संगापुर में प्रवासी मजदूरों ने भारत का गौरव बढ़ाया

सिंगापुर में भारत के प्रवासी मजदूरों ने अपने उम्दा कार्य से भारत को भी गौरवान्वित किया है। बीते दिनों एक महिला ड्राइवर को कार समेत सिंकहोल में गिरने के बाद 7 भारतीय प्रवासी मजदूरों ने उसे बचा लिया। उनके इस कार्य से खुश होकर सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन षणमुगारत्नम ने सभी मजदूरों को इस्ताना राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया है।प्रेसिडेंट ऑफिस ने इन भारतीय मजदूरों और अन्य विशेष अतिथियों को 3 अगस्त को होने वाले इस्ताना ओपन हाउस कार्यक्रम में आमंत्रित किया है। यह जानकारी चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट में दी गई। इन मजदूरों में साइट फोरमैन पिचाई उदैयप्पन सुबैया (47), वेल्मुरुगन मुथुसामी (27),पूमालै सरवनन (28),गणेशन वीरेसेकर (32),बोस अजीतकुमार (26),नारायणसामी मयाकृष्णन (25), और सथापिल्लै राजेन्द्रन (56)शामिल हैं।
राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, “ओपन हाउस कार्यक्रम के दौरान प्रवासी भारतीय मजदूर मेहमानों को राष्ट्रपति से मिलने और बातचीत करने का अवसर मिलेगा। वहीं सिंगापुर की एक प्रवासी मजदूर सहायता संस्था इट्स रेनिंग रेनकोट्स (आईआरआर) के अनुसार, 1,639 दाताओं ने मिलकर इन सातों मजदूरों के लिए लगभग 44 लाख एकत्र किए हैं, जो उन्हें पुरस्कार के तौर पर दिया जाएगा।
आईआरआर ने अपने एक पोस्ट में लिखा, “बहादुर प्रवासी मजदूरों के प्रति सिंगापुर की करुणा और उदारता के लिए धन्यवाद! हमने जो धनराशि एकत्र की है, वह इन मजदूरों के बीच समान रूप से बांटी जाएगी और उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी।” संस्था ने यह भी कहा कि “हम जल्द ही इन मजदूरों के साथ एक मीट-एंड-ग्रीट कार्यक्रम आयोजित करेंगे।”यह घटना सिंगापुर के तंजोंग कटोंग रोड साउथ पर हुई, जो कि एक सार्वजनिक जल निकासी परियोजना (पीयूबी) की साइट के पास है। यहां एक 16 मीटर गहरे शाफ्ट का निर्माण चल रहा था, जो तीन मौजूदा सीवर लाइनों को जोड़ने का कार्य है। राष्ट्रीय जल एजेंसी के अनुसार उस शाफ्ट में लगे कंक्रीट के हिस्से में खामी आ गई, जिसके बाद पास की सड़क पर सिंकहोल बन गया और एक कार उसमें गिर गई। सुबैया और उनके साथियों की त्वरित प्रतिक्रिया ने महिला को रस्सी की मदद से कुछ ही मिनटों में सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस साहसिक कार्य की राष्ट्रपति थर्मन सहित कई लोगों ने प्रशंसा की।
राष्ट्रपति षणमुगारत्नम ने प्रवासी भारतीय मजदूरों के लिए लिखा, “बहादुरी के लिए शाबाश! साइट फोरमैन पिचाई उदैयप्पन सुबैया और उनके साथी प्रवासी मजदूरों का धन्यवाद।