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लगान पर शाहरुख और आमिर की राय

अमेरिका की अकेडेमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज द्वारा प्रदत्त अकेडमी पुरस्कार, जिसे ऑस्कर पुरस्कार भी कहा जाता है, हर फिल्म के लिए काफी मायने रखता है। हालांकि भारतीय फिल्मों को ऑस्कर बहुत कम या न के बराबर मिलता है।
बॉलीवुड के रोमांस किंग शाहरुख खान ने ऑस्कर पर अपनी राय देते हुए कहा था, ”लगान’ बेहतरीन तरीके से बनाई गई एक आर्ट और कमर्शियल फिल्म का कॉम्बिनेशन थी लेकिन हमें अपनी फिल्मों का फॉर्मेट बदलना पड़ेगा। अगर मुझे आपकी पार्टी में बुलाया गया है, तो मुझे उस तरह तैयार होना पड़ेगा जैसे आपने मुझे कोड बताया है। मैं अपना ढाई घंटे और पांच गानों वाला कोड नहीं चला सकता। हमें ये बदलना पड़ेगा।
वहीं, अब आमिर खान ने कहा है कि वो इस राय से सहमति नहीं रखते। उन्होंने कहा, “नहीं, मैं सहमत नहीं हूं। मैं ऐसा नहीं मानता क्योंकि ‘लगान’ 3 घंटे 42 मिनट की फिल्म थी और उसमें 6 गाने थे लेकिन फिर भी उसे नॉमिनेशन मिला था। नॉमिनेट होने के लिए मेम्बर्स को आपकी फिल्म पसंद होना चाहिए। ‘लगान’ ने साबित किया था कि एक फिल्म जिसमें गाने हैं, जो बहुत लंबी भी है, उससे एकेडमी मेंबर्स को कोई समस्या नहीं है। मेरे हिसाब से, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपका काम कितना अच्छा है और आप लोगों का दिल कितना छू पाते हैं। मेंबर्स भी आखिरकार इंसान ही हैं।
आमिर ने कहा, ” ‘बेस्ट इंटरनेशनल फीचर’ ऑस्कर्स की सबसे मुश्किल कैटेगरी है क्योंकि जब आप ‘बेस्ट फिल्म’ के लिए कॉम्पिटीशन में उतरते हैं तो उसमें लिमिटेड फिल्में होती हैं, जिसमें हर देश की बेस्ट फिल्म हिस्सा लेती है। भारत में हर साल में 1000 फिल्में बनती है। इस कैटेगरी के लिए पहले आपको उन 1000 फिल्मों को पीछे छोड़ना पड़ता है। फिर आगे की रेस में 80 फिल्में ओर होती हैं। भारत को हर साल नॉमिनेशन इसलिए नहीं मिल पाता क्योंकि वहां दुनिया भर की फिल्में आती हैं।” सुपरस्टार आमिर खान की ‘लगान’ वो आखिरी फिल्म है जिसे ऑस्कर्स में ‘बेस्ट इंटरनेशनल फीचर’ कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला था। इसके बाद से भारत की ओर से कोई भी फिल्म नॉमिनेशन नहीं पा सकी। फिलहाल आमिर अपनी फिल्म ‘लापता लेडीज’ को प्रमोट कर रहे हैं, जिसे अगले ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए भेजा जाएगा। (हिफी)

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