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काजोल को डरावनी फिल्म पसंद नहीं

फिल्म ष्मांष् के प्रमोशन के दौरान काजोल ने अपने दिल के कई दरवाजे खोले। ये सिर्फ एक फिल्म को प्रमोट करने का मौका नहीं थाए बल्कि एक प्लेटफॉर्म था जहां उन्होंने अपने बचपन के डरए माइथोलॉजी के प्रति लगाव की परतों को दुनिया के सामने रखा। बचपन की यादें अक्सर डर से भरी होती हैं। जब काजोल से पूछा गया कि वो किस तरह की हॉरर फिल्में देखा करती थींए तो उन्होंने चैंकाते हुए जवाब दिया कि उन्हें डरावनी फिल्मों से कोई लगाव नहीं था। काजोल ने हंसते हुए कहा. मैंने कभी हॉरर फिल्में पसंद नहीं कीं। मेरी बहन जरूर देखती थीए लेकिन मैं कहती थी अगर डरना ही हैए तो मैं फ्री में डरा सकती हूं। इस चुटीले अंदाज से ये साफ हो गया कि काजोल हमेशा से ही सेंसिबल और खुद पर कंट्रोल रखने वाली रही हैं।
फिल्म ष्मांष् सिर्फ एक मां की कहानी नहीं हैए ये शक्ति और बुराई के बीच की लड़ाई की भी दास्तां है। काजोल ने बताया कि फिल्म की स्क्रिप्ट उन्हीं कहानियों से इंस्पायर हैए जो उन्होंने अपने बच्चों को सुनाई हैंए जैसे काली मां और रक्तबीज का युद्ध। उन्होंने कहा. ये वो कहानियां हैं जिनमें सिर्फ धर्म नहींए चेतना और ऊर्जा की गहराई छुपी होती है। इससे ये भी साफ होता है कि फिल्म में सिर्फ एक इमोशनल एंगल नहींए बल्कि माइथोलॉजिकल और स्पिरिचुअल लेयर भी है। काजोल ने खुले शब्दों में स्वीकार किया कि वो काले जादू के अस्तित्व को नकारती नहीं हैं। उन्होंने कहाए अगर आप रोशनी पर यकीन करते हैंए तो अंधेरे को भी स्वीकार करना होगा। ;हिफीद्ध

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