केआईआईटी की धमक नेपाल तक

भारत की एक यूनिवर्सिटी में हुई एक घटना की गूंज नेपाल तक पहुंच गई। आलम यह रहा कि भारत से नेपाल तक इस यूनिवर्सिटी को लेकर बवाल मच गया है। नेपाल की सरकार ने इस मामले की जांच के लिए दो अधिकारी तक भारत भेज दिए हैं। यह पूरा मामला भुवनेश्वर के प्रतिष्ठित कालिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी ;केआईआईटीद्ध का है।
असल में ओडिशा के भुवनेश्वर के कालिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी ;केआईआईटीद्ध में नेपाल की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड करने के पीछे प्रेम संबंध को कारण बताया जा रहा है। इस घटना ने पूरे कैंपस को हिला कर रख दिया। छात्रा की मौत के बाद यहां पढ़ने वाले नेपाली छात्र आक्रोशित हो गए और वे प्रदर्शन करने लगे। देखते ही देखते मामला गंभीर हो गया। अभी नेपाली छात्रों के प्रदर्शन के दौरान यूनिवर्सिटी की एक महिला प्रोफेसर मंजूषा पांडे और कर्मचारी जयंती नाथ की छात्रों के बीच बहस हो गई। इस वाद.विवाद का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। इस वीडियो में प्रोफेसर मंजूषा पांडे यह कहते हुए दिखाई दे रही हैं कि यूनिवर्सिटी के संस्थापक 40ए000 छात्रों को मुफ्त में खाना और शिक्षा देते हैं। इस पर जयंती नाथ आगे कहते हैं कि छात्रों पर खर्च होने वाली राशि नेपाल के राष्ट्रीय बजट के बराबर है। दोनों कर्मचारियों के इस बयान को विदेशी छात्रों के प्रति पूर्वाग्रहपूर्ण माना जा रहा है और कहा जा रहा है कि इनके बयानों ने प्रदर्शन में आग में घी डालने का काम किया। छात्रों के विरोध और सोशल मीडिया पर उठे बवाल के बादए कालेज प्रशासन ने प्रोफेसर मंजूषा पांडे और जयंती नाथ को निलंबित कर दिया और आधिकारिक रूप से माफी मांगी। विश्वविद्यालय की ओर से कहा गयाए ष्हम 16 फरवरी 2025 की घटना से बेहद आहत हैं। हमें खेद है कि हमारे कुछ सदस्यों ने आंदोलनरत छात्रों के साथ अनुचित व्यवहार किया। हम अपने छात्रों से प्रेम करते हैं और उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैंए हालांकिए हमारे स्टाफ सदस्यों की टिप्पणियां व्यक्तिगत थीं और भावनाओं के वशीभूत होकर दी गई थींए लेकिन हम इसे उचित नहीं ठहराते। नेपाली छात्रा की मौत के मामले में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका हैए जिसमें उस छात्रा का एक बैचमेट भी शामिल हैं। ओडिशा सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक हाईलेवल कमेटी का गठन किया है। इधरए नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली की ओर से आए बयान में कहा गया है कि भारत में नेपाली दूतावास के दो अधिकारियों को नेपाली छात्रों की मदद के लिए ओडिशा भेजा गया है।