ट्रम्प की दोस्तों संग दोस्ती, दुश्मन संग दुश्मनी

अमेरिका और चीन के बीच अब टैरिफ वॉर छिड़ गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने दोस्तों संग दोस्ती और दुश्मन संग दुश्मनी निभाई है। ट्रंप ने भारत को टैरिफ से 90 दिन की राहत दी है मगर चीन को तगड़ी चोट दी है। डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ प्लान को देखकर लगता है कि अमेरिका का असल टारगेट चीन ही है। अमेरिका लगातार चीन को टैरिफ वाला दर्द दे रहा है। अब डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत 75 देशों पर लगाए गए टैरिफ पर 90 दिनों के लिए ब्रेक लगा दिया है। मगर की ट्रंप ने जरा भी रियायत नहीं दी। अव्वल तो डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 125 फीसदी टैरिफ लगा दिया। डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ जो किया है, उससे साफ लग रहा कि उन्होंने दोस्तों से कान में बात करके ही ही यह फैसला लिया है।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों के लिए 90 दिनों के लिए टैरिफ पर रोक लगा दी है। जहां एक तरफ कई देशों को इस फैसले से फिलहाल राहत मिली है, वहीं दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से होने वाले सभी आयातों पर 125 फीसद आयात शुल्क लगा दिए हैं। चीन ने भी पलटवार करते हुए अमेरिकी सामानों पर 84 फीसद तक आयात शुल्क लगा दिए हैं। इस फैसले से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध और तेज हो गया है। अब सवाल है कि आखिर डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा क्यों किया? अमेरिका की रणनीति चीन को सबक सिखाने और अन्य देशों पर दबाव बनाने की है। ऐसा लग रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत अन्य देशों से कान में बात की और फिर दुश्मन संग सबको लपेट लिया। अब बाद में फिर उन्हें राहत दे दी और चीन पर हथौड़ा चला दिया। व्हाइट हाउस ने अन्य देशों को सचेत किया है। उसका कहना है कि ट्रंप के टैरिफ पर जवाबी कार्रवाई नहीं करो। इसका इनाम मिलेगा। ट्रंप के लेटेस्ट फैसले से साफ है कि जिसने रिटैलिएट यानी जवाबी कार्रवाई की अमेरिका का चाबुक उसी पर चला है। भारत समेत अन्य देशों ने अमेरिका को जैसे को तैसा वाला जवाब नहीं दिया। भारत ने कूटनीतिक चैनल से अमेरिका से बातचीत जारी रखी। भारत के साथ-साथ इजरायल समेत कई देशों ने अमेरिका को टैरिफ पर मनाया। नतीजा हुआ कि अमेरिका ने अपने दोस्तों को बाद में 90 दिनों की राहत दे दी।