रूस को अब अजरबैजान ने दिया झटका

रूस का संबंध उसके एक और पड़ोसी से खराब होने लगा है। इस देश का नाम अजरबैजान है। अजरबैजान के भारत से रिश्ते बहुत मधुर नहीं हैं, वहीं पाकिस्तान इसका एक करीबी सहयोगी है। अजरबैजान के दुश्मन आर्मेनिया से भारत के अच्छे संबंध हैं, वहीं पाकिस्तान आर्मेनिया को मान्यता तक नहीं देता। रूस और अजरबैजान के बीच ताजा तनाव तब भड़का जब येकातेरिनबर्ग शहर में 28 जून को पुलिस ने 50 से ज्यादा अजरबैजानी नागरिकों को हिरासत में ले लिया। साल 2001 में हुई एक हत्या के मामले में इन सभी को पकड़ा गया था।इस दौरान जियाद्दीन और हुसेन सफारोव नाम के दो भाइयों की मौत हो गई। कई लोग घायल हुए। इस हत्या के बाद अजरबैजान की सरकार भड़क गई और उसने कड़ी प्रतिक्रिया दी। 2020 में कराबाख युद्ध और 2023 की अजरबैजान की सैन्य सफलता के बाद से ही अजरबैजान की इल्हाम अलीएव सरकार खुद को रूस से कम और तुर्की व पश्चिम से ज्यादा जोड़ने लगी थी लेकिन 25 दिसंबर 2024 को एक अजरबैजानी यात्री विमान जो ग्रोजनी (चेचन्या) जा रहा था, उसे रूस के एयर डिफेंस सिस्टम ने गलती से मार गिराया, इससे 67 यात्रियों में से 38 की मौत हुई। रूस ने माफी नहीं मांगी, सिर्फ संवेदना जताई। अलीएव ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और इसे ‘सबूत दबाने और झूठ फैलाने’ वाला रूसी प्रयास बताया। इसके बाद मई में अलीएव ने रूस के विजय दिवस परेड में जाने से इनकार कर दिया, इसे रूस ने ‘स्पष्ट राजनीतिक संकेत’ माना। यह पहला संकेत था जब रूस को उसके पड़ोसी से झटका लगा था। अजरबैजान ने रूस को दूसरा झटका 30 जून को दिया। अजरबैजान पुलिस ने बाकू में रूसी सरकारी मीडिया ‘स्पूतनिक’ के दफ्तर पर छापा मारा। संपादक इगोर कार्ताविख और प्रबंध संपादक बेलोउसॉव को हिरासत में ले लिया गया। इन पर आरोप लगाया गया कि वे रूसी खुफिया एजेंसी के एजेंट हैं।