टीआरएफ को आतंकी घोषित करने पर बौखलाया पाक

पहलगाम हमले के जिम्मेदार द रजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) को अमेरिका ने भले ही आतंकी संगठन घोषित कर दिया है, लेकिन पाकिस्तान अपनी आदतों से बाज आते नहीं दिख रहा है। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने पहलगाम हमले में टीआरएफ की भूमिका से इनकार किया है। जबकि खुद टीआरएफ ने दो-दो बार पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी।
डार ने कहा, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का गैर-स्थायी सदस्य हैं। हम टीआरएफ को अवैध संगठन नहीं मानते। पहले सबूत दिखाओ कि टीआरएफ ने हमला किया या टीआरएफ ने खुद जिम्मेदारी ली है। हम इसे कबूल नहीं करते और टीआरएफ का नाम हटाना होगा। उनके इस बयान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठने लगे हैं। अमेरिका ने टीआरएफ को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। टीआरएफ पर आरोप है कि वह पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया रूप है और कश्मीर घाटी में कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है। डार के बयान से यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तान टीआरएफ जैसे आतंकी संगठनों को संरक्षण देता है और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद कार्रवाई से बच रहा है।
पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव आया था तो उसने चीन की मदद से उसमें से टीआरएफ का नाम हटवा दिया था। हालांकि अमेरिकी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान और चीन के लिए टीआरएफ का बचाव करना आसान नहीं होगा। पहलगाम हमला 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में छुट्टियां मना रहे पर्यटकों पर किया गया था। हमले में 26 टूरिस्ट की जान गई थी। इस हमले के जवाब में भारत ने 15 दिनों बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान को करारा सबक सिखाया था।