हमने भी बना लिया बंकरों का यमराज

अभी कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने ईरान पर बंकर रोधी बम बरसाये थे। इन बमों ने ईरान की फोर्डों न्यूक्लियर साइट को मिट्टी मंे मिला दिया था। भारत भी इस खेल मंे मास्टर बनने के करीब पहुंच गया। बंकर-बस्टर तकनीक अब भारत की रक्षा रणनीति का अहम हिस्सा बनने जा रही है। माना जा रहा है कि परमाणु हथियार ले जाने वाले अग्नि-5 मिसाइल का बाहुबली अवतार बंकरों का यमराज साबित होगा। अग्नि-5 मिसाइल का गत 20 अगस्त को सफल परीक्षण किया गया है। अग्नि-5 मिसाइल का निर्माण हमारे देश के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने किया है। इस मिसाइल की मारक क्षमता चीन के सबसे उत्तरी हिस्से के साथ-साथ यूरोप के कुछ क्षेत्रों सहित लगभग पूरे एशिया तक की है। अग्नि-5 मिसाइल में एमआईआरवी तकनीक भी है। इसके तहत एक ही मिसाइल अपने साथ कई परमाणु हथियार ले जाकर हमला कर सकती है। इस प्रकार की क्षमता बहुत कम देशों के पास है। भारत ने इसी साल जुलाई मंे जब पृथ्वी-2 और अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइलों का सफल परीक्षण किया था, तभी यह कहा गया था कि यह मिसाइलें भारत को एक नई पहचान और अजेय ताकत देंगी। अग्नि-5 मिसाइल ने यह साबित कर दिया है।
आपने बंकर-बस्टर बम के बारे में पिछले महीनों में सुना होगा। इजरायल और ईरान के बीच जंग के दौरान भी अमेरिका ने इन्हीं बमों से ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर साइट को मिट्टी में मिला दिया था। फोर्डो न्यूक्लियर साइट पहाड़ों के बीच बनी थी। खास बात यह कि जमीन के 100 मीटर नीचे इस साइट से ईरान अपने मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में था। बात करें बंकर-बस्टर की तो ये 60-70 मीटर तक जमीन में घुसकर ऐसा धमाका करते हैं कि दुश्मन के होश उड़ जाते हैं। अब भारत भी इस खेल में मास्टर बनने को तैयार है। भारत जो करने जा रहा है उससे चीन और पाकिस्तान की सांस फूल जाएगी। अमेरिका भी चैंक जाएगा। हमारा डीआरडीओ ऐसी सुपरहिट बैलिस्टिक मिसाइल बना रहा है जो दुश्मन के सबसे मजबूत बंकरों को चुटकियों में चकनाचूर कर देगी। जंग के बदल रहे स्वरूप को देखते हुए भारत ने ठान लिया है। भारत एक ऐसा मिसाइल सिस्टम बना रहा है, जो दुश्मनों को जमीन के नीचे भी चैन से छिपने नहीं देगा। ये मिसाइल दुश्मनों के गुप्त ठिकानों को पलक झपकते ही ध्वस्त कर उनका खेल खत्म कर देगी। बंकर-बस्टर तकनीक अब भारत की रक्षा रणनीति का सुपरपावर बनने जा रही है जो भविष्य की चुनौतियों का सामना करने का दम रखती है।
डीआरडीओ के वैज्ञानिक दिन-रात एक करके अग्नि-5 मिसाइल का एक नया और खतरनाक वर्जन तैयार कर रहे हैं। ये मिसाइल खासतौर पर कन्वेंशनल हथियारों के लिए होगी और 7,500 किलोग्राम वजनी बंकर-बस्टर वारहेड के साथ दुश्मन के ठिकानों पर आग बरसा देगी। पुरानी अग्नि-5 की रेंज 5,000 किलोमीटर से भी ज्यादा थी लेकिन, ये नया बाहुबली अवतार जमीन के नीचे छिपे दुश्मन के अड्डों को राख करने के लिए तैयार हो रहा है। अब दुश्मन कितना भी छिपे, हमारी मिसाइल उसे ढूंढ ही लेगी। दुनियाभर में जारी उथल-पुथल के दौर के बीच भारत ने बड़ा कदम उठाया है। भारत ने 20 अगस्त, 2025 को अग्नि 5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। ये परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से सफलतापूर्वक किया गया है। अग्नि 5 मिसाइल के परीक्षण में सभी परिचालन और तकनीकी मानकों की पुष्टि हुई है। इस परीक्षण को भारत के स्ट्रैटिजिक फोर्स कमांड के तत्वाधान में पूरा किया गया है।
अग्नि-5 भारत की सबसे ताकतवर मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। ये मिसाइल परमाणु बम को अपने साथ ले जाने में सक्षम है और इसकी रेंज करीब 5000 किलोमीटर तक की है। अग्नि-5 की जद में पाकिस्तान-चीन समेत करीब आधी दुनिया का हिस्सा आता है। रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि अग्नि-5 मिसाइल मौजूदा परीक्षण में सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों पर खरी उतरी है।
अग्नि-5 मिसाइल का निर्माण मॉडर्न नेविगेशन, मार्गदर्शन, वारहेड और इंजन तकनीक के साथ किया गया है। ये मिसाइल की मारक क्षमता और सटीकता को बेहतर करती है। आपको बता दें कि अग्नि-5 में एमआईआरवी तकनीक भी है। इसके तहत एक ही मिसाइल अपने साथ कई परमाणु हथियार ले जाकर हमला कर सकती है जिससे अलग-अलग टारगेट को निशाना बनाया जा सकता है। ऐसी क्षमता चुनिंदा देशों के पास ही है।
अग्नि-5 मिसाइल का निर्माण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने किया है। बता दें कि अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण पहले भी हो चुका है। इस मिसाइल का पहला परीक्षण अप्रैल 2012 में किया गया था। अग्नि-5 की मारक क्षमता चीन के सबसे उत्तरी हिस्से के साथ-साथ यूरोप के कुछ क्षेत्रों सहित लगभग पूरे एशिया तक की है। इसे देश की दीर्घकालिक सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए विकसित किया गया है। अग्नि 1 से 4 मिसाइलों की रेंज 700 किमी से 3,500 किमी तक है और पहले ही तैनात की जा चुकी हैं।
भारत की ये मिसाइल इतनी कूल है कि इसे देखकर दुश्मन की सांसे फूल जाएंगी। जहां अमेरिका अपने बंकर-बस्टर बमों को सुपर महंगे बी-2 बॉम्बर विमानों से गिराता है, वहीं भारत इसे सीधे मिसाइल से फायर करेगा। यानी, तेज, सस्ता और टोटल धमाल की पूरी गारंटी। अग्नि-5 के दो सुपरहिट रूप तैयार हो रहे हैं। पहली हवा में ही फटकर तबाही मचाएगी और दूसरी जमीन के नीचे गहरे छिपे टार्गेट्स को भेदकर कोहराम मचा देगी।
भारत की ये नई मिसाइल खासतौर पर पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों के कमांड सेंटर, मिसाइल ठिकानों और बड़े-बड़े सैन्य अड्डों को पल भर में ध्वस्त करने के लिए बनाई जा रही है। इसकी स्पीड का तो कोई मुकाबला ही नहीं होगा जो मैक 8 से मैक 20 की रफ्तार से दुश्मनों पर तीखा प्रहार करेगी। भारत की ये नई बंकर-बस्टर मिसाइल न सिर्फ हमारी रक्षा क्षमताओं को सुपरचार्ज करेगी, बल्कि दुनिया को दिखाएगी कि हम किसी से कम नहीं हैं। ये तकनीक भारत को आधुनिक युद्ध की हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार करेगी।
भारत ने 17 जुलाई 2025 को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफल परीक्षण किया था। इन परीक्षणों में सभी संचालनात्मक और तकनीकी मापदंडों की पुष्टि हुई। ये परीक्षण स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड के तत्वावधान में किए गए।
पृथ्वी-2 मिसाइल की खासियत है कि यह एक परमाणु-सक्षम, सतह से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 350 किलोमीटर है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (क्त्क्व्) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। यह मिसाइल अपने लक्ष्य को उच्च सटीकता के साथ भेदने में सक्षम है। उधर, अग्नि-1 मिसाइल की खासियत है-
यह भी एक कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे भी डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है। यह एक एकल चरण वाली मिसाइल है। अग्नि-1 का परीक्षण भी सफल रहा। इसने सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को पूरा किया।
अग्नि-1 का परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया, जबकि पृथ्वी-2 का परीक्षण कुछ समय बाद चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज के लॉन्च पैड संख्या-3 से किया गया था। (अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)