फेड के अध्यक्ष पावेल ट्रम्प के आगे नहीं झुकेंगे

अमेरिका मे केंद्रीय बैंक और डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (फेड) के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी राजनीतिक दबाव के सामने नहीं झुकेंगे। पॉवेल ने कहा कि यदि ट्रंप उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहते हैं तो भी वह इस्तीफा नहीं देंगे। साथ ही उन्होंने यह दावा किया है कि राष्ट्रपति के पास उन्हें या फेड के किसी अन्य सीनियर अधिकारी को हटाने का अधिकार नहीं है।
यह बयान पॉवेल के उस दृढ़ विश्वास को दर्शाता है जिसे उन्होंने बार-बार फेड की स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए दोहराया है। ट्रंप, जिन्होंने अपनी पहली अवधि के दौरान फेडरल रिजर्व की नीति पर तीखी आलोचना की थी। एक बार पॉवेल को उनके पद से हटाने की धमकी दे चुके थे। अब जब ट्रंप का पुनः चुनाव हो चुका है, तो पॉवेल ने इस विषय पर अपनी स्थिति को एकदम स्पष्ट किया है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, नहीं, मैं इस्तीफा नहीं दूंगा, फेड चेयरमैन पॉवेल का यह बयान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह संकेत करता है कि फेड और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच भविष्य में मौद्रिक नीति को लेकर टकराव हो सकता है। फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता, खासकर उसकी मौद्रिक नीति को निर्धारित करने में, अमेरिकी लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण विशेषता मानी जाती है। पॉवेल ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रंप को फेड चेयरमैन या उसके अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने का कानूनी अधिकार नहीं है। इसके अलावा, पॉवेल ने यह कहा कि अगर फेड के किसी अधिकारी को हटाना भी हो, तो यह केवल तभी होगा जब उनके पदों पर कोई रिक्ति हो। पॉवेल का यह बयान फेड की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक मजबूत संदेश है जिसे अमेरिकी इतिहास में महत्वपूर्ण माना जाता है।
ट्रंप ने 2018 में जेरोम पॉवेल को फेड का चेयरमैन नियुक्त किया था, लेकिन बाद में उन्होंने पॉवेल की नीति पर सार्वजनिक रूप से आलोचना की। विशेष रूप से, जब फेड ने ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला किया, तो ट्रंप ने इसका विरोध किया और पॉवेल से दरों को बढ़ाने से रोकने की अपील की। हालांकि ट्रंप ने कुछ समय पहले यह कहा था कि वह पॉवेल को उनकी वर्तमान अवधि (जो 2026 तक है) तक काम करने देने के लिए तैयार हैं, लेकिन साथ ही यह भी माना कि एक राष्ट्रपति को मौद्रिक नीति पर सुझाव देने का अधिकार होना चाहिए। इस बार ट्रंप के प्रशासन में निशाने पर माइकल बैर हो सकते हैं, जो फेड के वाइस चेयरमैन और बैंकिंग नियामक हैं। रिपब्लिकन पार्टी ने उन्हें लगातार आलोचना का निशाना बनाया है।