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कामेडियन राजेन्द्र नाथ के एक फैसले ने बनाया कंगाल

राजेंद्र नाथ ने एक कॉमेडियन के रूप में पहचान बनाई थी। उनके दौर में ऐसा कोई सितारा नहीं था जिसके साथ राजेंद्र नाथ ने काम न किया हो। उन्हें खास पहचान मिली थी शशि कपूर और नंदा की फिल्म जब जब फूल खिले से। इस फिल्म के बाद राजेंद्र नाथ भी अपना नाम बनाने में कामयाब रहे। हालांकि इससे पहले उन्हें तमाम मुश्किलों से गुजरना पड़ा था। वो शुरुआत में अपने काम को लेकर सिंसियर नहीं थे। इस बात से नाराज होकर उनके भाई प्रेमनाथ ने उन्हें घर से निकाल दिया था। प्रेमनाथ और राजेंद्र नाथ की सगी बहन कृष्णा की शादी राज कपूर से हुई थी। इस नाते राजेंद्र नाथ का राज कपूर से भी करीबी नाता था। बतौर कॉमेडी एक्टर राजेंद्र नाथ अच्छी पहचान बनाने में कामयाब रहे। लेकिन एक फैसले ने उन्हें फिर बुरे दिनों की ओर धकेल दिया। राजेंद्र नाथ ने फिल्म मेकिंग का कोई तजुर्बा न होने के बावजूद एक फिल्म बनाने की प्लानिंग की। इस फिल्म में उन्होंने रणधीर कपूर और नीतू सिंह को कास्ट भी किया। फिल्म इतनी ओवर बजट हो गई कि राजेंद्र नाथ कर्जदार हो गए। पैसा लगाने वालों को भी उनकी हालत पर तरस नहीं आया। कहा जाता है कि सभी ने उन से तय दर से ज्यादा सूद बटोरा और राजेंद्र नाथ कंगाली की कगार पर पहुंच गए।
‘दिल देके देखो’ और ‘जब प्यार किसी से होता है’ के बाद राजेंद्र नाथ को नासिर हुसैन ने ‘फिर वही दिल लाया हूं’, ‘बहारों के सपने’ और ‘प्यार का मौसम’ जैसी कई फिल्मों में कास्ट किया जिसमें उनकी कॉमेडी खूब पसंद की गई। इस दौर में जॉनी वॉकर के अलावा महमूद भी बेस्ट कॉमेडियन बनने की राह पर थे, लेकिन कॉमेडी के इन दिग्गजों के बीच भी राजेंद्र नाथ को सफलता मिली। मेरे सनम और फिर वही दिल लाया हूं उनकी बतौर कॉमेडियन बेहतरीन फिल्में मानी जाती हैं। कॉमेडी में तो राजेंद्र नाथ ने झंडे गाड़े ही थे, लेकिन एक फिल्म ऐसी भी थी जिसमें वो विलेन बने थे। ये फिल्म ‘हमराही’ थी जिसमें उनके अपोजिट शशिकला थीं। इसके अलावा उन्होंने ‘वचन’ और ‘तीन बहूरानियां’ जैसी फिल्में कीं जिनमें या तो वो हीरो थे या फिर सेकेंड लीड। वहीं, फिल्म ‘धड़कन’ और ‘जीवन मृत्यु’ जैसी फिल्मों में वो सपोर्टिंग रोल में दिखे थे। मनोज कुमार की चर्चित फिल्म ‘पूरब और पश्चिम में राजेंद्र नाथ का भले ही बहुत बड़ा कॉमिक रोल नहीं था, लेकिन उनकी परफॉर्मेंस काफी सराही गई। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में एक नेपाली फिल्म में भी काम किया था। ये फिल्म ‘मैतीघर’ थी जिसे पहली नेपाली फिल्म माना जाता है। इस तरह राजेंद्र नाथ ने तकरीबन 187 फिल्मों में काम किया था। जब प्यार किसी से होता है’ में पोपटलाल के रोल से राजेंद्र नाथ को न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी खूब पॉपुलैरिटी मिली थी। राजेंद्र नाथ ने इस किरदार को खूब भुनाया और इसी नाम से स्टेज शोज भी करने लगे। इसमें वो अपने यूनीक कॉमिक स्टाइल में जोक्स सुनाकर लोगों का मनोरंजन करते थे। (हिफी)

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