अध्यात्म

शनि की सीधी चाल से टेढ़े प्रभाव

(आर0एस0 द्विवेदी-हिफी फीचर)

भारतीय ज्योतिष मंे विभिन्न ग्रहों की स्थिति का मानव जीवन पर विशेष प्रभाव माना जाता है। ग्रह नौ माने गये हैं और इनमें सबसे विकट हैं शनि महाराज। आमतौर पर सीधी चाल को हम अच्छा मानते हैं लेकिन शनि देव की सीधी चाल से कई नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। शनि देव अपनी मूल त्रिकोणीय राशि कुंभ में जब प्रवेश करते है तब वे सीधी चाल चलते हैं। इसे ज्योतिष मंे शनि की मार्गी चाल भी कहा जाता है। आगामी 15 नवम्बर की शामि को शनि देव अपनी मूल राशि कुंभ मंे मार्गी होने जा रहे हैं। कुछ राशियों पर इसका विशेष प्रभाव भी पड़ेगा। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ऊँ शं शनैश्चराय नमः का जाप करना चाहिए। भगवान शिव को जल मंे काले तिल मिलाकर चढ़ाने से भी शनिदेव का प्रकोप शांत हो जाता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार गोचर का संबंध सभी 9 ग्रहों और 12 राशियों से होता है। गोचर का अर्थ ग्रहों की चाल से है। जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो इस प्रक्रिया को गोचर कहते हैं। गोचर का देश दुनिया के साथ व्यक्ति के जीवन पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। जब ग्रह किसी राशि में गोचर करते हैं, तो वह वक्री या मार्गी अवस्था में रहते हैं जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों पर पड़ता है। सूर्य से लेकर केतु तक सभी ग्रह एक निश्चित अवधि में वक्री या मार्गी अवस्था में राशि परिवर्तन करते हैं, जिसका कुछ राशियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कुछ राशियों पर नकारात्मक।
नवग्रह में शनिदेव को सबसे क्रूर और शक्तिशाली ग्रह कहा जाता है। शनि देव जब वक्री अवस्था में किसी राशि में गोचर करते हैं तो राशियों पर इसका प्रभाव पड़ने से उन्हें शुभ अशुभ फल प्राप्त होता है। इसी प्रकार शनिदेव मार्गी (सीधी चाल) अवस्था में रहकर किसी राशि में गोचर करते हैं तो इस दौरान जातकों को लाभ और हानि होती हैं। न्याय के देवता शनिदेव 15 नवंबर की शाम को अपनी मूल त्रिकोणीय राशि कुंभ में मार्गी होंगे। शनि देव की मार्गी चाल (सीधी चाल) होने से नकारात्मक प्रभाव कर्क, सिंह, कन्या और मीन राशि के जातकों पर पड़ेगा। इस दौरान जातकों को शारीरिक समस्याएं, पैरों में दर्द या चोट लगना, स्वास्थ्य खराब रहना, आकस्मिक धन हानि और बनते हुए काम बिगड़ना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं। शनि देव अपनी राशि कुंभ में 15 नवंबर की शाम 7.15 से मार्गी हो जाएंगे। कर्क राशि से शनि देव अष्टम भाव में मार्गी होंगे। शनि ग्रह की मार्गी चाल से कर्क राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होंगी। उनके शरीर में पित्त बनना, पेट में समस्या होना, मौसम की वजह से वायरल इनफेक्शन आदि सभी समस्याओं से परेशान रहना पड़ेगा। इसी प्रकार शनि ग्रह की मार्गी चाल का सिंह राशि के जातकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे सिंह राशि के जातकों के बनते हुए काम बिगड़ेंगे। शनि देव यहां सप्तम भाव में मार्गी होंगे तो सिंह राशि के जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्हें इस दौरान बहुत सी परेशानियों से गुजरना होगा। सिंह राशि के जातकों को धन संबंधी समस्याओं से भी परेशान रहना होगा। कन्या राशि के जातकों को शनि देव की सीधी चाल से आकस्मिक धन खर्च का नुकसान होगा। कन्या राशि पर शनि देव की सीधी चाल से मार्गी से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होंगी। इस दौरान कन्या राशि के जातक को के पैरों में चोट लगने का खतरा और घुटनों से नीचे ज्यादा दर्द रहना आदि समस्याएं बनी रहेगी। शनिदेव की मार्गी चाल से कन्या राशि के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ेगा।
मीन राशि पर शनि देव की साढ़ेसाती चल रही है और मीन राशि से शनि देव 12वें स्थान पर मार्गी होंगे, जिससे मीन राशि के जातकों के लाभ के साथ-साथ नुकसान के योग भी बनेंगे। ज्योतिष शास्त्र में 12 वां स्थान खर्च का होता है। मीन राशि के जातकों को आकस्मिक धन खर्च का नुकसान होगा और साढ़ेसाती के नुकसान से भी इस दौरान मीन राशि के जातकों को गुजरना होगा।
शनिवार को दीपक जलाते वक्त उसमें लौंग डालने से शनि देव प्रसन्न होंगे, लौंग एक महत्वपूर्ण मसाला है, जिसका उपयोग न केवल खाना पकाने में किया जाता है, बल्कि यह पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में भी महत्वपूर्ण स्थान रखती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिवार को लौंग डालकर दीपक जलाने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और आपकी फूटी किस्मत में सुधार हो सकता है। लौंग को देवी-देवताओं के लिए विशेष रूप से प्रिय माना जाता है। इसे जलाने से न केवल शनि देव प्रसन्न होते हैं, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य और धन में भी सुधार ला सकता है। लौंग में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो मानसिक तनाव और नकारात्मकता को दूर करने में मदद करते हैं।
दीपक जलाते समय, यह ध्यान रखें कि दीपक का स्थान स्वच्छ और पवित्र हो। इसके अलावा, कोशिश करें कि दीपक जलाने के दौरान आप कुछ समय ध्यान लगाएं और अपने मन की शुभ इच्छाओं को प्रकट करें जब आप शनिवार की रात दीपक जलाने की सोचते हैं, तो सबसे पहले दीपक को अच्छे से साफ करें और उसमें 2-3 लौंग डालें। फिर उसमें सरसों का तेल या घी डालकर दीपक को जलाएं। दीपक जलाते समय, अपने मन में सकारात्मक विचारों और इच्छाओं को रखें। लौंग का जलते दीपक में होना आपके चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे बुरे प्रभाव कम होते हैं और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यदि आप शनिवार को शनि देव की विशेष पूजा करना चाहते हैं, तो लौंग के साथ कुछ अन्य सामग्री जैसे काले तिल, काले चने और गुड़ भी दीपक में डाल सकते हैं। ये सभी सामग्री शनि देव को प्रसन्न करने में सहायक होती हैं। इसके अलावा, लौंग की खुशबू आपके आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और सकारात्मकता का वातावरण बनाती है। ध्यान दें कि दीपक जलाते समय आपकी मनोदशा सकारात्मक हो। यदि आप किसी विशेष इच्छा या समस्या का समाधान चाह रहे हैं, तो उसे अपने मन में स्पष्ट रूप से रखें। ऐसा करने से लौंग और दीपक की ज्योति आपके उद्देश्य को और बल देगी।
शनि सूर्य से छठा ग्रह है और बृहस्पति के बाद सौरमंडल में दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। यह एक विशाल गैस है जिसकी औसत रेडियस पृथ्वी से लगभग साढ़े नौ गुना है। शनि सबसे सीमी गति से चलने वाला ग्रह है। हर ग्रह ढाई जहां महीने में या 45 दिन में अपनी चाल बदल लेता है वहीं शनि ढाई वर्ष में अपनी चाल बदलते हैं। शनि जीवन में हर तरह के कर्मों का कारक और फलदाता होता है। (हिफी)

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