उत्तर प्रदेशबड़ी खबर

हरित उत्तर प्रदेश के लिए योगी सरकार ने बढ़ाया दूरदर्शी कदम

  • 1 से 7 जुलाई 2025 में जन्म लेने वाले बच्चों को दिए जाएंगे पौधे
  • नवजात शिशुओं को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट व पौध भी देगी योगी सरकार
  • जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व अन्य सरकारी अस्पताल में जन्मे बच्चों को दिए जाएंगे पौधे
  • नवजात के जीवन को खुशमय बनाने, हरियाली बढ़ाने, परिवार को पौध लगाने व संरक्षित करने के लिए सरकार का जोर
  • स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर इसे मूर्त रूप देगा वन विभाग

लखनऊ। योगी सरकार ने यूपी को हरित प्रदेश बनाने के लिए दूरदर्शी कदम बढ़ाया है। पहली से सात जुलाई 2025 तक जन्म लेने वाले बच्चों को अब ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट के साथ पौधे भी दिए जाएंगे। यह पौधे यूपी के सभी जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व अन्य सरकारी अस्पताल में जन्मे बच्चों को प्रदान किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए वन विभाग इसे मूर्त रूप प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य नवजात के जीवन को खुशमय बनाने के साथ प्रदेश में हरियाली बढ़ाने, परिवार को पौध लगाने व संरक्षित करने के लिए प्रेरित करना है।

वषाकाल-2025 में चलेगा पौधरोपण महाभियान, लगाए जाएंगे 35 करोड़ पौधे

योगी सरकार के निर्देश पर समूचे प्रदेश में वषार्काल-2025 में पौधरोपण महाभियान चलेगा। इस दौरान 35 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। सर्वाधिक पौधरोपण का लक्ष्य लखनऊ मंडल को दिया गया है। इस बार त्रिवेणी वन की स्थापना और संरक्षण पर सरकार का जोर है। इसके साथ ही महापुरुषों के नाम पर भी वन वाटिका लगाई जाएगी। सर्वाधिक पौधे शीशम व सागौन प्रजाति के लगाए जाएंगे।

बच्चों के जन्म पर सर्टिफिकेट व पौध किया जाएगा भेंट

प्रधान मुख्य वन संरक्षक व विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी ने बताया कि पौधरोपण महाभियान-2025 में जनसमुदाय की सहभागिता पर सरकार का जोर है। नवजात को उपहार स्वरूप पौधा देना बच्चे के जीवन में समृद्धि व विकास का परिचायक है। इसी के अनुरूप पहली से सात जुलाई (वन महोत्सव) की अवधि में जन्मे नवजात शिशुओं को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट के साथ एक पौधा भेंट के रूप में प्रदान किया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर मूर्त रूप देगा वन विभाग

वन महोत्सव के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर वन विभाग मूर्त रूप प्रदान करेगा। प्रधान मुख्य वन संरक्षक व विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी ने सभी प्रभागों के वनाधिकारी को निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर संस्थागत प्रसव से जन्मे बच्चों को यह सर्टिफिकेट व पौधा दिया जाए। संस्थागत प्रसव में जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व अन्य सरकारी अस्पतालों को शामिल किया जाए। भेंट स्वरूप सागौन, शीशम समेत इमारती प्रजाति के पौधों को प्राथमिकता दी जाए। अभिभावकों को खाली स्थानों पर पेड़ लगाने के संबंध में जानकारी दी जाए।

क्या है ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट

एक से सात जुलाई तक जन्मे बच्चों को प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व अन्य सरकारी अस्पतालों में जाकर जो सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा, उसे ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य बच्चों के साथ ही रोपित पौधे की समुचित देखभाल व संरक्षण के लिए अभिभावकों को प्रोत्साहित करना भी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button