भ्रष्टाचार के दोषी मित्र को जिन पिंग ने दिलवाई फांसी

चीन में शी जिनपिंग भ्रष्टाचारियों के लिए काल बन चुके हैं। जिनपिंग के राज में भ्रष्टाचार करने का मतलब है अपनी जिंदगी से हाथ धोना। जिनपिंग ने अपने एक बड़े अफसर को मौत की नींद सुला दी है। चीन ने 17 दिसम्बर को ली जियानपिंग को फांसी दे दी। ली जियानपिंग उत्तरी इनर मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र में एक पूर्व अधिकारी थे। उनको 421 मिलियन अमरीकी डॉलर (35,75,19,09,400 रुपए) से ज्यादा के भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाया गया था। यह चीन के इतिहास में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा मामला था।
दरअसल, ली जियानपिंग होहोट आर्थिक और तकनीकी विकास क्षेत्र में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की कार्य समिति के पूर्व सचिव थे। उन्हें सितंबर 2022 में मौत की सजा सुनाई गई थी। अगस्त 2024 में अपील करने पर भी इस सजा को बरकरार रखा गया। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि ली को फांसी देने से पहले सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट से मंजूरी ली गई। फांसी इनर मंगोलिया की एक अदालत में दी गई। चीन के सरकारी मीडिया में पहले आई रिपोर्ट के मुताबिक, 64 साल के ली को एक निचली अदालत ने 3 अरब युआन (421 मिलियन अमरीकी डॉलर) से ज्यादा की हेराफेरी का दोषी पाया था। बताया जाता है कि यह चीन के इतिहास में किसी एक भ्रष्टाचार के मामले में शामिल सबसे बड़ी रकम थी। साल 2012 में सत्ता में आने के बाद से ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को अपने शासन का मुख्य आधार बनाया है।
सरकारी मीडिया का कहना है कि इस अभियान के तहत दो रक्षा मंत्रियों और दर्जनों सैन्य अधिकारियों समेत 10 लाख पार्टी अधिकारियों को सजा दी गई है और उनपर मुकदमा चलाया गया है। शी जिनपिंग ने इस साल जनवरी में केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग (सीसीडीआई) के पूर्ण सत्र में एक भाषण दिया था। शी जिनपिंग ने अपने भाषण में कार्यकर्ताओं से भ्रष्टाचार का डटकर मुकाबला करने का आह्वान किया है ताकि स्वार्थी समूह सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का शिकार न कर सकें। शी जिनपिंग ने कहा कि पार्टी के सभी सदस्यों को पार्टी के आत्म-क्रांति को बढ़ावा देना चाहिए। उनका इशारा मुख्य रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की ओर था। गौरतलब है कि लगातार अभियान के बावजूद भ्रष्टाचार के लिए दंडित किए जाने वाले उच्च पदस्थ अधिकारियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।