लेखक की कलम

बच्चों के साथ घर का भी ध्यान रखें राहुल

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सबसे चर्चित नेता राहुल गांधी ने कहा है कि वह आतंकवादी वारदातों मंे अनाथ हुए 22 बच्चों को गोद लेंगे। इसके लिए उनकी जितनी भी तारीफ की जाए, कम होगी। पाकिस्तान की तरफ से पुंछ मंे हुई गोलीबारी मंे इन बच्चों के माता-पिता की मौत हो गयी थी। ऐसे बच्चों की मदद करना सरकार ही नहीं सभी नागरिकों का दायित्व बनता है। इसी प्रकार राजस्थान में एक स्कूल की छत गिरने से कई बच्चे हताहत हो गये। राहुल गांधी इस घटना से भी बहुत द्रवित हुए हैं। उन्हांेने राजस्थान की भाजपा सरकार से इसकी जांच कराने और दोषियों को सजा के साथ बच्चों के परिजनों की सांत्वना देने की भी अपील की है। राहुल गांधी सहानुभूति से परिपूर्ण हैं लेकिन पार्टी के नेता उनकी इस भावना को समझ नहीं पाते हैं। यही कारण है कि पहले केरल के सांसद शशि थरूर पार्टी से नाराज हुए और अब मनीष तिवारी भी नाराज हो गये हैं। राहुल गांधी के नाम पर ही इस समय कांग्रेस पार्टी चल रही है। वह नेता प्रतिपक्ष (लोकसभा) भी हैं और विपक्षी दलों के गठबंधन मंे उद्धव ठाकरे जैसे कई नेता राहुल गांधी को ही विपक्ष का नेता मानते हैं। इसलिए राहुल गांधी को अपने घर के सदस्यों को भी संभालना पड़ेगा। लोकसभा में आपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान ही कांग्रेस मंे घमासान दिखने लगा है जबकि कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने बहुत ही सटीक हमला किया था। शशि थरूर और मनीष तिवारी को इस चर्चा से दूर रखा गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। वह 22 बच्चों को गोद लेंगे। ये वह बच्चे हैं, जो पाकिस्तान की ओर से पुंछ में हुई गोलीबारी में अनाथ हो गए थे। राहुल गांधी ने मई में पुंछ की यात्रा की थी। अपनी यात्रा के दौरान, गांधी ने स्थानीय पार्टी के नेताओं से प्रभावित बच्चों की सूची तैयार करने को कहा था। इसके बाद, एक सर्वेक्षण किया गया और सरकारी रिकॉर्ड की जांच के बाद बच्चों के नाम अंतिम रूप दिए गए। अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी, गोलाबारी में मारे गए 12 वर्षीय जुड़वां बच्चों, उरबा फातिमा और जैन अली के सहपाठियों से मिलने क्राइस्ट पब्लिक स्कूल भी गए थे। पाकिस्तानी गोलाबारी से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक पुंछ भी है। यहां बच्चों समेत कई नागरिक घायल हुए थे। ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले के बाद चलाया गया था, जिसमें इस साल 22 अप्रैल को 26 लोगों की जान चली गई थी। जवाबी कार्रवाई में, भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना
बनाया और 100 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया। भारत और पाकिस्तान 10 मई को युद्ध स्थगन पर सहमत
हुए थे।
पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से कभी बाज नहीं आता है। समय-समय पर उसने बॉर्डर पर घुसपैठ की कोशिश की है और भारत के खिलाफ साजिशें रची हैं। हालांकि भारतीय सेना हर बार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देती आई है। गत 28 जुलाई को जम्मू कश्मीर में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 3 आतंकी मारे गए थे। जम्मू कश्मीर में सेना ने ऑपरेशन महादेव चला रखा है। मारे गये आतंकियों में पहलगाम हमले के आरोपी भी बताये जा रहे हैं।
कांग्रेस ने राजस्थान के झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल की इमारत का एक हिस्सा ढहने से हुई सात बच्चों की मौत को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और राहुल गांधी ने मामले की जांच किए जाने एवं दोषियों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की। यह घटना जिले के मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलोदी सरकारी स्कूल में हुई। बच्चे सुबह की प्रार्थना के लिए इकट्ठा हो रहे थे तभी छठी और सातवीं कक्षा की छत गिरने से इमारत का एक हिस्सा ढह गया, जिसमें लगभग 35 बच्चे दब गए। इस हादसे में सात बच्चों की मौत हो गई जबकि 27 लोग घायल हो गए। इस हादसे में कान्हा (छह), पायल (12), हरीश (आठ), प्रियंका (12), कुंदन (12), कार्तिक और मीना (12) की मौत हो गई। राहुल गांधी ने इस घटना को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की छत गिरने से कई मासूम बच्चों की मौत और कई अन्य का घायल होना बेहद दुखद और चिंताजनक है।’’ गांधी ने कहा, ‘‘मीडिया में जारी खबरों के मुताबिक, जर्जर विद्यालयों की शिकायतों को सरकार ने अनदेखा किया जिसके कारण इन मासूमों की जान चली गई।
अब कांग्रेस के घर की बात करते हैं। सांसद मनीष तिवारी ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के लिए वक्ताओं की सूची से खुद को और अपने साथी सांसद शशि थरूर को बाहर रखे जाने के बाद अपनी पार्टी (कांग्रेस) पर निशाना साधा है। आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में एक न्यूज रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। इसमें उन्हें वक्ताओं की लिस्ट से बाहर रखे जाने की बात कही गई थी। इसके साथ ही मनीष तिवारी ने 1970 की फिल्म पूरब और पश्चिम के प्रसिद्ध देशभक्ति गीत है प्रीत जहां की रीत सदा के बोल भी लिखे हैं।कांग्रेस सांसद ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं। जय हिंद। यहां बता दें कि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और शशि थरूर, ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई देशों का दौरा करने वाले सरकार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। इन प्रतिनिधिमंडलों को एक एकजुट राजनीतिक मोर्चा बनाने और सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के निरंतर समर्थन को उजागर करने का काम सौंपा गया था।
मनीष तिवारी ने पार्टी को बहस के दौरान बोलने का अनुरोध भेजा था। थरूर ने स्पष्ट रूप से अनिच्छा व्यक्त की क्योंकि प्रतिनिधिमंडल की विदेश यात्रा के दौरान उनका रुख पाकिस्तान और पीओके में लक्षित बुनियादी ढांचे पर हमला करने के सैन्य अभियान से संबंधित पहलुओं पर सरकार के खिलाफ पार्टी के कड़े रुख से अलग होगा। थरूर ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।
मनीष तिवारी केन्द्रीय राज्य मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री और लुधियाना से संसद सदस्य हैं। वह प्रख्यात वकील हैं और उन्होंने भारत के सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ दिल्ली उच्च न्यायालय में भी अभ्यास किया है। अब लगता है कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। सवाल उठ रहे कि क्या मनीष तिवारी पार्टी से खफा हैं।
इसका खुलासा 28 जुलाई को बहस के पहले ही हो गया जब कांग्रेस ने अपने दिग्गज सांसद शशि थरूर को वक्ताओं की लिस्ट में शामिल नहीं किया। यही नहीं इस फेहरिस्त में कांग्रेस के एक और दिग्गज नेता मनीष तिवारी का भी नाम नजर नहीं आया। इसी बीच मनीष तिवारी ने एक्स पोस्ट में अपने दिल की बात कही है। उन्होंने लिखा- भारत का रहने वाला हूं। भारत की बात सुनाता हूं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और चंडीगढ़ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने 29 जुलाई सुबह में अपने एक्स पर एक पोस्ट किया। ये पोस्ट उन खबरों को लेकर किए गए, जिसमें ये सवाल उठाए गए थे कि आखिर कांग्रेस ने शशि थरूर और मनीष तिवारी को ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में होने वाली बहस से दूर क्यों रखा गया? शशि थरूर ने तो इस मुद्दे पर मौनव्रत-मौनव्रत कहकर अपना पक्ष रख दिया। अब मनीष तिवारी ने पूरे मामले में एक्स पोस्ट के जरिए अपनी बात रखी है। (हिफी)

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