इस बार सबसे भव्य होगा रामजन्मोत्सव

(मोहिता स्वामी-हिफी फीचर)
वासंतिक नवरात्र चल रहे हैं। इसी के साथ 6 अप्रैल को रामनवमी की सभी को प्रतीक्षा है। चैत्र शुक्लपक्ष की नवमी को भगवान ने अयोध्या में राजा दशरथ के महल में अवतार लिया था। गोस्वामी तुलसीदास के शब्दों में कहें तो चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को प्रभु प्रकट हुए थे। इसी के बाद से प्रभु राम का प्राकट्योत्सव मनाया जाता है। लगभग 500 साल के संघर्ष के बाद अयोध्या में रामलला का भव्य एवं नव्य मंदिर बनाया गया जिसमें रामलला विराजमान भी हो गये। अब 6 अप्रैल 2025 को इस नये मंदिर में पहला प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार रामलला का सर्वप्रथम तिलकोत्सव उनके पूर्वज भगवान सूर्यदेव दोपहर ठीक 12 बजे करेंगे। देश-दुनिया में बैठे रामभक्त इस भव्य और अति पुण्य दृश्य को दूरदर्शन के माध्यम से देख सकंेगे। रामजन्मोत्सव पर अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। अयोध्या में श्रद्धालुओं की बहुत अधिक भीड़ हो सकती है, इसलिए लोग अपने-अपने घरों में रामजन्म की खुशियां मनाते हुए राम जन्मोत्सव का दूरदर्शन पर ही अवलोकन करें।
प्रभु राम की नगरी अयोध्या में बालक राम के जन्मोत्सव की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। 6 अप्रैल को ठीक दोपहर 12 बजे अयोध्या के लगभग 8000 मठ मंदिर समेत राम मंदिर में धूमधाम के साथ प्रभु राम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान पूरे देश-दुनिया की निगाहें प्रभु राम के मंदिर पर टिकी रहेंगी। जब भगवान सूर्य प्रभु राम का माथे पर तिलक करेंगे तो उस दृश्य को देखने के लिए राम मंदिर ट्रस्ट ने डिजिटल माध्यम से भी तैयारी पूरी कर दी है। अयोध्या में जगह-जगह पर 100 से ज्यादा एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी। रामनवमी के दिन सबसे पहले सरयू जल और पंचामृत से प्रभु राम का अभिषेक किया जाएगा। अभिषेक के बाद प्रभु राम का श्रृंगार होगा। श्रृंगार के बाद भोग आरती होगी। भोग आरती के दौरान प्रभु राम को 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। प्रतिदिन की तरह रामभक्त जैसे दर्शन करते हैं, वैसे ही दर्शन पूजन करते रहेंगे। इसके अलावा राम मंदिर ट्रस्ट यह अनुमान लगा रहा है कि इस बार के रामनवमी में कई लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। ऐसी स्थिति में राम भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसको लेकर राम मंदिर गेट से लेकर राम मंदिर परिसर तक छाजन की व्यवस्था की जा रही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर में रामनवमी 6 अप्रैल को मनाया जाएगा। ठीक दोपहर 12.00 बजे प्रभु राम का जन्म होगा और जन्म के दौरान सूर्य तिलक किया जाएगा। सूर्य तिलक करने के लिए रुड़की और इसरो के वैज्ञानिक भी अयोध्या पहुंच चुके हैं और प्रशिक्षण का कार्य कर रहे हैं।
रामनवमी के दिन प्रभु राम का सबसे पहले अभिषेक होगा। अभिषेक के बाद श्रृंगार होगा श्रृंगार के बाद भोग आरती होगी। उसके बाद प्रभु को 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। इस दृश्य को हर राम भक्त घर बैठकर या फिर अयोध्या में मौजूद होकर भी देख सकता है। राम मंदिर ट्रस्ट नहीं प्रभु राम के जन्मोत्सव को लेकर सभी तैयारी पूरी भी कर ली है।
राम जन्मोत्सव के मौके पर प्रभु राम की नगरी दुल्हन की तरह सजी हुई है। चारों तरफ त्रेता युग का दृश्य दिख रहा है और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है। राम जन्मोत्सव के अवसर पर राम मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर मंदिर तक सुगंधित फूल और भव्य लाइटिंग से सजाया गया है। रात के अंधेरे में मंदिर दिन की तरह चमक रहा है। आधुनिक रंग बिरंगी लाइटों से पूरी नगरी रंगीन दिख रही है। इस माहौल में मंदिर के मुख्य द्वार को विशेष रूप से सजाया गया है, जहां भक्त उत्साहपूर्वक सेल्फी लेते हुए दर्शन कर रहे हैं।
अयोध्या में भगवान राम के जन्मोत्सव को लेकर जबरदस्त तैयारी हो रही है। भगवान के मंदिर से लेकर प्रवेश द्वार तक खूबसूरत फूलों से सजावट की गई है और सुंदर लाइटिंग से राम मंदिर की आभा और भी बढ़ गई है। राम मंदिर का निर्माण भी पूरा हो चुका है और अब भगवान के जन्मोत्सव की तैयारी को लेकर राम मंदिर को भव्यता के साथ सजाया जा रहा है।
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने बताया कि अयोध्या में रामनवमी बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। साधु संत अपने स्थान को रामनवमी के लिए सजाते हैं। राम जन्मभूमि परिसर को बहुत ही व्यवस्थित और सुंदर तरीके से सजाया गया है। दर्शन मार्ग पर एक खूबसूरत द्वार बनाया गया है जो अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। गर्मी को ध्यान में रखते हुए, राम मंदिर को खूबसूरत लाइटिंग से सजाया गया है ताकि फूल जल्दी सूख न जाएं।
राम मंदिर ट्रस्ट ने अयोध्या आने वाले भक्तों के लिए एक और सुविधा दी है। अब जब भक्त राम मंदिर में दर्शन पूजन कर वापस आएंगे, तो उन्हें निकासी मार्ग पर प्रभु राम का भोग लगा प्रसाद भी दिया जाएगा। अंगद टीला पर राम मंदिर में दर्शन पूजन करने वाले भक्तों के निकासी मार्ग की व्यवस्था की गई है। वहीं सीता रसोई का संचालन भी राम मंदिर ट्रस्ट कर रहा है। रामनवमी के पहले दिन से शुरू हुई यह सीता रसोई अब लगातार भक्तों के लिए चालू रहेगी। अभी तक अयोध्या आने वाले राम भक्तों को राम मंदिर ट्रस्ट निशुल्क लाकर सेवा, चरण पादुका सेवा और निःशुल्क पास उपलब्ध कराता था लेकिन अब राम भक्तों को प्रभु राम का भोग लगा हुआ प्रसाद भी मिलेगा। यानी राम भक्त अब दर्शन और पूजन करने के बाद भरपेट भोजन भी प्रसाद स्वरूप ग्रहण कर सकेंगे। नवरात्र के पहले दिन से शुरू हुई सीता रसोई अब राम मंदिर ट्रस्ट अनवरत संचालित करेगा। पहले दिन 70000 से ज्यादा राम भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया, जबकि दूसरे दिन यह संख्या 50000 के ऊपर पहुंच गई। श्रद्धालु मंदिर में दर्शन-पूजन कर भाव विभोर हो रहे। राम मंदिर ट्रस्ट की सीता रसोई के प्रभारी ने बताया कि राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा सीता रसोई निकासी मार्ग पर चलाई जा रही है। यहां राम भक्त बड़े उत्साह से प्रभु राम का भोग लगे प्रसाद का आनंद ले रहे हैं। वहीं, अयोध्या पहुंचे श्रद्धालु मंदिर में दर्शन-पूजन कर भाव विभोर हो रहे हैं और मंदिर ट्रस्ट की प्रशंसा भी कर रहे हैं। राम मंदिर ट्रस्ट अयोध्या में प्रभु राम के जन्मोत्सव को धूमधाम के साथ मनाने की तैयारी में जुटा है। इसके लिए वो कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली है। रामनवमी इस वर्ष 6 अप्रैल को है। 6 अप्रैल को दोपहर 12 बजे प्रभु राम का जन्मोत्सव वृहद स्तर पर मनाया जाएगा। उस दौरान भगवान सूर्य भी प्रभु राम का 4 मिनट तक तिलक करेंगे। राम मंदिर ट्रस्ट ने रामनवमी पर होने वाले सभी कार्यक्रमों की रूपरेखा जारी की है। राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक, प्रभु राम का जन्मोत्सव चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि को मनाया जाएगा। सुबह 9.30 बजे से धार्मिक अनुष्ठान शुरू होगा। 10.30 बजे तक भगवान का अभिषेक किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, 10.30 बजे से लेकर 10.40 तक भगवान का पर्दा बंद रहेगा। 10.40 से भगवान की श्रृंगार आरती होगी। उसके बाद 11.45 तक भगवान का श्रृंगार किया जाएगा। श्रृंगार के दरमियान दर्शन चलता रहेगा। (हिफी)