बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)
देश भर में शातिर किस्म के धंधेबाजों द्वारा फर्जी काल सेंटर का संचालन कर न सिर्फ देश विदेश के लोगों के साथ ठगी की जा रही है। वरन हर साल हजारों की संख्या में बेरोजगार युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें धोखा देकर या नौकरी का लालच देकर इस अवैध धंधे में लगा दिया जाता है। दरअसल तकनीकी सहायता देने, नौकरी आदि दिलवाने के नाम पर फर्जी मैसेज और लिंक भेज कर लोगों को फर्जी कॉल सेंटरों के माध्यम से ठगने वाले गिरोह देश में तेजी से बढ़ रहे हैं, यह धंधा कितने बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है, इसका प्रमाण पिछले छह महीने में अनेक राज्यों के शहरों में धरपकड़ के बाद सामने आए फर्जी काल सेंटरों के खुलासे से चलता है।
18 दिसंबर को दक्षिण कोलकाता के न्यू अलीपुर इलाके में फर्जी कॉल सेंटर खोल कर अमेरिकी नागरिकों को फोन कर उनसे मोटी रकम ठगने के मामले में लालबाजार के साइबर क्राइम विभाग की टीम ने पांच युवकों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गये आरोपियों के नाम अनुराग गुप्ता, मोहम्मद सद्दाम, हरि छेत्री, मोहम्मद मिराज और वसीम रब्बानी बताये गये हैं। ये सभी तपसिया, इकबालपुर और हरिदेवपुर इलाके के निवासी बताये गये हैं। इनके कब्जे से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किये गये हैं। कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (ट्रैफिक) अतिरिक्त प्रभार (क्राइम) रूपेश कुमार ने बताया कि इससे पहले पुलिस ने न्यू अलीपुर इलाके में एक अवैध कॉल सेंटर में रेड कर गिरोह के 19 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ के बाद इस गिरोह का पता चला। न्यू अलीपुर इलाके में स्थित ब्लॉक एफ में पुलिस ने एक कमरे में छापामारी कर रंगेहाथों गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गये आरोपियों ने बताया कि वे लोग खुद को नामी एंटी वायरस कंपनी का प्रतिनिधि बताकर अमेरिकी नागरिकों को फोन करते थे। इसके बाद इनके झांसे में फंसने वाले विदेशी नागरिकों को अपनी बातों में फंसा कर एंटी वायरस सॉफ्टवेयर अपडेट करने के नाम पर उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को हैक कर लेते थे। इसके बाद इसे फिर से सामान्य करने के एवज में मोटी रकम वसूलते थे। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
आपको बता दें कि 8 अगस्त को राजपुर (उत्तराखंड) पुलिस ने विदेशी नागरिकों को ठगने वाले एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करके 8 लोगों को गिरफ्तार किया जो स्वयं को इंटरनैशनल एंटी हैकिंग डिपार्टमेंट के वरिष्ठ अधिकारी बताकर अमरीका और कनाडा के नागरिकों से ठगी कर रहे थे। छापे के दौरान इनसे 81 लैपटॉप और 42 मोबाइल फोन भी बरामद किए गए। 25 अगस्त को साइबर पुलिस ने सोहना (हरियाणा) में 2 फ्लैटों से चलाए जा रहे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करके तकनीकी सहायता देने के नाम पर मुख्यतः विदेशी नागरिकों को ठगी का शिकार बनाने के आरोप में 4 महिलाओं सहित 20 लोगों को गिरफ्तार करके वहां से 16 लैपटॉप, 25 मोबाइल फोन और हजारों रुपए की नकद राशि बरामद की।
8 सितम्बर को नोएडा पुलिस ने लोगों को कनाडा और सर्बिया समेत विभिन्न देशों में भेजने और नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करके 6 महिलाओं सहित 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया जो अब तक 300 से अधिक लोगों को ठग चुके हैं। पुलिस ने वहां से 24 लैपटॉप, स्वाइप मशीन, 10 मोबाइल फोन तथा अन्य सामान बरामद किया। गिरोह के सदस्य फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि से विदेश जाने के इच्छुकों का डाटा निकाल कर फोन कॉल तथा व्हाट्सएप के जरिए उनसे सम्पर्क करते और विदेश में स्टोर कीपर, स्टोर सुपरवाइजर, एडमिन आदि पदों पर नौकरी दिलवाने का झांसा देकर ठगते थे। 4 अक्तूबर को जयपुर पुलिस ने स्मार्ट डिजीटल सेवा केंद्र की आड़ में चलाए जा रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया। ये जालसाज फोन करके लोगों को मित्र केंद्र या आधार कार्ड फ्रैंचाइजी देने का झांसा देते और उसके बदले में उनसे भारी-भरकम रकमें वसूल करते थे। 16 अक्तूबर को भुवनेश्वर (ओडिशा) के सुंदरपाड़ा इलाके में पुलिस ने विदेश में रहने वाले एक पीड़ित की शिकायत पर एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करके 6 लोगों को हिरासत में लिया। 19 अक्तूबर को लखनऊ के पी.जी.आई. थाना इलाके के एक फ्लैट में चल रहे फर्जी इंटरनैशनल कॉल सेंटर का कमिश्नरेट पुलिस ने भंडाफोड़ करके 12 लोगों को गिरफ्तार किया। 25 नवम्बर को गोवा पुलिस ने जरूरतमंदों से, जिनमें अधिकांश विदेशी थे, एक करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर चुके जुआरी नगर में एक अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करके 24 लोगों को गिरफ्तार किया। 4 दिसम्बर को गुरुग्राम पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने एक मकान में फर्जी तरीके से कॉल सेंटर चलाकर अमरीकी नागरिकों को तकनीकी सहायता और कस्टमर सर्विस देने के नाम पर, धोखाधड़ी करने के आरोप में कॉल सेंटर के मालिक सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया और अब 14 दिसम्बर को नोएडा पुलिस ने विदेशी नागरिकों को तकनीकी सहायता आदि के नाम पर फर्जी मैसेज लिंक एवं कॉल के माध्यम से लाखों रुपयों की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करके 9 महिलाओं सहित 76 लोगों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से लैपटॉप, मोबाइल फोन तथा अन्य इलैक्ट्रिक उपकरण बरामद किए। ये लोग बदल-बदल कर लैपटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल करते थे ताकि पकड़े न जाएं। छापेमारी के दौरान पकड़े गए ये फर्जी कॉल सेंटर तो धोखाधड़ी रूपी सागर में एक बूंद के समान हैं जबकि देश में ऐसे फर्जी कॉल सेंटरों की भरमार है जो लोगों को लूट कर अपनी तिजोरियां भर रहे हैं।
नोएडा फर्जी काल सेंटर का सबसे बड़ा सैंटर बना है। 13 दिसंबर को यहां गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर 63 थाना पुलिस, क्राइम रेस्पांस टीम (सीआरटी) व स्वाट टीम ने सेक्टर 63 के ए ब्लॉक में डेढ़ माह से चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया। सेंटर से चार सरगना समेत नौ महिला और 67 पुरुषों को गिरफ्तार किया गया। आरोपित विदेशी नागरिकों को फर्जी पार्सल भेजने, टेक सपोर्ट व लोन दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे थे। नागरिकों से गिफ्ट कार्ड, चेक आदि की डिटेल लेकर ब्लॉगर के माध्यम से धनराशि ठग रहे थे। कॉल सेंटर कर्मियों को हवाला के माध्यम से धनराशि मिल रही थी। वहीं चार में से तीन संचालक फर्जी काल संचालन को लेकर पूर्व में भी जेल जा चुके हैं।
अतः जहां लोगों को ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहने की जरूरत है, वहीं ऐसी धोखाधड़ी करने वालों को शीघ्र और कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए ताकि उनका अंजाम देखकर दूसरों को नसीहत मिले और वे ऐसी करतूतों से बाज आएं व जरूरतमंद लोग ठगे जाने से बच सकें। सरकार को युवा बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर उन्हें फर्जी काल सेंटर में नौकरी देने वाले धंधेबाजांे पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और रासुका लगानी चाहिए। कई युवा इन लोगों के जाल में फंस कर सुसाइड तक कर चुके हैं। सरकार को सभी राज्यों को एक एडवाइजरी जारी करनी चाहिए। (हिफी)