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दुश्मन देश के नेता से बात करने पर थाईलैण्ड पीएम की कुर्सी गयी

थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा की कुर्सी इस बात के लिए चली गई क्योंकि उन्होंने पूर्व कंबोडियाई नेता हुन सेन से फोन पर कुछ बात की थी। पैतोंगटार्न शिनावात्रा हुन सेन को चाचा कहकर बुलाती हैं। यह बातचीत लीक हुई तो बवाल मच गया। लोग सड़कों पर आ गए। नतीजा मामला कोर्ट में पहुंचा और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
पैतोंगटार्न शिनावात्रा पर आरोप है कि उन्होंने अपने चाचा से बातचीत में बॉर्डर पर तैनात थाई सैन्य कमांडर की नीयत पर सवाल उठाए, जिससे मैसेज गया कि प्रधानमंत्री का अपनी ही सेना से मतभेद है। लीक फोन कॉल में शिनावात्रा कह रहीं, ‘अंकल मैं बहुत दबाव में हूं। कृपया उन लोगों की बात मत सुनिए, उसमें वो जनरल भी शामिल है, जो बॉर्डर पर तैनात है। वो सिर्फ दिखावा कर रहा है और ऐसी बातें कह रहा है जो देश के हित में नहीं हैं, लेकिन सच तो यह है कि हम शांति चाहते हैं।’ यह बातचीत लीक हुई तो शिनावात्रा के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने कहा, शिनावात्रा को अपनी ही सेना पर भरोसा नहीं। उन्हें जाना चाहिए। शिनावात्रा की पार्टी से कई दलों ने समर्थन वापस ले लिया। सरकार अल्पमत में आ गई। 36 सांसदों ने अदालत में अर्जी लगाई और सुनवाई के बाद आखिरकार संवैधानिक अदालत ने पैतोंगटार्न शिनावात्रा को सस्पेंड कर दिया। सबसे बड़ा सवाल कि ये ऑडियो लीक कहां से हुआ। इस पर हुन सेन ने दावा किया कि उन्होंने यह रिकॉर्डिंग 80 राजनेताओं के साथ साझा की थी, वहीं से लीक हुआ। इसके बाद शिनावात्रा ने कहा, अब मैं हुन सेन से निजी बातचीत नहीं करूंगी, क्योंकि उनसे भरोसा उठ गया है। पैतोंगटार्न शिनावात्रा के पीएम पोस्ट से सस्पेंड होने के बाद उप प्रधानमंत्री सूरिया जुआंगरूंगरूंगकिट कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाए जाएंगे। 70 वर्षीय सूर्या थाई राजनीति के अनुभवी खिलाड़ी माने जाते हैं। अदालत ने पैतोंगटार्न को आदेश दिया है कि जब तक अदालत कोई फैसला नहीं ले लेती, तब तक वह अपना काम करना बंद कर दें। अदालत ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री के पास याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय होगा, जिसके बाद कार्यवाही जारी रहेगी। पीएम पद पर फैसला आते ही पैतोंगटार्न को कल्चर मिनिस्टर चुन लिया गया। 3 जुलाई को वह पद की शपथ लेंगी। इसके बाद कोर्ट की ओर से सस्पेंड होने के बावजूद, वह मंत्री के रूप में कैबिनेट की बैठकों में भाग ले सकेंगी।

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