हसीना पर खालिदा के रुख से हैरान हैं मोहम्मद यूनुस

शेख हसीना इस वक्त बांग्लादेश से भागकर भारत में शरण लेकर बैठी हैं। उधर, अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस ने हसीना के ऊपर इतने मुकदमे दर्ज करा दिए हैं कि अगर वो गलती से भी वापस स्वदेश लौटती हैं तो पूरी जिंदगी एक कोर्ट से दूसरी कोर्ट और दूसरी से तीसरी कोर्ट के चक्कर काटने में बीत जाएगी। मोहम्मद यूनुस का प्लान शेख हसीना की आवामी लीग के चुनाव लड़ने पर बैन लगाने का भी है। हालांकि इस मामले में इससे पहले यूनुस कोई कदम उठाते, शेख हसीना की कट्टर विरोधी बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) की चीफ खालिदा जिया उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हो गई हैं।
खालिदा जिया की बीएनपी मौजूदा वक्त में बांग्लादेश की सबसे मजबूत पार्टी है। उसका चुनाव में जीतकर सरकार बनाना लगभग तय माना जा रहा है। इसके बावजूद बीएनपी ने आवामी लीग पर प्रतिबंध का विरोध करते हुआ माना कि देश में राजनीतिक समावेश की जरूरत है। बीएनपी का तर्क है कि चुनाव से पहले सभी तत्काल राजनीतिक सुधार पूरे किए जाने चाहिए और राजनीति में अवामी लीग की भागीदारी की वैधता पर विचार किया जाना चाहिए। शेख हसीना की पार्टी को लेकर खालदा एंड कंपनी के रुख से मोहम्मद यूनुस इस वक्त बैकफुट पर आ गए हैं। बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा, “अवामी लीग एक राजनीतिक पार्टी है और लोग तय करेंगे कि वे चुनाव लड़ेंगे या नहीं। जिन लोगों ने हत्याएं की और देश के धन को विदेश में लूटा, उन्हें कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। उनपर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।