पद के दायित्व को समझते हैं योगी

योगी आदित्यनाथ गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर हैं। संन्यासी के रूप मंे उनकी यह भूमिका सनातन धर्म के मुखर अनुयायी के रूप में रहती है। वह पूजा-पाठ, यज्ञ-हवन और शिवार्चन करते हैं लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री के दायित्व को निभाते समय धर्म-जाति का भेदभाव नहीं करते। संन्यासी वाली दयालुता भी नहीं दिखाते क्योंकि गलत काम करने वाले को दण्डित करना मुख्यमंत्री का दायित्व है। अच्छा कार्य करने वाले को प्रोत्साहित भी किया जाता है। अभी एक दिन पहले ही गोरखपुर मंे विकास योजनओं की समीक्षा बैठक में कुछ अधिकारी नहीं पहुंचे। उनको सजा देने का फरमान जारी किया गया है। अंतरिक्ष में भारत का नाम रौशन करने वाले लखनऊ निवासी शुभांशु शुक्ल अपने घर लौटे तो मुख्यमंत्री ने उनका अभिनंदन किया। अंतरिक्ष यात्री के स्वागत में पूरे लखनऊ को सजाया गया था। इससे पूर्व इसी महीने के पहले सप्ताह में पंचायतीराज विभाग द्वारा जारी एक विवादास्पद आदेश पर सख्त नाराजगी जतायी थी जिसमें ग्राम समाज की भूमि से अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई को जाति विशेष और धर्म विशेष से जोड़कर निर्देशित किया गया था। मुख्यमंत्री ने संबंधित आदेश को पूर्णतः भेदभावपूर्ण और अस्वीकार्य बताया था। दरअसल, प्रस्थिति के अनुरूप हमारी भूमिका भी बदल जाती है। योगी आदित्यनाथ इस बात को अच्छी तरह जानते हैं। उन्हें हिन्दू होने पर गर्व है। सनातन धर्म को वह अपना धर्म कहने में कोई संकोच नहीं करते। भारत की विरासत का सम्मान करते हैं लेकिन विकास के बंटवारे मंे धर्म और जाति को किनारे रख दिया जाता है।
अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायती राज विभाग द्वारा जारी उस विवादास्पद आदेश पर सख्त नाराजगी जताई थी, जिसमें ग्रामसभा की भूमि से अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई को जाति विशेष (यादव) और धर्म विशेष (मुस्लिम) से जोड़कर निर्देशित किया गया था। मुख्यमंत्री ने संबंधित आदेश को ‘पूर्णतः भेदभावपूर्ण और अस्वीकार्य’ करार देते हुए उसे तत्काल प्रभाव से रद्द करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीर प्रशासनिक चूक मानते हुए संबंधित संयुक्त निदेशक एसएन सिंह को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया था। मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा है कि इस प्रकार की भाषा और सोच न केवल शासन की नीतियों के विरुद्ध है, बल्कि समाज में विभाजन पैदा करने वाली है, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध कब्जों के खिलाफ कार्यवाही पूरी निष्पक्षता, तथ्यों और कानून के अनुसार होनी चाहिए, न कि जाति या धर्म के आधार पर। उन्होंने अधिकारियों को इस प्रकार की गलती दोबारा नहीं होने देने की चेतावनी भी दी थी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि सरकार समरसता, सामाजिक न्याय और सबके समान अधिकारों के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की नीतियां किसी व्यक्ति, समुदाय या वर्ग के प्रति पूर्वाग्रह से प्रेरित नहीं हो सकतीं। हमारी प्रतिबद्धता संविधान और न्याय की मूल भावना के प्रति है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 4 अगस्त को सहारनपुर में विपक्षियों को घेरते हुए बयान दिया था। उन्होंने कहा था, सनातन धर्म के बढ़ते गौरव से कांग्रेस और सपा परेशान हैं। पहले सरकारें आतंकियों को संरक्षण देती थीं और सनातन धर्म के गौरव को कम करने की कोशिश करती थीं और अब भारत अपनी विरासत का सम्मान करते हुए विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। विपक्षी दलों को भारत की
आध्यात्मिक विरासत पर गर्व नहीं है। हमारी डबल इंजन की भाजपा सरकार ने इस क्षेत्र की उपेक्षा को समाप्त कर विकास और विरासत के संरक्षण का एक नया
अध्याय शुरू किया है।
अभी 24 अगस्त को सीएम योगी ने गोरखपुर में एक समीक्षा बैठक की। इस समीक्षा बैठक में पांच अधिकारी अनुपस्थित रहे, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन सभी अधिकारियों का एक दिन का वेतन रोकने का निर्देश दिया गया है। सीएम योगी ने इस बैठक में बाढ़ से बचाव के सम्बन्ध में सभी तैयारियां समय से पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में निर्माणाधीन पुलों के निर्माण कार्य को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके अलावा भटहट, बांसस्थान, देवरिया बाईपास के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश सीएम योगी ने दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गोरखपुर के एनेक्सी भवन में एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। यह समीक्षा बैठक विकास परियोजनाओं की समीक्षा को लेकर की गई थी। सीएम योगी की समीक्षा बैठक में पांच अधिकारी अनुपस्थित रहे। इन पांचों अधिकारियों के खिलाफ मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने कड़ा एक्शन लिया है। मंडलायुक्त ने इन अनुपस्थित अधिकारियों का एक दिन का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है। साथ ही इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा है।
सीएम योगी की समीक्षा बैठक में अनुपस्थित जिन अधिकारियों के खिलाफ मंडलायुक्त ने कार्रवाई की है उनमें- सी एंड डीएस यूनिट 14, 19 और 42 (तीनों यूनिट) के परियोजना प्रबंधकगण, उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ (यूपीआरएनएसएस)-प्रथम के अधिशासी अभियंता और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य शामिल हैं। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद गोरखपुर में निर्माण कार्यों/विकास कार्यों की समीक्षा की। सीएम योगी ने जेई/एईएस तथा डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए। इसके अलावा जनप्रतिनिधियों को
बाल वाटिकाओं का भ्रमण कराए जाने के भी निर्देश दिए। सीएम ने एसटीपी का निर्माण करने वाली संस्था का
10 वर्षों तक संचालन करने के प्रस्ताव भी भेजने के निर्देश दिए। वहीं जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों की प्रगति की साप्ताहिक/ पाक्षिक/मासिक समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 4 अगस्त को सहारनपुर में 381 करोड़ रुपये की 15 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया था। इस दौरान सीएम योगी ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को भारत की आध्यात्मिक विरासत पर गर्व नहीं है। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारों पर जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले की सरकारें जाति के नाम पर समाज को बांटती थीं और योजनाओं का लाभ केवल एक परिवार तक सीमित रहता था। अब भाजपा की सरकार भेदभाव को परे रखकर सभी का विकास करती है।
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)