सम-सामयिक

योगी की कांवड़ियों को नसीहत

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रखर हिन्दुत्ववादी हैं लेकिन अराजकता को प्रश्रय नहीं देते हैं। ऐसा व्यवहार कई बार देखने को मिला है। सावन महीने मंे भगवान शंकर का गंगाजल से अभिषेक करने के लिए कांवड़िए दूर-दूर से और बड़े समूह में निकलते हैं। यह परम्परा सदियों से चली आ रही है। दशकों से तो हम लोग भी देख रहे होंगे। बड़ी ही शालीनता से कावंड़िए निकलते थे और राहगीर बम-बम भोले कहकर उनका उत्साह बढ़ाते थे। इस बार उन्हींे शिवभक्तों को लेकर उंगलियां उठ रही हैं। विपक्षी नेता ही नहीं, आम जनता के बीच से भी शिकायत के स्वर उभरे हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया है कि कांवड़ यात्रा मंे एक विशेष राजनीतिक दल के लोग शामिल होकर उपद्रव करते हैं ताकि कांवड़ियों की बदनामी हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और कड़े शब्दों मंे कांवड़ियों को भी नसीहत दी है। सीएम ने कहा कि कावंड़िए कानून अपने हाथ में न लें। कांवड़ यात्रा में शामिल लोगों के उपद्रव की फोटोग्राफी भी करायी जा रही है। मुख्यमंत्री ने गत 20 जुलाई को मेरठ मंे कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा कर स्वागत भी किया लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि कांवड़ यात्रा में उपद्रव करने वालों की खैर नहीं। शिवभक्त भी अपनी जिम्मेदारी समझें। सीसीटीवी से तस्वीरें निकाली जाएंगी और कांवड़ यात्रा सम्पन्न होने के बाद उपद्रव करने वालों को सजा भी मिलेगी।
सावन के महीने में उत्तर प्रदेश में चल रही कांवड़ यात्रा के बीच सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कांवड़ यात्रा को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, कांवड़ यात्रा अच्छे से चल रही है, जो भोले बाबा के सच्चे भक्त हैं वे सच्ची यात्रा कर रहे हैं। कुछ सपाई (समाजवादी पार्टी के लोग) घुस गए होंगे जो गड़बड़ कर रहे हैं।
वहीं, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी कहा, कांवड़ यात्रियों के बीच में समाजवादी पार्टी के कुछ अराजक तत्व कांवड़ यात्रियों के भेष में घुसकर कांवड़ यात्रियों को बदनाम कर रहे हैं। हमारी सरकार कानून व्यवस्था को लेकर बहुत सख्त है, जो भी कानून तोड़ेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। ऐसे सभी अराजक तत्वों पर कड़ी नजर रखकर कार्रवाई की जा रही है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान कांवड़ यात्रा में उत्पात के लिए सपा के लोग जिम्मेदार हैं, पर समाजवादी पार्टी की तरफ से बयान सामने आया है। सपा नेता मनोज काका ने कहा, भोजपुरी में एक कहावत है, खेत खाय गदहा, मारल जाय जुलहा, ये दोनों डिप्टी सीएम (केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक) है, वे डिप्टी सीएम कम सीएम के लिए फिक्र ज्यादा हैं। इनके पास कुछ काम बचा नहीं है। सपा नेता ने मिर्जापुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जहां आपकी सरकार फेल हो जाती है, वहां सपा को जिम्मेदार बता देते हैं। उन्होंने इस बयान को नीचतापूर्ण बताया है। इसी तरह अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कांवड़ियों को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया जिसने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कांवड़ियों को सत्ता संरक्षण में पलने वाले गुंडे और माफिया तक कहा है। अपनी जनता पार्टी के प्रदेश स्तरीय बैठक में स्वामी प्रसाद ने कहा कि ये कांवड़िए नहीं है क्योंकि इनका आराध्य भोला भाला है तो भक्त हिंसक कैसे हुआ। उन्होंने कहा कि कांवड़िए सत्ता संरक्षण में पलने वाले गुंडे माफिया हैं जो अराजकता फैला रहे हैं। कांवड़िए के भेष में ये पूरे प्रदेश में कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 20 जुलाई को मेरठ पहुंचे और कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा की। सीएम ने साफ कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान हुड़दंग मचाने वाले और तोड़फोड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सीसीटीवी के माध्यम से उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। कानून हाथ में लेने का किसी को हक नहीं है। मोदीपुरम की शोभित यूनिवर्सिटी में सीएम का हेलीकॉप्टर उतरा। दुल्हेड़ा चैकी के पास लगे स्टेज से सीएम ने कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मेरठ आगमन पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। शोभित यूनिवर्सिटी में सीएम योगी के हेलीकॉप्टर के उतरने का कार्यक्रम था। शोभित विवि के बाहर पूर्व विधायक संगीत सोम को रोक दिया गया। संगीत सोम अपनी गाड़ी से अंदर जाने के लिए अड़ गए, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। इस बीच संगीत सोम इधर उधर फोन घुमाते रहे। काफी देर खड़े होने के बाद वह अपनी गाड़ी से आगे चले गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान जिन्होंने उपद्रव या तोड़फोड़ की है, उनकी सीसीटीवी फुटेज हमारे पास है। कांवड़ यात्रा के बाद फुटेज से फोटो निकाल कर उपद्रवियों के पोस्टर चस्पा होंगे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री हेलिकॉप्टर से पूर्वाह्न करीब पौने 12 बजे मोदीपुरम स्थित शोभित विश्वविद्यालय पहुंचे। वहां पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से मुलाकात के बाद वे एनएच-58 में बने मंच पर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार से गंगाजल लेकर गुजर रहे कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की। मुख्यमंत्री को देखकर कांवड़ियों का उत्साह बढ़ गया और उन्होंने जोर-जोर से जयघोष किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता में कांवड़ यात्रा के दौरान बवाल करने वालों को चेताया और कांवड़ियों से भी संयम बरतने की अपील की। कहा कि किसी भी व्यक्ति को कांवड़ यात्रा को बदनाम न करने दें। कोई उपद्रवी कांवड़ को अपवित्र करता है, तो स्वयं कानून को हाथ में लेने की बजाय पुलिस को सूचना दें। प्रशासन ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटेगा।उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों के शिवभक्त कांवड़ियों के रूप में जल लेकर औघड़नाथ मंदिर, पुरा महादेव मंदिर, दूधेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक करेंगे। सामाजिक समता का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए युवा, बुजुर्ग, महिला और बच्चे श्रद्धा के साथ आगे बढ़ रहे हैं। कांवड़ यात्रा में उत्साह, उमंग, श्रद्धा व भक्ति का संगम है, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफार्म और प्रत्यक्ष रूप से कुछ तत्व कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में हर कांवड़ संघ का भी दायित्व बनता है कि वे ऐसे छिपे उपद्रवियों को बेनकाब करें। ऐसे लोगों को अपने बीच न घुसने दें और पुलिस-प्रशासन को तत्काल सूचना दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिव लोकमंगल के देवता हैं, देवादिदेव महादेव हैं। उनकी कृपा सब पर समान रूप से बरसती है। कांवड़ियों को नसीहत देते हुए कहा कि भगवान शिव को नमन करने के लिए कांवड़ लाते समय हमें दूसरों की भी परेशानी को समझना चाहिए। अपने साथी शिवभक्तों का, यात्रियों और राहगीरों का भी ध्यान रखें। हालांकि प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था की है, लेकिन व्यवस्था बनाना हमारा भी काम है। कांवड़ियों को साफ-सफाई रखने में भी सहयोग करना चाहिए।योगी ने कहा कि 2017 से पहले पिछली सरकारें कांवड़ यात्रा में अवरोध खड़ा करती थीं, लेकिन आज कांवड़ियों की श्रद्धा को सम्मान देने वाली सरकारें हैं। हर कोई शिवभक्तों की सेवा में लगा हुआ है। शिवभक्तों को कोई परेशानी न हों, इसका प्रयास किया जा रहा है। कांवड़ियों से अपील करते हुए कहा कि वह श्रद्धा भाव से बिना उपद्रव किए अपनी यात्रा को सम्पन्न करें। (हिफी)

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