शी जिनपिंग ने जयशंकर से की मुलाकात

एस जयशंकर की शी जिनपिंग के साथ संभवतः पहली मुलाकात हुई। अब तक शी जिनपिंग और जयशंकर की वन टू वन मुलाकात नही हुई थी। दूसरी बात यह कि जिनपिंग अक्सर विदेश मंत्रियों से मुलाकात नहीं करते। मगर भारत और जयशंकर का कद इतना बड़ा है कि जिनपिंग खुद मुलाकात को बेताब दिखे। इस मुलाकात की तस्वीर सामने आई है। जयशंकर ने शी जिनपिंग संग मजबूती से हाथ मिलाया और आंखों में आंखें डालकर बात की। दोनों के बीच भारत और चीन के रिश्तों पर चर्चा हुई। तस्वीर में दोनों मुस्कुराते हुए मिलते दिख रहे हैं। एस जयशंकर के चेहरे पर चमक है। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने जिनपिंग को पीएम मोदी का संदेश सुनाया। यह मुलाकात इसलिए भी खास है, क्योंकि बीते दिनों ही राजनाथ सिंह ने पहलगाम अटैक पर चीन और पाक के संयुक्त इरादों पर पानी फेरा था।
इस मुलाकात में जयशंकर ने वैश्विक स्थिति को जटिल बताया और भारत और चीन के बीच खुले संवाद की जरूरत पर जोर दिया। गलवान हिंसा के बाद भारत और चीन के संबंध रसातल में चले गए थे। मगर पिछले साल कजान में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी की मुलाकात के बाद रिश्तों में जमी बर्फ पिघली है। दोनों देशों के कदम अब सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं। जयशंकर का यह दौरा दोनों देशों के लिए आपसी विश्वास बहाली और सीमा विवाद के समाधान की दिशा में अहम कदम है। एस जयशंकर 5 साल बाद चीन पहुंचे हैं। मौका है विदेश मंत्रियों की एससीओ समिट। चीन की धरती पर ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीजिंग के साथ भारत के रिश्तों की लक्ष्मण रेखा खींच दी है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी संग मुलाकात के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात की है। यह मुलाकात इसलिए भी खास है, क्योंकि यह शायद पहली वन टू वन मुलाकात है। चीनी राष्ट्रपति के साथ मुलाकात में जयशंकर का तेवर देखने लायक था।