सम-सामयिक

सुनियोजित जातीय संघर्ष चिंतनीय

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
भारत विभिन्न जातियों और धर्म-सम्प्रदायों का एक खूबसूरत गुलदस्ता है। दुनिया के किसी भी देश मंे इतनी ज्यादा जातियां और सम्प्रदाय एक साथ हिल मिलकर नहीं रहते। भारत मंे यह इसलिए संभव है क्योंेिक यहां की संस्कृति में वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना निहित है। हम समूची दुनिया को एक परिवार मानते हैं और इसी भावना से युगों से रहते चले आ रहे हैं। जातियों के मामले में विचारधारा कब बदली, इस बारे मंे ठीक-ठीक तो नहीं कहा जा सकता क्योंकि भारत के प्राचीन ग्रंथों मंे वर्ण व्यवस्था का उल्लेख है जो कर्म अर्थात् कार्य विभाजन के आधार पर बनाये वर्ण से जुड़ी है। जन्म के आधार पर जातियां बाद मंे बनीं। अब ये जातियां राजनीति का प्रमुख मुद्दा बन गयी हैं। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के इटावा मंे जातीय संघर्ष पैदा करने का कुप्रयास किया गया। मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे गंभीरता से लिया और पुलिस-प्रशासन को सख्त चेतावनी दी कि सुनियोजित जातीय संघर्ष पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री गत 25 जून को लखनऊ में कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक कर रहे थे। ताजा मामला इटावा के एक भागवत कथा वाचक का है जिस पर आरोप है कि उसने अपनी जाति छिपायी। यह भी पता चला है कि उसने दो आधार कार्ड बनवा रखे हैं जिसमें एक पर उसके नाम के साथ ब्राह्मण अग्निहोत्री जाति अंकित है। इस संदर्भ में भागवत कथा के आयोजक ने एफआईआर दर्ज करवाई है जिसमंे कहा गया कि कथावाचक ने अपने और साथियों को ब्राह्मण बताकर ही भागवत कथा का निमंत्रण स्वीकार किया था। बाद मंे इसी बात को लेकर विवाद हुआ। कथावाचक पर महिला ने छेड़खानी का भी आरोप लगाया है। कुल मिलाकर इसे जातीय संघर्ष का रूप दिया जा रहा है। इस पर पुलिस-प्रशासन को सख्त कदम उठाना ही होगा।
उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक से कथित बदसलूकी का मामला अब जोर पकड़ता जा रहा है।कानपुर के रहने वाले कथावाचक मुकट मणि, संत सिंह यादव मुकुट और उनके साथियों ने ब्राह्मणों पर मारपीट और अमानवीय हरकत करने का आरोप लगाया था। यह मामला इटावा के दादरपुर गांव में 22 जून को घटित हुआ था। इस मामले में इटावा पुलिस में दोनों कथा वाचकों पर भी मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें उन पर धोखाधड़ी जालसाजी करने का आरोप लगाया गया है। अब इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया है।
मुकट मणि यादव और संत सिंह यादव पर इटावा के थाना बकेवर में देर रात मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुकदमा दादरपुर निवासी जयप्रकाश तिवारी की शिकायत पर दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने दोनों कथा वाचकों पर धोखाधड़ी और जालसाजी करने के आरोप लगाए गए हैं। वहीं पुलिस पिछले दो दिनों से कथावाचक मुकुट मणि के दो आधार कार्डों की गुत्थी सुलझा नहीं पा रही है।मुकुट मणि पर एक ही फोटो और एक ही पते पर दो आधार कार्ड बनवाने का आरोप है। एक में उसका नाम मुकुट मणि अग्निहोत्री दर्ज है। इसी नाम से ब्राह्मण बता कर मुकुट मणि कथा करने गए थे।इसके बाद ही उनके साथ कथित मारपीट की घटना हुई थी।
पूरा मामला यह है कि इटावा के दादरपुर गांव में 22 जून को ब्राह्मणों ने एक कथावाचक और उनके साथियों से मारपीट की थी। कानपुर के रहने वाले मुकुट मणि सिंह के मुताबिक, ब्राह्मणों ने पहले उनकी जाति पूछी। जब उन्होंने बताया कि वे यादव बिरादरी से हैं, तो उन पर दलित होने का आरोप लगाते हुए उन्हें धमकाया गया।उन्होंने बताया है कि उन्हें कहा गया कि ब्राह्मणों के गांव में भागवत पाठ करने की हिम्मत कैसे की। इसके बाद उनकी चोटी काट दी गई और सिर मुंडवा दिया गया। एक महिला के पैर पर नाक रगड़वाई गई। उनके साथियों के साथ भी मारपीट की गई। उनका सिर मुंडवाया गया और उनके साजो-सामान तोड़ दिए गए। पीड़ित कथावाचक ने 23 जून को इटावा के सपा सांसद जितेंद्र दोहरे के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बृजेश कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात की। एसएसपी के आदेश पर कोतवाली में चार नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी से 10 दिन में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। घटना उजागर होने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने 23 जून को ही पीड़ित कथावाचक और उनके साथियों को लखनऊ बुलाया। अखिलेश ने उन्हें नया ढोलक और हारमोनियम के साथ-साथ 21-21 हजार रुपए भी दिए। उन्होंने सबको 51-51 हजार रुपये देने का वादा किया है। इस अवसर पर अखिलेश ने कहा था कि प्रभुत्ववादी सीमाएं लांघ गए हैं। वर्चस्ववादी लोग सिर तक मुड़वा कर रातभर पीट रहे हैं। इन वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों को ताकत कहां से मिल रही है। उन्होंने कहा कि वर्चस्ववादी लोगों को इतनी ही तकलीफ है तो कह दें कि पिछड़ों की ओर से दिया गया दान कभी स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कथावाचन के लिए कानून बना दो कि यह सिर्फ वर्चस्ववादी लोग ही करेंगे।
इस घटना में ब्राह्मण महासभा भी सक्रिय हो गई है। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे ने अपने साथियों के साथ इटावा के एसएसपी से मुलाकात कर आरोप लगाया कि कथावाचकों ने अपनी जाति छुपाई, धार्मिक भावना भड़काई और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। महासभा ने कथावाचकों पर कार्रवाई न होने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इटावा के एसएसपी ब्रजेश श्रीवास्तव को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यूपी में जातीय हिंसा करना चाहते हैं और पुलिस इसे रोक नहीं पा रही है।
उन्होंने औरैया और कौशांबी जिलों के एसपी को भी फटकारा है। इन दोनों जिलों में भी इसी तरह की घटनाएं हुई हैं। प्रदेश के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक में सीएम योगी ने कहा कि जिस जिले में ऐसी घटनाएं होंगी, वहां अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
इटावा के यादव कथावाचक के साथ मारपीट के मामले में उस समय नया मोड़ आया जब इटावा एसएसपी ऑफिस पहुंची एक महिला ने कथावाचक पर छेड़खानी का आरोप लगाया। भागवत कथा की परीक्षित रेणु तिवारी ने कहा हम तो उन्हें पूजनीय मान रहे थे। उनका सम्मान कर रहे थे लेकिन उनकी हरकतें ठीक नहीं थी। मैंने अपने पति को भी इस बारे में बताया तो उन्होंने भागवत खंडित न हो इसलिए चुप रहने को कहा लेकिन बाद में हरकतें जब बढ़ती गई तो उनसे माफी मंगवाई। रेणु तिवारी ने यह भी कहा कि कथावाचक के झोले से दो आधार कार्ड मिले। जिसमें एक में उनके नाम के टाइटल में अग्निहोत्री लिखा था। ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे ने कहा कि कथावाचक अपनी जाति को छिपाकर भागवत के आयोजन में शरीक हुए थे, जो कि अपराध की श्रेणी में आता है इसको लेकर ब्राह्मण सभा के पदाधिकारी इटावा पुलिस कप्तान से मिले और कार्यवाही की मांग की। (हिफी)

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