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शेखर सुमन ने मुफलिसी में काटे पांच साल

शेखर सुमन ने मुफलिसी में काटे पांच साल
फिल्मों और टीवी दोनों ही जगह धाक जमा चुके शेखर सुमन की असल जिदंगी की कहानी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। साल 1984 में आई फिल्म ‘उत्सव’ से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। लेकिन उनकी जिंदगी में एक दौर ऐसा भी आया कि वह 5 साल तक बेरोजगार रहे थे। मुश्किल दौर में उनकी पत्नी ने उनका घर चलाया था।
शेखर सुमन को पहली फिल्म भले ही बड़ी आसानी से पहचान मिल गई हो, लेकिन आगे चलकर खुद को एक्टिंग की दुनिया में बनाए रखने के लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा था। दिग्गज एक्ट्रेस रेखा के साथ बॉलीवुड डेब्यू करने वाले शेखर को ‘देख भाई देख’ से असली शोहरत मिली थी। दिल्ली से पढ़ाई की और यहीं पर उनकी मुलाकात अलका से हुई। अलका-शेखर को एक दूसरे से प्यार हो गया। शादी हुई और दोनों अपनी खुशहाल जिंदगी बिताने लगे। शेखर को लगा था कि शादी के बाद काम करते करते चीजे अपने आप ठीक होती चली जाएंगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। शेखर सुमन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वो मुंबई आए थे तो, उन्हें अपनी एक आंटी की वजह से शशि कपूर से मुलाकात हुई। शशि ने उन्हें पहली नजर में देखते ही मन बना लिया था कि वह अपनी एक फिल्म में उन्हें साइन करेंगे। फिर क्या था महज 15 मिनट की मुलाकात में शेखर को 1994 में फिल्म उत्सव में बिना किसी संघर्ष के काम करने का मौका मिल गया था। इस फिल्म में रेखा लीड रोल में नजर आई थीं। शेखर की पत्नी अलका ने बतौर फैशन डिजाइनर काम करना शुरू कर दिया और शेखर को ‘श्रीराम सेंटर’ से 600 रुपए स्कॉलरशिप मिलने लगा। इसके बाद दोनों ने 4 मई, 1983 में शादी रचा ली थी लेकिन शादी के बाद उनके संघर्ष का दौर शुरू हुआ और शादी के बाद एक समय तो ऐसा भी आया जब शेखर 5 साल तक बेरोजगार रहे थे। उस वक्त घर का खर्च अलका ने ही उठाया था।
शेखर सुमन ने अपने करियर की शुरुआत में ‘मानव हत्या’ नाम से भी एक फिल्म की थी, जो एक छोटे बजट की फिल्म थी। इस फिल्म में उन्होंने माधुरी दीक्षित के साथ काम किया था। उस वक्त माधुरी भी नई हीरोइन थीं, शूट पर बजट की कमी की वजह से शेखर खुद उन्हें अपनी बाइक पर घर से सेट तक लेकर आते थे। (हिफी)

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