योगी राज में सुधरते अपराधी

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहा करते थे कि अपराध से घृणा करो, अपराधी से नहीं अर्थात् गलत काम करने वाले को भी सुधरने का अवसर मिलना चाहिए। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 2017 से ही अपराध नियंत्रण मंे जीरो टालरेंस की रणनीति बना रखी है। अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ युद्धस्तर पर कार्रवाई होती है। पुलिस के साथ एनकाउंटर मंे कितने ही अपराधी मारे गये और बड़ी संख्या में गिरफ्तार भी हुए। इन अपराधियों को अपने गलत कार्य की सजा मिली है। ऐसे ही लगभग 120 अपराधियों ने मेरठ के बागपत क्षेत्र मंे अपने जीवन को पूरी तरह बदलने का आश्वासन दिया है। इन लोगों को अपने गलत कार्यों के लिए पश्चाताप भी हुआ और उन्हांेने शपथ ली है कि भविष्य मंे कोई गलत कार्य नहीं करेंगे। इतना ही नहीं इन पूर्व अपराधियों ने यह भी शपथ ली है कि वे अन्य लोगों को भी समझाएंगे कि अपराध मत करो। इसके बावजूद कोई यदि अपराध करता है तो उसकी सूचना भी पुलिस को दंेगे। बागपत के पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार राय की यह पहल सराहनीय है। हमारे देश में जेलों का उद्देश्य ही यह है कि अपराधी को सुधरने का अवसर मिले। बागपत की तरह ही प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी सजा प्राप्त कर चुके लोगों को इसी तरह का आचरण करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। योगी सरकार ने अपराधियों के मन मंे भय भी पैदा किया है। इसके साथ ही जनता के कार्य भी प्राथमिकता से किये जा रहे हैं। गत 23 जून को ही जनता दर्शन कार्यक्रम मंे सीएम ने साफ-साफ कहा कि अफसर नहीं सुन रहे हैं तो मुझे पत्र लिखें। उन्होंने एक बच्ची को नर्सरी में तुरन्त प्रवेश भी दिलवाया।
बागपत पुलिस के मिशन एनकाउंटर से डरकर जनपद के 120 शातिर अपराधियों ने गुनाह और अपराध से तौबा कर ली है। जनपद के कई थानों पर पुलिस ने पुराने बदमाशों को इकट्ठा किया और उन्हें अपराध न करने की शपथ दिलाई। एसपी बागपत सूरज कुमार राय की पहल पर 120 अपराधियों को थाने पर बुलाया गया और उन्हें भविष्य में अपराध न करने की कसम खिलाई गई। यह सभी अपराधी लूट, चोरी ,हत्या, गोकशी जैसे संगीन मुकदमों में सजा काटकर जेल से बाहर आए हैं, जिनका पुलिस ने वेरिफिकेशन कराया और सभी को थाने पर बुलाकर शपथ दिलाई। रमाला, बागपत, बड़ौत, बालैनी, सिंघावली थाने पर अपराधियों को शपथ दिलाई गई और उनका वीडियो जारी किया गया। एसपी बागपत सूरज कुमार राय ने बताया कि अपराधियों को थाने पर बुलाकर उन्हें अपराध न करने की शपथ दिलाई गई है। जनपद के विभिन्न थानों पर इस कार्यक्रम को कराया गया, जिसमें पिछले 10 सालों के मुकदमों के 120 अपराधियों को बुलाया गया और उनसे अपराध न करने की शपथ दिलाई गई। एसपी ने बताया कि पुलिस इन तमाम अपराधियों पर नजर भी रखेगी, ताकि ये अपराध की दुनिया में दोबारा न उतर जाएं। एसपी सूरज राय ने बताया कि सभी अपराधी गंभीर अपराधों में सजा काटकर जेल से बाहर आए हैं। सभी ने कसम खाई है कि वे अब अपराध की दुनिया में वापस नहीं लौटेंगे। इतना ही नहीं अगर कोई अपराध करता है तो उसकी सूचना भी पुलिस को देंगे। गौरतलब है कि करीब दो महीने पहले गाजियाबाद में भी 200 अपराधियों को अपराध न करने की शपथ दिलाई गई थी। बता दें कि यूपी पुलिस अपराध पर नियंत्रण के लिए ताबड़तोड़ एनकाउंटर की कार्रवाई कर रही है।
उत्तर प्रदेश में बीते 8 सालों में योगी आदित्यनाथ की सरकार में प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतर हुई है। यूपी सरकार की ओर से जघन्य अपराध से जुड़ी रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2017 से अब तक यूपी में डकैती, लूट, हत्या, अपहरण और रेप जैसे जघन्य अपराधों के मामलों में 85 फीसदी की कमी आई है। यूपी में योगी सरकार के 8 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बीजेपी प्रदेशभर में कार्यक्रमों का आयोजन कर रही और उपलब्धियां गिना रही है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 8 सालों में अपराध दर में बड़ी गिरावट आई है। डकैती के मामलों में 84 फीसदी गिरावट आई है। लूट के मामलों में
77.43 फीसदी की कमी आई है। अपहरण, रेप और दहेज हत्या से जुड़े मामलों में कमी दर्ज की गई है। 2017 में यूपी का सीएम बनते ही योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया था कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुधारने के लिए बड़े कदम उठाए जाएंगे। योगी सरकार की ओर से माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया है। नतीजतन, 142 अरब रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई है, 68 माफिया और उनके करीब 1500 सहयोगियों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। और 617 अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है। 752 अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है।
यूपी में अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। इस नीति की वजह से अपराध दर में भारी गिरावट आई है। योगी सरकार ने साफ कर दिया है कि अपराध पर लगाम लगाने के लिए भविष्य में और सख्त कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 23 जून को जनता दर्शन किया। इस दौरान प्रदेश भर से लगभग 65 से अधिक पीड़ित पहुंचे। मुख्यमंत्री हर पीड़ित के पास स्वयं पहुंचे, समस्या सुनी, प्रार्थना पत्र लिया और उन्हें अहसास कराया कि हर समस्या में सरकार साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के हर नागरिक की सेवा, सुरक्षा और सम्मान सरकार की पहली प्राथमिकता है। सरकार विगत 8 वर्ष से इसी उद्देश्य से कार्य कर रही है।
जनता दर्शन में पुलिस, राजस्व, चिकित्सा सहायता, शिक्षा, आवास, आंगनबाड़ी, कब्जा आदि से जुड़े अनेक मामले आए, जिस पर प्रार्थना पत्र लेकर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया। जनता की समस्या सुनते हुए सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर पीड़ित की समस्या पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। इसमें हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सबके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित करते हुए त्वरित और संतुष्टिपरक निस्तारण का निर्देश देने के साथ लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर पीड़ित की समस्या का समाधान कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है। सबको न्याय मिलेगा और सबकी पीड़ा दूर की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता दर्शन में आए बच्चों को दुलार किया। उन्होंने बच्चों से बातें कीं, पढ़ाई के बारे में जानकारी ली। सीएम योगी ने चॉकलेट-टॉफी प्रदान कर बच्चों को उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद दिया। इस दौरान मुरादाबाद से वाची नाम की नन्हीं बच्ची अपनी बात लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंची। फरियाद सुनते हुए जब मुख्यमंत्री इस बच्ची के पास पहुंचे तो सबसे पहले उसका हाल पूछा। फिर उसका भी प्रार्थना पत्र लिया और पढ़ा। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाची से पूछा तू, स्कूल नहीं जाना चाहती है। इस पर बच्ची ने कहा कि नहीं, मैं स्कूल जाना चाहती हूं। मैं यह कह रही हूं कि आप स्कूल में मेरा एडमिशन करा दो। इस पर मुख्यमंत्री ने पूछा, किस क्लास में… 10वीं या 11वीं में? बच्ची ने तपाक से उत्तर दिया- अरे, मुझे नाम नहीं पता। इस पर मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद को प्रार्थना पत्र सौंपा। कहा कि इस बच्ची का एडमिशन हर हाल में कराओ। जनता दर्शन का आयोजन गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने भी किया गया था। यहां कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक वह खुद पहुंचे और एक-एक करके सबकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान करीब 200 लोगों से मुलाकात की। (हिफी)