कई मोर्चों पर लड़ रहे अखिलेश

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
उत्तर प्रदेश मंे विधानसभा के चुनाव 2027 मंे होने हैं लेकिन उससे पहले ही मुख्य विपक्षी नेता अखिलेश यादव कई मोर्चों पर उलझ गये हैं। लोकसभा चुनाव-2024 में अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा। उन्हांेने पीडीए अर्थात पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक ध्रुवीकरण का प्रयास किया। इसमंे वह सफल भी हुए लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश मंे 10 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव ने समाजवादी पार्टी का समीकरण बिखरा दिया है। सपा को सिर्फ दो सीटों पर सफलता मिल पायी और कटेहरी, मिल्कीपुर जैसी विधानसभा सीटें भाजपा जीत गयी। इसके साथ ही बसपा प्रमुख मायावती ने अपनी पार्टी को फिर से जुझारू बनाने के लिए परिवारवाद को किनारे लगाया। लोकसभा चुनाव में शून्य पर पहुंची बसपा ने अब भाईचारा के सहारे ताकत बढ़ाने का प्रयास शुरू किया है। बसपा प्रमुख दलितों के साथ पिछड़ों को जोड़ने का प्रयास कर रही है। ये अखिलेश यादव के पीडीए का हिस्सा है। एक मोर्चा आजम खान ने भी खोल रखा है। सीतापुर जेल मंे बंद आजम खान से दलित नेता चंद्रशेखर रावण की मुलाकात ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश मंे एक नया मोर्चा बनने का संकेत दिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश सपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। इसी तरह अखिलेश यादाव को उस कांग्रेस के खिलाफ भी मोर्चा संभालना पड़ रहा है जिसके साथ उन्हांेने लोकसभा चुनाव में भाजपा को परास्त किया था। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया मंे कांग्रेस को दिल्ली विधानसभा चुनाव मंे सपा का समर्थन नहीं मिला था। अब कर्नाटक मंे कांग्रेस ने सरकारी ठेकों मंे मुसलमानों को 4 फीसद का आरक्षण देने का बिल पारित कराया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस मुद्दे पर भी कांग्रेस के साथ खड़े नहीं हैं। अखिलेश अब भी सीधी लड़ाई भाजपा से ही लड़ना चाहते हैं लेकिन उनको कांग्रेस और बसपा से भी टकराना पड़ रहा है। योगी सरकार के 8 साल पर भी उन्हांेने सवाल उठाये और कहा कि निवेश के नाम पर इस सरकार में संगठित भ्रष्टाचार हो रहा है। कमीशन लेकर जेबें भरी जा रही हैं। उनका इशारा उस अफसर की तरफ है जिसको योगी सरकार ने सजा दी है।
कर्नाटक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सरकार ने सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को चार फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव किया। यह लड़ाई पहले तो कर्नाटक से दिल्ली पहुंची और अब इसका रुक लखनऊ की ओर है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर कांग्रेस से अलग रुख अख्तियार किया है। आरक्षण विवाद पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। हम लोग जाति जनगणना के पक्ष में हैं। आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन पिछड़े और दलितों को आरक्षण मिलना चाहिए। जो पीछे रह गए हैं उनको मिलना चाहिए लेकिन धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। सपा चीफ ने कहा कि भाजपा ने पहले एंग्लो इंडियन का आरक्षण समाप्त कर दिया अब इनकी नजर वक्फ बोर्ड पर है, इनकी मंशा साफ नहीं है। यूपी में भाजपा सरकार के 8 साल पूरे होने पर अखिलेश ने कहा कि 8 साल की खुशी क्या मनाना आज यूपी में लॉ एंड आर्डर की स्थिति क्या है यह किसी से छिपा नहीं है। सबसे ज्यादा महिलाएं और बहन बेटियां कहीं अगर असुरक्षित हैं तो वह यूपी में हैं यह सरकार का आंकड़ा बताता है। भाजपा सरकार ने गरीबों किसानों की आय को खत्म कर दिया है।
अखिलेश ने कहा उन्होंने कहा कि यह जो बताया जा रहा है की 8 साल बेमिसाल इसकी हकीकत क्या है आज यूपी में महिलाएं और बहन बेटियां असुरक्षित हैं। सोलर सिस्टम लगाने मंे रिश्वत के आरोपी अभिषेक प्रकाश का जिक्र भी उन्होंने किया, हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरे टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए इन्वेस्ट यूपी के सीईओ को सस्पेंड कर दिया। यूपी सरकार ने एक उद्यमी की शिकायत पर एक्शन लेते हुए यह कदम उठाया। उद्यमी ने सोलर इंडस्ट्री लगाने के लिए इन्वेस्ट यूपी के तहत आवेदन किया था। इसी बीच किसी बिचौलिये ने काम कराने के लिए उद्यमी से कमीशन मांगा। उद्यमी ने इसकी शिकायत कर दी। लिहाजा कमीशन मांगने वाले वसूलीबाज निकांत जैन को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली है। वहीं इनवेस्ट यूपी के सीईओ को सस्पेंड कर दिया है। इन्वेस्ट यूपी के सीईओ सीनियर आईएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश हैं।
अखिलेश को वरिष्ठ नेता आजम खान का रुख भी समझ नहीं आ रहा है। नगीना के सांसद चंद्रशेखर रावण ने जेल पहुंचकर आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि आजम खां से उनके पारिवारिक संबंध हैं। अब्दुल्ला आजम छोटे भाई हैं। उनके लिए सड़क से लेकर संसद तक लड़ेंगे।रामपुर में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के परिवार से आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर रावण ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद नगीना सांसद ने अब्दुल्ला आजम को लेकर हो रही साजिश का जिक्र करते हुए उनसे मुलाकात की बात कही। आजम खान के परिवार से मुलाकात करने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए चन्द्रशेखर रावण ने कई सवालों के जवाब दिए। उनसे पूछा गया कि जब आप अब्दुल्ला आजम से हरदोई जेल में मिलने गये थे, तब अखिलेश यादव को आजम परिवार से मिलने के लिए रामपुर आना पड़ गया था। इस पर चन्द्र शेखर रावण ने मुस्कुराते हुए कहा कि अब मैं यहां आ गया हूं तो वह कहां जाएंगे? नगीना सांसद ने आगे कहा कि कुछ रिश्ते राजनीति से ऊपर होते हैं मुझे आज भी याद है। एक बार मैं इस घर में पहले भी आया हूं। जब मैं आया मैं उस प्यार को शब्दों में बयां नहीं कर सकता, आप सब ने देखा है। चंद्रशेखर और आजम खां का यह प्यार भी अखिलेश यादव को खटक रहा है।
उधर, भाजपा ने मुस्लिम वोट में सेंध लगाने का ब्लू प्रिंट बना लिया है। ईद के मौके पर केंद्र सरकार ने मुसलमानों को खास तोहफा दिया है। दरअसल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 32 लाख गरीब मुसलमानों को ईद के मौके पर सौगात-ए-मोदी दिया जाएगा, ताकि उन्हें ईद मनाने में किसी तरह की दिक्कत न हो। इस मामले पर भाजपा नेता नीरज कुमार ने कहा, श्चंद दलालों, चंद ठेकेदारों के गिरफ्तर से मुस्लिम समाज को भी अब बाहर आना है। भाजपा के 32 हजार पदाधिकारी 32 हजार मस्जिदों में संपर्क कर 32 लाख गरीब मुसलमानों को सौगात-ए-मोदी देंगे। उन्होंने कहा, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की चिंता कहीं न कहीं जायज है, जिस तरह से नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों के लिए ईदी योजना, उस्ताद योजना अलग से चलाया, तीन तलाक जैसी कुप्रथा को समाप्त किया, उस हिसाब से हमें उनका वोट नहीं मिलता। सौगात-ए-मोदी अभियान भारतीय जनता पार्टी द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है। इसका उद्देश्य है मुस्लिम समुदाय के बीच कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देना और भाजपा और एनडीए के लिए राजनीतिक समर्थन जुटाना। यह अभियान खास इसलिए भी है क्योंकि यह रमजान और ईद जैसे अवसरों पर केंद्रित है। इस अभियान के तहत केंद्र सरकार ने 32 लाख मुस्लिम परिवारों तक पहुंचने और 3 हजार मस्जिदों के साथ सहयोग करने की योजना बनाई है। कुछ लोग केंद्र सरकार के इस फैसले को समावेशी बता रहे हैं तो कुछ लोग इसे राजनीति का हिस्सा बता रहे हैं। अखिलेश यादव का इससे भी चौकन्ना होना स्वाभाविक है। (हिफी)