विश्व-लोक

ब्रिक्स को नई परिभाषा देता भारत: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अपनी अध्यक्षता में ब्रिक्स को नए रूप में परिभाषित करेगा। जहां ब्रिक्स का अर्थ होगा सहयोग व स्थिरता के लिए लचीलापन और नवाचार का निर्माण। उन्होंने यह भी कहा, भारत अपने नेतृत्व के दौरान समूह में जन-केंद्रित प्रगति की भावना को आगे बढ़ाएगा। भारत अगले वर्ष ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा।
पर्यावरण व वैश्विक स्वास्थ्य पर सत्र में पीएम मोदी ने कहा कि पृथ्वी और लोगों की सेहत एक-दूसरे से जुड़े हैं। भारत के लिए जलवायु न्याय कोई विकल्प नहीं है, यह नैतिक कर्तव्य है। जहां कुछ लोग इसे संख्याओं में मापते हैं, भारत इसे मूल्यों में जीता है। पीएम मोदी ने कहा, भारत ने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान विकासशील देशों की चिंताओं के मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा, जिस तरह से जी-20 की अध्यक्षता में हमने समावेशिता सुनिश्चित की और वैश्विक दक्षिण के मुद्दों को एजेंडे में प्राथमिकता दी, उसी तरह से ब्रिक्स की अध्यक्षता के दौरान हम इस मंच को जन-केंद्रित दृष्टिकोण और मानवता सर्वोपरि की भावना के साथ आगे ले जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स देशों से वैश्विक सहयोग और बहधु्रवीय दुनिया के लिए उत्प्रेरक की मिसाल बनने का आह्वान किया। ब्रिक्स सम्मेलन में बहुपक्षवाद, आर्थिक-वित्तीय मामलों और एआई को सुदृढ़ करने पर आयोजित सत्र में मोदी ने कहा, समूह की ताकत इसकी विविधता और बहुध्रुवीयता के प्रति साझा प्रतिबद्धता में निहित है। वह बोले, वैश्विक दक्षिण को हमसे अपेक्षाएं हैं। उनके लिए हमें मिसाल कायम करनी होगी। भारत साझा लक्ष्यों लिए सभी साझेदारों संग कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी ने कहा, ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के मध्यम से परियोजनाओं को मंजूरी देते समय, मांग-आधारित निर्णय प्रक्रिया, दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता और एक स्वस्थ क्रेडिट रेटिंग बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। पीएम ने कृषि क्षेत्र में वैश्विक दक्षिण का सहयोग का भी आह्वान किया।

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