लेखक की कलम

सौहार्दघाती साजिश पर बुलडोजर

जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, जो धर्मांतरण के काले धंधे के मास्टरमाइंड के तौर पर सामने आया है, उसकी जड़ें मजबूत करने में कई लोगों का हाथ रहा है। उसका नेटवर्क देश भर में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ठीक ही कहा है कि अवैध धर्मांतरण के जरिए कुछ ताकतें योजनाबद्ध तरीके से देश के स्वरूप को बदलने की कोशिश कर रही हैं। इसलिए उनपर बुलडोजर चलाना ही एकमात्र रास्ता है।

उत्तर प्रदेश के गरीबपुर में पैदा हुए छांगुर बाबा के बारे में अब तक यही कहा जाता था कि कैसे साइकिल पर अंगूठी और नग बेचने वाला एक मामूली शख्स करोड़ों का मालिक बन गया, अब समझ में आ रहा है कि उसको करोड़ों का मालिक बनाने वाले सियासत का चोला भी पहने थे। यही कारण रहा कि पुलिस और प्रशासन या तो आंख मूंदकर बैठ गया अथवा मलाई खाने में कर्तव्य भूल गया। अब एक और कहानी सामने आ रही है जो उत्तर प्रदेश के बाहुबली अतीक अहमद से छांगुर बाबा का कनेक्शन दिखाती है।

छांगुर बाबा भी कोई एक नहीं है। तलाश करने लगें तो कई आलीशान कोठियों में मिलेंगे। उनके सरपरस्त भी कई अतीक और मुख्तार होंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक छांगुर बाबा को मिट्टी में मिला दिया है लेकिन बाकी को तलाशना बहुत जरूरी है। समस्या यही है कि जिन पर छांगुर बाबाओं को तलाशने का दायित्व है वह हजार दो हजार रुपये में बिक जाते हैं।

पुलिस की कुछ मजबूरियां भी हैं। वे ज्यादातर वीआईपी ड्यूटी में लगे रहते हैं। कर्तव्य निभाते समय खतरा भी रहता है। ऐसे लोगों के सिर पर हाथ किसी का नहीं होता। इसलिए छांगुर बाबा और उनके सरपरस्त अपने घृणित कार्य बेखौफ होकर करते रहते हैं।

इसलिए योगी सरकार को छांगुर बाबा जैसे लोगों को मिट्टी में मिलाने के साथ ही आसपास की मिट्टी खोदवाकर जड़ों को भी नष्ट करना होगा। फिलहाल योगी की सरकार ने छांगुर और उसकी सबसे खास सहायक नसरीन को जेल पहुंचा दिया है। ये दोनों सच नहीं उगल रहे हैं इसलिए इनका नार्को-पालीग्राफी टेस्ट कराया जाएगा। इस टेस्ट से उसके सरपरस्तों का पता चल सकेगा।

एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि छांगुर बाबा और उसके गुर्गे उन सभी के खिलाफ बलात्कार जैसे गंभीर फर्जी केस दर्ज करवा देते थे जब उनकी खिलाफत करता था। छांगुर की स्थानीय पुलिस में बहुत मजबूत पकड़ थी। बताया तो यहां तक जाता है कि कई पुलिस अधिकारी उसके खेल में मोहरे बने हुए थे।

छांगुर बाबा के पैसे और रसूख के आगे स्थानीय तंत्र खामोश रहता था। बीजेपी नेता और अंबा श्रावस्ती के जिला पंचायत अध्यक्ष दद्दन मिश्रा का आरोप है कि अतीक से छांगुर के करीबी रिश्ते रहे हैं। अतीक के गुर्गों ने उसकी मुंबई की राह आसान की। छांगुर बाबा की गिरफ्तारी से यूपी में अवैध धर्मांतरण के एक बड़े नेटवर्क का पता चला है। यूपी की एटीएस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।

उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के बलरामपुर वाले घर को बुलडोजर से
ध्वस्त कर दिया गया है। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी छांगुर बाबा पर केस दर्ज कर उसके खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद लगातार केस के अपडेट ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि हर दिन वह डीजीपी राजीव कृष्णा और गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से इस केस को लेकर ब्रीफिंग लेते हैं। सीएम योगी अपने भाषणों में छांगुर बाबा को जल्लाद कहते हैं। उनका दावा है कि इससे जुड़े सभी लोग जेल जाएंगे।

सीएम योगी ने 12 जुलाई को एक कार्यक्रम में कहा कि यूपी सरकार अवैध धर्मांतरण के खिलाफ पूरी सख्ती से कार्रवाई कर रही है। कुछ ताकतें योजनाबद्ध तरीके से देश के स्वरूप को बदलने की कोशिश कर रही हैं। यह समाज को तोड़ने और धार्मिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। सीएम ने कहा कि ऐसी गतिविधियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है।

अनुसूचित जाति के लोगों को लालच और भय के जरिए धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो संविधान और सामाजिक समरसता के खिलाफ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश सरकार अवैध धर्मांतरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। सरकार ने हाल ही में बलरामपुर में एक बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए विदेशों से धन प्राप्त करने वाले एक नेटवर्क का पर्दाफाश किया गया। इस कार्रवाई में अवैध धर्मांतरण के लिए रेट तय करने के मामले को उजागर किया गया।

अब तक 40 खातों में 100 करोड़ से अधिक का लेन-देन पाया गया है। यह आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा दोनों के लिए गंभीर खतरा है।
छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन पर आरोप है कि उसने धोखे से कई हिंदुओं को मुसलमान बनाया है। इनमें से कुछ लोगों की घरवापसी भी हो गई है। सीएम योगी इस मुद्दे पर खुलकर बयान दे रहे हैं और दलितों का जिक्र कर रहे हैं।

दरअसल बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी को ओबीसी वोटों का बड़ा नुकसान हुआ था। दलितों में भी संविधान बचाने वाले विपक्ष के मुद्दे का असर देखा गया। मायावती की पार्टी बीएसपी को तो इसका फायदा नहीं हुआ, लेकिन घाटे में बीजेपी रही। तभी से सीएम योगी आदित्यनाथ आक्रामक हिंदुत्व के एजेंडे पर हैं। छांगुर बाबा का मामला योगी के लिए सिर्फ राजनीतिक नहीं है बल्कि साम्प्रदायिक सद्भाव से भी जुड़ा है।

पाकिस्तान जैसे कुछ मुस्लिम देश भारत में साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाडने का कुप्रयास कर रहे हैं। छांगुर बाबा का अन्तरराष्ट्रीय संगठित गिरोह है जो धर्म वापसी करने वालों को धमकी दे रहे हैं। इस गिरोह के हजारों युवक लव जेहाद के जाल बिछा रहे हैं। इसके लिए सिर्फ सरकार ही नहीं हिन्दू समाज को सतर्क होकर घर और पड़ोस की बेटियों को समझाना होगा ताकि उनका ब्रेनवाश कर पिलाया गया जहर निष्प्रभावी किया जा सके।

उत्तर प्रदेश विधानसभा ने 4 साल पहले उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम 2021 पारित किया था जो गैर कानूनी तरीकों से धार्मिक रुपांतरण पर रोक लगाता है। गत वर्ष 2024 मंे 29 जुलाई को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इस अधिनियम मंे संशोधन करने के लिए नया विधेयक पेश किया था।

इसका तात्पर्य था कि गैर कानूनी धर्म परिवर्तन को सख्ती से रोका जा सके। नये बदलाव के तहत उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्मपरिवर्तन निषेध (संशोधन) विधेयक 2024 मंे यह प्रतिबंध हटा दिया गया कि कौन एफआईआर दर्ज कर सकता है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड और मनी लांड्रिंग मामलों के समान ही आरोपी गैरकानूनी धर्मांतरण के लिए सजा बढ़ा दी गयी थी।

आज छांगुर बाबा जैसे आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर से उनकी सम्पत्ति धराशायी करने का प्रावधान भी संशोधन विधेयक में किया गया था। छांगुर बाबा के नेटवर्क के बारे मंे जैसे-जैसे खुलासे हो रहे हैं, वैसे-वैसे योगी आदित्यनाथ की यह बात सही साबित हो रही है कि यह देश व समाज के खिलाफ गहरी साजिश है। इस साजिश पर बुलडोजर चलना ही चाहिए। इसकी जड़ें तभी नष्ट की जा सकेंगी। (अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)  (हिफी)

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