इमरान को लेकर इस्लामाबाद में गदर, फौज मोर्चे पर

पाकिस्तान में जिस बात की आशंका जताई जा रही थी अब वो जमीन पर उतरती नजर आ रही है। इस्लामाबाद की सड़कों पर गदर मचना शुरू हो गया। इमरान खान के कॉल के बाद हजारों की तादाद में इमरान समर्थकों का इस्लामाबाद की तरफ कूच जारी है और इस प्रदर्शन की बागडोर इमरान खान की बीवी बुशरा बेगम और खैबर पखतून ख्वा के मुख्यमंत्री अली अमी गंदापुर ने संभाली है।
इस्लामाबाद को जाने वाली सारी सड़कों को शिपिंग कंटेनरों से बंद की जा चुकी है और प्रदर्शनकारियों ने आगजनी शुरू करवा दी और सुरक्षाबलों के साथ झड़प भी। अभी तो शुरुआत है और पाकिस्तान पुलिस के हाथ से कानून व्यवस्था पूरी तरह से बाहर निकल रही है। लिहाजा पाकिस्तान सरकार ने सरकार कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 245। को लागू करने और सरकार की मदद के लिए इस्लामाबाद राजधानी इलाके में सैन्य कार्रवाई के लिए आर्मी को डिप्लॉय करने का फैसला लिया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा में एक पाकिस्तानी रेंजर के मारे जाने की खबर है और कई के घायल होने की खबर है। रिपोर्ट के मुताबिक सेना को शूट एट साइट के भी ऑर्डर दिए गए हैं। यानी कि कोई भी असामाजिक तत्व हिंसा करेंगे तो फायरिंग तो होगी और फायरिंग हुई तो हालात बद से बदतर हो जाएगी । पाकिस्तान के मौजूदा हालातों पर दुनिया की नजर रहती है। अमेरिका भी बारीकी से इसे देख रहा है। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यूज मिलर से सवाल पूछा गया कि पाकिस्तान में आत्मघाती बम विस्फोट, सांप्रदायिक झड़पें, राजनीतिक अराजकता है, और अभी हजारों पाकिस्तानी लोग अपने राजनीतिक नेता की रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और पुलिस बल के साथ झड़प कर रहे हैं। जब आप किसी तरह की उथल-पुथल से गुजर रहे पाकिस्तान जैसे देश को देखते हैं तो आपके क्या विचार होते हैं? इस सवाल के जवाब में मिलर ने कहा कि पाकिस्तान और दुनिया भर में हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सभा और संघ का समर्थन करते हैं।