दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री ने दिया इस्तीफा

साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ने 5 दिसम्बर को अपने रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। बताया जा रहा है कि यह इस्तीफा एक विवादास्पद मार्शल लॉ (सैन्य कानून) की घोषणा के बाद आया जिसने सियोल की सड़कों पर सशस्त्र सैनिकों को तैनात कर दिया था। विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति योन सुक योल और रक्षा मंत्री के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है जिसे अब संसद में रखा जाएगा।
राष्ट्रपति योन सुक योल ने 3 दिसंबर की रात अचानक एक मार्शल लॉ लागू करने का आदेश दिया था जिससे पूरे देश में तनाव का माहौल बन गया। जानकारी के अनुसार यह मार्शल लॉ केवल छह घंटे तक चला क्योंकि नेशनल असेंबली ने जल्दी ही इसे अस्वीकार कर दिया। विपक्षी दलों ने इसे राष्ट्रपति की अत्यधिक शक्ति का दुरुपयोग करार दिया है और राष्ट्रपति को महाभियोग का प्रस्ताव दिया है। मार्शल लॉ के आदेश के बाद रक्षा मंत्री किम ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और कहा कि यह कदम उनके निर्देशों के तहत लिया गया था। इसके बाद किम ने कहा कि सभी सैनिकों ने उनकी हिदायतों का पालन किया और इसका पूरी तरह से जिम्मेदार वह खुद हैं। इसके साथ ही किम ने इस्तीफा देने की पेशकश की जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया।
विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति योन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है। यह प्रस्ताव संसद में एक बार फिर से चर्चा के लिए लाया जाएगा। विपक्षी दलों का आरोप है कि राष्ट्रपति ने देश की संवैधानिक स्थिति को खतरे में डालते हुए सेना का इस्तेमाल किया।
महाभियोग प्रस्ताव को पारित करने के लिए नेशनल असेंबली में दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी जो कि 200 सांसदों के समर्थन से संभव है। विपक्षी पार्टियों के पास 192 सीटें हैं, लेकिन उन्हें पीपीपी के कुछ विधायकों से अतिरिक्त समर्थन की आवश्यकता होगी। राष्ट्रपति योन के इस फैसले ने पूरे देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल पैदा कर दिया है। अगर महाभियोग प्रस्ताव पारित हो जाता है तो योन संवैधानिक शक्तियों से वंचित हो जाएंगे।