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारतीय और चीनी वार्ताकार पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं।