लेखक की कलम

कड़क प्रशासक भी हैं गेरुआ वस्त्रधारी

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
अभी कुछ दिन पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गेरुआ वस्त्रों को लेकर टिप्पणी की थी। खड़गे को भाजपा नेताओं और खुद श्री योगी ने भी जवाब दिया। योगी ने महाराष्ट्र के अमरावती मंे एक चुनावी सभा मंे कहा था कि मैंे योगी हूं, इसमंे कोई दो राय नहीं लेकिन मेरे लिए देश पहले है और राजनीति बाद में। योगी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को करारा जवाब दिया था। उन्हांेने कहा कि आपके लिए कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति पहले है। योगी ने कहा कि मेरे नेता मोदी ने यही बताया है कि हर काम पहले देश के नाम। कांग्रेस के अध्यक्ष को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 13 नवम्बर को अपने कड़क फैसले से सक्षम प्रशासक का सबूत भी दिया है। उनकी सरकार ने अपने कर्तव्य में कोताही बरतने वाले एक आईएएस अधिकारी और तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। योगी ने इस प्रकार की कार्रवाई पहले भी की है। इससे पता चलता है कि योगी सरकार का बुलडोजर सिर्फ माफियाओं और अपराधियों पर ही नहीं चलता बल्कि भ्रष्ट नौकरशाही को भी जमींदोज करने मंे संकोच नहीं करता है। वस्त्रों पर राजनीति करना वैसे भी अच्छी बात नहीं है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एक धोती लपेट कर इंग्लैण्ड की महारानी से मिलते थे।
उत्तरा प्रदेश की योगी सरकार ने लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाए रखने पर एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। वर्तमान में वे अलग-अलग जिलों में तैनात थे। इन तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है। इस मामले में भाजपा विधायक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक्शन लिया गया।
शासन ने आईएएस अधिकारी व अपर आयुक्त लखनऊ मंडल घनश्याम सिंह को निलंबित कर दिया है। पीसीएस अधिकारियों में बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, बुलंदशहर की एसडीएम रेनु को निलंबित किया गया है। इन चारों अधिकारियों ने लखीमपुर खीरी में अपनी तैनाती के दौरान पैमाइश के मामलों में टालमटोल की। आरोप है कि अधिकारियों ने 6 साल तक जमीन की पैमाइश नहीं होने दी। यहां बता दें कि लखीमपुर खीरी के सदर भाजपा विधायक योगेश वर्मा का 24 अक्तूबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वह स्कूटी पर बैठकर कलेक्ट्रेट परिसर गए और बीच सड़क पर एसडीएम से लेकर कानूनगो की शिकायत करते हुए नजर आए। इस वीडियो में विधायक कह रहे थे कि सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल की भूमि की पैमाइश के लिए घूस में 5000 रुपये लिये गए। इस घूस की रकम को वापस किया जाए। इस मामले में तत्काल उच्चस्तर से जांच के आदेश दिए गए। नियुक्ति विभाग ने लखीमपुर खीरी के डीएम से इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी थी। इसमें यह पूछा कि छह साल पहले यानी वर्ष 2019 के बाद कौन-कौन उप जिलाधिकारी, तसीलदार और नायब तहसील वहां तैनात रहे। उन्होंने पैमाइश के मामले में क्या कार्रवाई की। डीएम से मिली रिपोर्ट के आधार पर इन चारों अफसरों को दोषी पाया गया।
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने योगी आदित्यनाथ और उनके बहाने भारतीय राजनीति, संतों के उससे जुड़ाव परजो कुछ भी कहा है, वह साफ तौर पर उनकी सतही समझ और धर्म व धर्मनिरपेक्षता का मखौल है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने झारखंड में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और संतों को लेकर कहा था कि कई साधु अब राजनेता बन गए हैं और वे गेरुआ कपड़े पहनकर समाज में नफरत फैला रहे हैं और लोगों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि वे लोगों के बीच नफरत फैला रहे हैं और उन्हें बांटने की कोशिश कर रहे हैं। बटेंगे तो कटेंगे जैसे बयान कोई साधू का बयान है ? कोई साधू ऐसा बयान नहीं दे सकता। ये बात आतंकी कह सकते हैं ,आप नहीं । कोई नाथ संप्रदाय का साधू ऐसी बात कर ही नहीं सकता। हम डरेंगे तो मरेंगे, हम डरने वाले नहीं है। मल्लिकार्जुन खड़गे का ये बयान अब एक विवाद का रूप ले चुका है और इसे लेकर भाजपा और संत समाज की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। मल्लिकार्जुन खड़गे पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लग रहा है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने भी खड़गे के बयान पर हमला बोला। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इसे कांग्रेस की पुरानी मानसिकता करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास हमेशा से झूठ बोलने और समाज में दरार डालने का रहा है। कांग्रेस ने कभी भी हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति का सम्मान नहीं किया। कांग्रेस पार्टी की तुलना मुगल आक्रांताओं से करते हुए ब्रजेश पाठक ने तत्काल माफी मांगने के लिए कहा। मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास बांटकर सत्ता हासिल करने का है।
सीएम योगी ने गत दिनों महाराष्ट्र के अचलपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं एक योगी हूं और एक योगी के लिए देश पहले होता है। खरगे जी आपके लिए कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति पहले है। पिछले 3 दिन से कांग्रेस अध्यक्ष खरगे जी मुझपर नाराज हैं। मैं कह रहा हूं खड़गे जी एक योगी के लिए देश सबसे पहले है। मेरे नेता मोदी जी के लिए देश पहले है। लेकिन आपके लिए कांग्रेस का तुष्टीकरण सर्वोपरि है। अपने आरोप की पुष्टि के लिए योगी ने कहा खड़गे जी का गांव हैदराबाद के निजाम के आधीन रहने वाला एक गांव था। भारत जब अंग्रेजों के आधीन था तो कांग्रेस का उस समय का नेतृत्व मुस्लिम लीग के साथ मिलकर मौन बना हुआ था। इसीलिए मुस्लिम लीग उस समय हिंदुओ को चुन चुनकर मार रहा था। इसी आग में मल्लिकार्जुन खड़गे का गांव भी जलाया गया था, जिसमें इनकी माता जी और परिवार मारा गया लेकिन खड़गे जी इसको नहीं कहते क्योंकि जानते हैं कहेंगे तो मुस्लिम वोट खिसक जाएगा। वोटबैंक के खातिर अपने परिवार का बलिदान भूल गए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में भ्रष्टाचार पर कड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने 10 अक्टूबर को जौनपुर के मुख्य राजस्व अधिकारी (सीआरओ) गणेश प्रसाद सिंह और बिजनौर के एसडीएम आदेश सिंह सागर को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया था। दोनों पीसीएस अफसरों को राजस्व परिषद से अटैच किया गया। जांच में दोनों अफसरों पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि हुई, जिसके आधार पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। दरअसल, गणेश प्रसाद सिंह पर सरकारी कामकाज में गड़बड़ी के साथ-साथ वित्तीय अनियमितता का आरोप था। फिरोजाबाद में तैनाती के दौरान एसडीएम आदेश सिंह सागर ने पीड़ित की जमीन में गड़बड़ी की थी। उन्होंने पीड़ित की जमीन का कुछ हिस्सा अपने कंप्यूटर ऑपरेटर के नाम किया और 4 लाख रुपए लिये थे। पीड़ित के जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया था, जिसे खाली करने के लिए उसने एसडीएम को एप्लीकेशन दिया था।
राज्य कर विभाग के सबसे भ्रष्ट और खराब छवि वाले अधिकारियों की सूची शासन ने मांगी है। इस संबंध में प्रमुख सचिव राज्य कर एम देवराज ने समीक्षा बैठक में सभी जोनल आयुक्तों और संयुक्त आयुक्तों को निर्देश दिए हैं। इस प्रकार मुख्यमंत्री योगी धर्म के
लिहाज से भले ही गेरुआ वस्त्र पहनते हैं लेकिन कर्त्तव्य के लिहाज से भी वह योगी हैं। (हिफी)

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