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संजय दत्त के जन्मदिन पर एक अनसुनी कहानी

बॉलीवुड के बाबा संजय दत्त की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। वह आज बॉलीवुड के सबसे बड़े स्टार्स में से एक हैं। उनकी दमदार एक्टिंग और बेहतरीन अंदाज ने लाखों लोगों का दिल जीता है। हर चमकते सितारे के जीवन में कई दिलचस्प कहानियां होती हैं। ऐसे ही संजय के बचपन की एक घटना है जब उन्हें एक छोटी सी गलती के कारण स्वर कोकिला लता मंगेशकर के सामने शर्मिंदा होना पड़ा था।
संजय दत्त का जन्म 29 जुलाई 1959 को एक फिल्मी परिवार में हुआ था। उनके पिता सुनील दत्त और मां नरगिस दोनों ही मशहूर कलाकार थे। बचपन में संजय को म्यूजिक का बड़ा ही शौक था। वह स्कूल के बैंड में सबसे पीछे ड्रम बजाते हुए चलते थे। उनकी बहन प्रिया दत्त ने एक टीवी शो में बताया था कि संजय को सिर्फ एक ही तरह का स्कूल ड्रम बजाना आता था।
1971 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध के बाद कलाकारों का एक ग्रुप को बांग्लादेश जाकर वहां के सैनिकों और आम जनता के लिए शो करना था। सुनील दत्त भी उस ग्रुप में थे। उस वक्त संजय दत्त की उम्र महज 12-13 साल की थी, जब इस बात का पता उन्हें चला तो उन्होंने भी पिता से बांग्लादेश जाने की जिद की। इस पर सुनील दत्त ने पहले संजय को मना किया और कहा कि वहां वही कलाकार जा रहे हैं, जो गा सकते है, बजा सकते है या कोई कला दिखा सकते हैं। इस पर संजय ने तुरंत जवाब देते हुए कहा, मैं बोंगो बजाऊंगा!
संजय की जिद के आगे आखिरकार पिता को झुकना पड़ा और वह उन्हें अपने साथ ले गए। जब शो का दिन आया तो मंच पर लता मंगेशकर अपनी
जादुई आवाज में गा रही थीं। पूरा माहौल शांत और भावुक था। इस दौरान संजय दत्त ने बोंगो बजाना शुरू कर दिया। बोंगो की गड़बड़ती लय ने लता जी का
ध्यान भटकाया और उन्होंने अचानक पीछे मुड़कर देखा कि ये कौन बोंगो
बजा रहा है? तब मासूमियत भरे अंदाज में संजय पीछे खड़े थे। लता जी को देख संजय शर्म से पानी-पानी हो गए। ये पल उनके लिए ऐसा था जिसे वह कभी नहीं भूल सके। (हिफी)

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