ट्रम्प की वापसी और भारत से रिश्ते

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव संपन्न हो गया। कमला हैरिस को हराकर डोनाल्ड ट्रंप ने बाजी मार ली है। मतगणना में ट्रंप और उनकी रिपब्लिकन पार्टी ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। ट्रंप ने बहुमत के लिए आवश्यक 270 सीटों की तुलना में 277 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि उनकी प्रतिद्वन्द्वी डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस को 224 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है। रिपब्लिकन पार्टी ने सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी की 42 सीटों की तुलना में 52 तथा हाउस आफ रिप्रेजेंटेटिव में 181 के मुकाबले 199 सीटों पर जीत हासिल की है। पीएम मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई है। इस बातचीत में ट्रंप ने भारत की जमकर तारीफ की है। दूसरी बार के ट्रंप राज में भारत और अमेरिका के संबंध कैसे होंगे? इसे लेकर अभी से कयासों का दौर शुरू है। पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच जो बातचीत हुई है, उसने संकेत दिया है कि भारत और अमेरिका का फ्यूचर अच्छा होगा। डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को शानदार आदमी बताया है और भारत को शानदार देश कहा है। अमेरिका को यह याद रखने की जरूरत है कि भारत अब पिछलग्गू देश नहीं है। भारत अब अपना मुकद्दर खुद लिखता है। किसी देश के दबाव में आकर अपनी नीतियां नहीं बनाता है और न बदलता है। अमेरिका और रूस की दुश्मनी में भी भारत का अपना स्टैंड बरकरार रहा है। यही कारण है कि भारत के पूर्व राजदूतों ने यह भी कहा कि भारत को सावधान भी रहना होगा। रूस-यूक्रेन युद्ध ट्रंप के एजेंडे में शीर्ष पर होगा और वह अगले साल जनवरी में, राष्ट्रपति पद पर दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से पहले इस संघर्ष पर बयान भी दे सकते हैं। पूर्व भारतीय राजनयिकों ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत-अमेरिका संबंध लगातार मजबूत होते रहेंगे। हालांकि, उनमें से कुछ ने आगाह किया कि ट्रंप बहुत अप्रत्याशित हैं और नयी दिल्ली को यह देखने के लिए इंतजार करना होगा कि वह आगे क्या रुख अपनाते हैं। वर्ष 2017 से 2020 तक नीदरलैंड में भारत के दूत रहे वेणु राजामणि ने कहा कि भारत को सावधानीपूर्वक और सचेत रहते हुए आगे बढ़ना चाहिए, भले ही हम संबंधों को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करें। यह याद दिलाते हुए कि ट्रंप के लिए हमेशा ही ‘अमेरिका पहले’ है, पूर्व दूत ने आगाह किया कि वह (ट्रंप) आगे बढ़ेंगे और वही करेंगे जो उन्हें अमेरिका के हित के लिए सबसे अच्छा लगेगा। इसलिए नयी दिल्ली को रिश्तों में उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए’ चाहे वह व्यापार हो या अन्य मुद्दे।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई है। इस बातचीत में जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को सच्चा दोस्त कहकर तारीफ की है, उससे साफ संदेश है कि अमेरिका की नीतियां भारत विरोधी नहीं होंगी। डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें शानदार आदमी बताया और भारत की सराहना करते हुए उसे शानदार देश कहा। पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी में फोन पर बातचीत हुई है, इसकी जानकारी खुद पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट में दी है। उन्होंने लिखा, ‘मेरे मित्र, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ शानदार बातचीत हुई, उन्हें उनकी शानदार जीत पर बधाई दी। प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष और कई अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक बार फिर मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।’ सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं ने वैश्विक शांति के लिए मिलकर काम करने के संकल्प की पुष्टि की। ट्रंप ने कहा कि पूरी दुनिया पीएम मोदी से प्यार करती है। भारत एक शानदार देश है और भारतीय प्रधानमंत्री एक शानदार इंसान हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से कहा कि वह उन्हें और भारत को अपना सच्चा दोस्त मानते हैं। यह बात विशेष महत्व रखती है कि पीएम मोदी उन पहले विश्व नेताओं में से एक थे जिनसे ट्रंप ने अपनी जीत के बाद बात की। डोनाल्ड ट्रंप ने इन बातों से पीएम मोदी और भारत को रिझाने की कोशिश की है। मगर भारत भी अपने हितों को ही साधेगा और वह किसी का पिछलग्गू नहीं बनेगा। भारत इसका सबूत कई बार दे चुका है। भारत पर जब रूस से तेल खरीद को लेकर अमेरिका का दबाव था, तब भी भारत ने अपनी गर्दन सीधी ही रखी थी। उस वक्त भी भारत ने साफ कह दिया था कि रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगा। भारत की मोदी सरकार ने अमेरिका की बाइडन सरकार को साफ कहा था कि ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भारत को जहां से भी जरूरत होगी, वहां से तेल की खरीद जारी रहेगी।
भारत और रूस की दोस्ती अमेरिका को शुरू से पसंद नहीं रही है। अमेरिका में सरकार चाहे किसी की रही हो, मगर व्हाइट हाउस की एक नीति स्पष्ट रही है। वह यह कि भारत अपने मित्र रूस के साथ अधिक व्यापारिक संबंध न बनाए। अमेरिका चाहता है कि भारत रूस के बदले अमेरिका से अधिक व्यापार करे चाहे तेल हो या हथियार। अमेरिका चाहता है कि भारत उससे ही व्यापार करे, न कि रूस से। मगर भारत का इन चीजों पर अपना स्टैंड साफ रहा है कि जहां माल अच्छा और कम दाम पर मिलेगा, सौदा वहीं से किया जाएगा। ऐसे में भले ही डोनाल्ड ट्रंप भारत को अपनी ओर लुभाने की कोशिश करेंगे, मगर नए भारत का नया स्टैंड क्लियर है। दोस्ती पक्की, नीति अपनी। बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि पूरी दुनिया उन्हें प्यार करती है। उन्होंने भारत को एक महान देश और पीएम मोदी को एक महान नेता बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में फिर से जीत पर बधाई दी। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं ने वैश्विक शांति के लिए साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को एक सच्चा मित्र माना और कहा कि पीएम मोदी उनके चुनावी जीत के बाद सबसे पहले संपर्क करने वाले विश्व नेताओं में से एक हैं। पीएम मोदी ने कहा, मेरे मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ सार्थक बातचीत हुई, उनकी शानदार जीत पर उन्हें बधाई दी। प्रौद्योगिकी, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए एक बार फिर राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्सुक हूं। पीएम मोदी ने ट्रंप को बधाई देते हुए लिखा, मेरे मित्र डोनाल्ड ट्रंप को ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई। आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं को आगे बढ़ा रहे हैं, मैं भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझीदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सहयोग को और नया करने के लिए उत्सुक हूं। प्रधानमंत्री ने ट्रंप का आह्वान करते हुए कहा, आइए, मिलकर अपने लोगों की भलाई के लिए और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करें। आशा करना चाहिए कि पीएम मोदी का यह आह्वान अमली जामा पहनेगा। (हिफी)