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टुनटुन ने नौशाद को दी धमकी, काम दो वरना समुद्र में कूद जाऊंगी

13 साल की उम्र में, उमा पार्श्व गायन में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुंबई भाग आई थी और संगीतकार नौशाद अली के घर पहुंच गईं। खुद को साबित करने के लिए बेताब, उमा ने नौशाद अली को धमकी दी कि अगर उन्हें ऑडिशन का मौका और काम नहीं मिला, तो वह समुद्र में कूद जाएंगी।
इसके बाद नौशाद उनकी आवाज से प्रभावित हुए और उन्हें गाने का मौका दिया। उमा ने 1946 में फिल्म वामिक अजरा से गायन की शुरुआत की थी, लेकिन फिल्म ष्दर्दष् के गीत अफसाना लिख रही हूं दिल-ए-बेकरार का ने उन्हें सफलता दिलाई। बता दें, हिंदी सिनेमा की पहली महिला हास्य कलाकार टुनटुन थीं, जिनका असली नाम उमा देवी खत्री था। फिल्मों में उन्होंने लोगों को खूब हंसाया। बाबुल (1950), मिस्टर एंड मिसेज श्55 (1955), पति, पत्नी और वो (1978) जैसी कई प्रसिद्ध फिल्मों में उन्होंने अपनी कॉमेडी टाइमिंग से दर्शकों के दिल में जगह बना ली थी। हालांकि आज वह हमारे संग नहीं है, लेकिन उनका मजाकिया किरदार हमेशा सराहा जाता है।
फिल्मों में जितनी खुशमिजाज टुनटुन दिखाई देती थीं, उतना ही उनका जीवन त्रासदी से भरा था। साल 1923 में उत्तर प्रदेश के अमरोहा के पास एक छोटे से गांव में उनका जन्म हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उमा देवी के परिवार की जमीन विवाद के चलते हत्या कर दी गई थी और वह बहुत कम उम्र में ही अनाथ हो गई थीं। उनके माता-पिता और भाई के चेहरे उनके जेहन में बस धुंधली सी याद बनकर रह गए थे। जब प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक शिशिर कृष्ण शर्मा ने उनकी मृत्यु से कुछ दिन पहले उनका इंटरव्यू लिया, तो उमा ने बताया कि उन्हें याद नहीं कि उनके माता-पिता कैसे दिखते थे और एक दिन उनके भाई की भी हत्या कर दी गई। बता दें, परिवार के निधन के बाद वह गरीबी और अकेलेपन से जूझ रही थीं। अपने परिवार को खोने के बाद, उमा को उनके रिश्तेदारों ने अपने पास रख लिया, जो उनको नौकरानी की तरह रखते थे। उमा देवी के जीवन में संगीत ही एकमात्र सांत्वना थी। वह गाने सुनती और गाती थीं और एक लोकप्रिय गायिका बनने का सपना देखती थीं लेकिन उमा की जिंदगी ने तब मोड़ लिया जब उनकी मुलाकात एक्साइज ड्यूटी इंस्पेक्टर अख्तर अब्बास काजी से हुई, जिन्होंने उन्हें गाने के लिए प्रेरित किया था। 1950 के दशक में नौशाद ने टुनटुन के हंसमुख स्वभाव के कारण उन्हें कॉमेडी एक्टिंग करने की सलाह दी जिसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज भी उनकी एक्टिंग को खूब याद किया जाता है। (हिफी)

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