बुर्किनाफासो के आर्मीबेस पर हमला, 50 सैनिक मारे गये

बुर्किना फासो के उत्तरी हिस्से में स्थित दारगो में एक आर्मी बेस पर हुए भीषण हमले में करीब 50 सैनिकों की जान चली गई। यह जानकारी स्थानीय समुदाय के एक नेता और एक निवासी ने दी। दोनों ने अपनी पहचान छिपाने की शर्त पर यह बात बताई, क्योंकि उन्हें सैन्य अधिकारियों से डर था। यह हमला 28 जुलाई को बोउल्सा प्रांत के दारगो में हुआ। बताया जा रहा है कि इस हमले के पीछे जिहादी संगठन जमात नस्र अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन (जेएनआईएम) का हाथ हो सकता है।सूत्रों के मुताबिक, करीब 100 हथियारबंद आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया। हमलावरों ने आर्मी बेस पर धावा बोलकर पहले तो सैनिकों को निशाना बनाया, फिर अड्डे को लूटा और आग के हवाले कर दिया। बुर्किना फासो की सैन्य सरकार ने अभी तक इस हमले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। बता दें कि देश में जिहादी आतंकियों का असर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। खासकर राजधानी से बाहर के इलाकों में इन आतंकी समूहों का दबदबा है।
आतंकी संगठन पूरे पश्चिम अफ्रीका में हमले कर रहे हैं, जिनमें सैकड़ों आम नागरिकों और सैनिकों की जान जा चुकी है। ये आतंकी गुट न सिर्फ हिंसा फैलाते हैं, बल्कि इलाकों पर कब्जा करके वहां की व्यवस्था को भी बिगाड़ रहे हैं। बुर्किना फासो में बढ़ती असुरक्षा ने देश की सियासत को भी हिलाकर रख दिया है। हाल के वर्षों में देश में लगातार 2 सैन्य तख्तापलट हो चुके हैं, जिनका बहाना यही बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को बताया गया। मौजूदा सैन्य नेता इब्राहिम त्राओरे ने सत्ता संभालने के बाद कई सियासी और सैन्य बदलाव किए, लेकिन जिहादी आतंकियों को काबू करने में वे नाकाम रहे हैं।
जेएनआईएम एक सलाफी जिहादी संगठन है, जो पश्चिम अफ्रीका और मघरेब में सक्रिय है। यह अंसार दीन, अल-मौराबितौन और अल-कायदा की सहारन शाखा के विलय से बना था। इसके नेताओं ने अल-कायदा के प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी को वफादारी की कसम खाई है।