ईरान के राष्ट्रपति 26 को पाकिस्तान जाएंगे

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन 26 जुलाई को पाकिस्तान की यात्रा पर पहुंचने वाले हैं। पाकिस्तानी गृह मंत्री मोहसिन नकवी और उनके ईरानी समकक्ष एस्कंदर मोमेनी ने 21 जुलाई को इस यात्रा को लेकर फोन पर चर्चा की। मोमेनी ने पाकिस्तान में हाल की बाढ़ से हुए नुकसान पर दुख जताया और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया। ये दौरा पूर्व ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की अप्रैल, 2024 में हुई यात्रा के बाद हो रहा है और इसे कूटनीतिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ईरानी राष्ट्रपति के इस दौरे की अहमियत इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि ये जून में ईरान के इजरायल और अमेरिका के साथ हुए युद्ध के बाद हो रहा है। दिलचस्प ये भी है कि पाकिस्तान की मीडिया कुछ दिनों पहले ही ये दावा कर रही थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान के दौरे पर आने वाले हैं। व्हाइट हाउस ने ये कार्यक्रम जारी नहीं किया लेकिन ईरान के राष्ट्रपति जरूर वहां पहुंच रहे हैं, वो भी ऐसे वक्त में जब दोनों देश आमने-सामने हैं।
वैसे तो पाकिस्तान ने युद्ध के दौरान ईरान की संप्रभुता का पक्ष लेते हुए हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ बताया था लेकिन जब ईरान ने पाकिस्तान की मदद को लेकर सार्वजनिक बयान दिया, तो पाकिस्तान पीछे हट गया। हालांकि, पाकिस्तान ने ईरान को सैन्य सहायता देने की खबरों का खंडन किया, लेकिन वह क्षेत्र में इजरायल और अमेरिका की आक्रामकता का विरोध करता रहा है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 15 जून को पेजेशकियन से फोन पर बात कर पाकिस्तान के ईरान के साथ एकजुटता की बात कही और संयुक्त राष्ट्र से इजरायल की आक्रामकता रोकने की मांग की। पेजेशकियन की यात्रा का एजेंडा स्पष्ट नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि दोनों नेता बलूचिस्तान में सुरक्षा, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे और इजरायल-ईरान तनाव पर चर्चा करेंगे। बलूचिस्तान में जैश अल-अदल और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ सहयोग और सीमा सुरक्षा प्रमुख मुद्दे होंगे। इसके अलावा, ईरान के परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय स्थिरता पर बातचीत हो सकती है। पाकिस्तान की स्थिति जटिल है क्योंकि वह अमेरिका के साथ संबंधों को संतुलित करते हुए ईरान का समर्थन कर रहा है।