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इजरायल को मिला हिजबुल्लाह का गुप्त खजाना

इजरायल ने दावा किया और कहा है कि बेरूत अस्पताल के नीचे उसे हिज्बुल्लाह का गुप्त खजाना मिला है। इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) के अनुसार, बंकर में करोड़ों डॉलर की नकदी और सोना था, जिसका कथित तौर पर हिज्बुल्लाह उपयोग किया करता था। यह खुलासा इजरायली वायु सेना ने किया है और कहा है कि हिजबुल्लाह की वित्तीय संपत्तियों को निशाना बनाकर की गई कार्रवाई में ये गुप्त खजाना मिला है, जिसमें काफी संख्या में डॉलर और सोना है। आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने एक टेलीविजन ब्रीफिंग के दौरान विस्तृत जानकारी दी और कहा हिजबुल्लाह के पास हसन नसरल्ला के बंकर में लाखों डॉलर का सोना और नकदी है। बंकर सीधे बेरूत के मध्य में अल-साहेल अस्पताल के नीचे स्थित है। हगारी ने कहा कि महत्वपूर्ण वित्तीय संसाधनों की कथित उपस्थिति के बावजूद हमने अस्पताल पर अब तक हमला नहीं किया है। उन्होंने कहा, अनुमान के मुताबिक, इस बंकर में कम से कम आधा अरब डॉलर और काफी मात्रा में सोना जमा हैं। इस पैसे का इस्तेमाल हिजबुल्लाह लेबनान के पुनर्निर्माण के लिए किया जा रहा है।
बता दें कि 20 अक्टूबर की रात इजरायल ने हवाई हमलों में हिजबुल्लाह से जुड़े लगभग 30 ठिकानों को निशाना बनाया था, जिसमें हिजबुल्लाह से जुड़ी वित्तीय कंपनी अल-कर्द अल-हसन (एक्यूएएच) द्वारा संचालित साइटें भी शामिल थीं। अल-कर्द अल-हसन, हालांकि एक चैरिटी के रूप में पंजीकृत है, इस पर इसरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों द्वारा हिजबुल्लाह की एक महत्वपूर्ण वित्तीय शाखा के रूप में सेवा करने, सैन्य उद्देश्यों के लिए नकदी और सोने के भंडार तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने का आरोप लगाया गया है। हगारी ने दावा किया कि प्रमुख लक्ष्यों में से एक भूमिगत तिजोरी थी जिसमें करोड़ों डॉलर नकद और सोना था, ये संसाधन कथित तौर पर इजराइल पर हमलों के वित्तपोषण के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे। हालांकि हगारी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या हमले में सारी धनराशि नष्ट हो गई, उन्होंने कहा कि आगे भी हवाई हमले की संभावना है।
ये हमले हिज्बुल्लाह के वित्त को बाधित करने के तीव्र इजरायली प्रयास के बाद हुए। आईडीएफ चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हरजी हलेवी के अनुसार, अभियान में 24 घंटे की अवधि में लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर 300 से अधिक हमले शामिल थे, जिनमें महत्वपूर्ण वित्तीय और लॉजिस्टिक केंद्र भी शामिल थे। अल-कर्द अल-हसन 1980 के दशक से लेबनान में काम कर रहा है, जो लेबनानी नागरिकों को सोने के भंडार के बदले ऋण प्रदान करता है।

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