मिडिल ईस्ट को आग में धकेल रहे ईरान व अमेरिका

मिडिल ईस्ट में लगातार तनाव बढ़ रहा है। ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ती टेंशन पूरे क्षेत्र को युद्ध के कगार पर ले आई है। इसे देखकर ऐसा लगता है, जैसे तीसरा विश्वयुद्ध मिडिल ईस्ट से ही हो जाएगा। क्योंकि ईरान के समर्थन वाले हूती विद्रोहियों पर लगातार अमेरिका हमले कर रहा है। वहीं हूती विद्रोही भी अमेरिकी जहाजों और इजरायल पर हमले कर रहे हैं। इजरायल ने भी एक बार फिर गाजा और लेबनान में मिसाइलें बरसानी शुरू कर दी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को परमाणु कार्यक्रम पर समझौते के लिए धमकी दी है। ट्रंप ने बम बरसाने की चेतावनी दी है, वहीं ईरान ने भी जवाबी हमले की तैयारी दिखाई है।
30 मार्च को एक इंटरव्यू में ट्रंप ने ईरान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे समझौता नहीं करते, तो बमबारी होगी। ऐसी बमबारी जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखी होगी। ट्रंप ने अतिरिक्त टैरिफ की भी धमकी दी, जैसा उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में किया था। ट्रंप ने यह बयान तब दिया जब ईरान ने अमेरिका के सीधे बातचीत के प्रस्ताव को ठुकराते हुए परमाणु समझौते से इनकार कर दिया। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा, ‘हम सीधी बातचीत से इनकार करते हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष वार्ता जारी रह सकती है।’ ईरान ने हाल ही में अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन भी किया। हाल ही में उसने ‘अंडरग्राउंड मिसाइल मेगासिटी’ का खुलासा किया, जिसमें बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं। यह कदम अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए एक संदेश माना है कि अगर उन्होंने हमले की कोशिश की तो करारा जवाब मिलेगा। दूसरी ओर, अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा दी है। न्ैै हैरी एस। ट्रूमैन और न्ैै कार्ल विंसन जैसे विमानवाहक पोत क्षेत्र में तैनात हैं, जबकि हिंद महासागर में मौजूद डिएगो गार्सिया में बी-2 स्टील्थ बॉम्बर तैनात किए गए हैं। ईरान के साथ तनाव के बीच, ट्रंप ने यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर भी निशाना साधा। सोमवार को ट्रंप ने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर कहा, ‘पिछले दो हफ्तों में हूतियों पर लगातार हमलों से उनके कई लड़ाके और नेता मारे गए। हम दिन-रात उन पर और सख्त हमले कर रहे हैं। अगर वे अमेरिकी जहाजों पर हमले बंद करें, तो हम रुक जाएंगे, नहीं तो असली दर्द अभी बाकी है। हूतियों और उनके ईरानी स्पॉन्सर्स दोनों के लिए।’ पहले ये माना जा रहा था कि डिएगो गार्सिया में बॉम्बर की तैनाती हूतियों के खिलाफ है, लेकिन अब यह ईरान पर बड़े हमले की आशंका को बल दे रही है।