रूस की धमकी से घबड़ाए जेलेन्सकी

रूस-यूक्रेन जंग अब खतरनाक मोड़ पर है। हर तरफ से हमले बढ़ गए हैं। अमेरिका ने आग में घी डाल दिया है। जो बाइडन ने लॉन्ग रेंज वाली अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल की यूक्रेन को मंजूरी देकर पूरे इलाके में खलबली मचा दी है। यूक्रेन भी शायद इसी मौके के इंतजार में था। जैसे ही बाइडन का ग्रीन सिग्नल मिला, यूक्रेन ने रूस पर अमेरिकी हथियार से हमला कर दिया। अब रूस भी आगबबूला हो गया है। उसने परमाणु अटैक की धमकी दी है। जैसा कि पुतिन का नेचर है, सभी जानते हैं कि यूक्रेन के इस कदम के बाद रूस चुप नहीं बैठेगा। वह अमेरिका और यूक्रेन को करारा जवाब देगा। यही वजह है कि यूक्रेन में रूसी हमले का खतरा मंडरा चुका है। रूसी हमले के डर से सबकी हवा टाइट हो गई है। नौबत यह आ गई है कि अमेरिका-इटली समेत कई देश अपनी एंबेसी पर ताला लगाकर भाग गए हैं। खुद जेलेंस्की गिड़गिड़ा रहे हैं कि प्लीज मत जाओ। रूस ऐसे ही धमकाता रहता है। मगर अमेरिका-इटली और स्पेन हैं कि मान ही नहीं रहे। अमेरिका, इटली, स्पेन और ग्रीस ने कीव स्थित अपनी एंबेसी यानी दूतावास पर ताला लगा दिया। हालांकि, यूक्रेन का कहना है कि रूस फर्जी हवाई हमले की धमकी का अफवाह फैला रहा है। सबसे पहले अमेरिका ने संभावित रूसी एयर स्ट्राइक की डर से कीव में अपने दूतावास को बंद करने का फैसला किया। इसके बाद तो देशों की कतार लग गई। अमेरिका के बाद इटली, स्पेन और ग्रीस ने भी बुधवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में अपने दूतावासों को बंद कर दिया। इतना ही नहीं, अमेरिका समेत इन देशों ने कीव में रह रहे अपने नागरिकों को संभावित हमले के मद्देनजर अलर्ट मोड में रहने को कहा। द गार्जियन ने एक खुफिया रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि कीव पर रूस ड्रोन और मिसाइलों की बरसात कर सकता है। यूक्रेन को अमेरिकी हथियार इस्तेमाल करने की मंजूरी के बाद रूस गरमा गया है। अमेरिका की नीति में बदलाव पर पुतिन गुस्से से लाल हैं। अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए एक अलर्ट जारी किया। अमेरिकी दूतावास ने कहा कि अत्यधिक सावधानी बरतते हुए दूतावास को बंद कर दिया गया और दूतावास के कर्मचारियों को अपने स्थान पर ही शरण लेने का निर्देश दिया गया।