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अमेरिका को 4 जुलाई को मिली थी आजादी

अमेरिका को गुलामी से आजादी 4 जुलाई को मिली थी। अमेरिकी इतिहास में 4 जुलाई का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। यह वह ऐतिहासिक दिन है जब 1776 में अमेरिका ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता हासिल की और 108 साल बाद, यानी 1884 में, फ्रांस ने इसे स्वतंत्रता का प्रतीक स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी तोहफे में दिया। यह दिन न केवल अमेरिका की आजादी की गाथा बयां करता है, बल्कि स्वतंत्रता और वैश्विक एकजुटता के प्रतीक के रूप में भी चमकता है।
अमेरिका के ‘ऑफिस ऑफ द हिस्टोरियन’ कार्यालय के मुताबिक, 1760 और 1770 के दशक में अमेरिकी उपनिवेशवासियों का ब्रिटिश सरकार से असंतोष बढ़ने लगा। ब्रिटेन ने उपनिवेशों पर कई कर (जैसे स्टैम्प एक्ट, टाउनशेंड एक्ट) और सख्त नियम लागू किए, लेकिन उपनिवेशवासियों को ब्रिटिश संसद में कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। इसका मतलब था कि उनके हितों की अनदेखी हो रही थी। इस विरोध की शुरुआत उपनिवेशवासियों ने की, जिन्होंने इन करों और नियमों का विरोध किया। ब्रिटेन ने उनके विरोध को नजरअंदाज किया और बोस्टन बंदरगाह को बंद कर मैसाचुसेट्स में सख्ती (मार्शल लॉ) लागू की, तो गुस्सा और बढ़ गया। इसके बाद उपनिवेशवासियों ने चाय पर कर के खिलाफ ब्रिटिश चाय को बोस्टन हार्बर में फेंक दिया। जवाब में, ब्रिटेन ने और सख्त कानून बनाए, जिससे उपनिवेशवासियों का गुस्सा भड़क उठा। 1774 में उपनिवेशों ने एकजुट होकर कॉन्टिनेंटल कांग्रेस बनाई। इसका मकसद ब्रिटिश सामानों का बहिष्कार करना और ब्रिटेन के खिलाफ एकजुट प्रतिरोध करना था। लड़ाई की शुरुआत 1775 में हुई, जब मैसाचुसेट्स में उपनिवेशवासियों और ब्रिटिश सैनिकों के बीच लड़ाई हुई। इससे कॉन्टिनेंटल कांग्रेस ने ब्रिटिश विरोध को और संगठित किया। थॉमस पेन की किताब ‘कॉमन सेंस’ (1776) ने स्वतंत्रता की मांग को और बल दिया। इस किताब ने लोगों को समझाया कि ब्रिटिश राज से अलग होना जरूरी है। बेंजामिन फ्रैंकलिन जैसे नेताओं ने फ्रांस से मदद मांगने की कोशिश की। इस पर फ्रांस ने कहा कि वे तभी मदद करेंगे, जब उपनिवेश स्वतंत्रता की घोषणा करें। 4 जुलाई, 1776, ये वो दिन था, जब 13 अमेरिकी उपनिवेशों ने कॉन्टिनेंटल कांग्रेस के माध्यम से स्वतंत्रता की घोषणा की और अमेरिका को ब्रिटिश गुलामी से मुक्त किया, जिससे वे एक स्वतंत्र राष्ट्र बन पाए।

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