आतंकवाद पर दोहरा मापदंड स्वीकार नहीं: मोदी

चीन के तियेनजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन के दूसरे दिन प्लेनरी सेशन हो रहा है। एससीओ राष्ट्राध्यक्षों की 25वीं बैठक के बाद साझा घोषणापत्र जारी किया जाएगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया है और आतंक के खिलाफ भारत के सख्त रुख को दोहराया है। पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद पर दोहरा मापदंड किसी भी देश को स्वीकार्य नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 34 वर्षों से एससीओ का पूरे यूरेशिया को जोड़ने में अहम योगदान रहा है।
भारत ने एससीओ के सक्रिय सदस्य देश के तौर पर सकारात्मक भूमिका
निभाई है। एससीओ को लेकर भारत की सोच 3 मुख्य स्तंभों पर आधारित है।
एस- सिक्योरिटी, सी- कनेक्टिविटी, ओ- अपोर्चुनिटी।
पीएम मोदी ने सिक्योरिटी को लेकर कहा कि सुरक्षा शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार है। लेकिन इसकी राह में आतंकवाद, अलगाववाद, अतिवाद बड़ी चुनौती है। आतंकवाद किसी देश की सुरक्षा ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए साझा चुनौती है। कोई भी देश इससे खुद को सुरक्षित नहीं समझ सकता। पीएम मोदी ने चीन में हो रहे एससीओ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा- भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। हाल ही में, हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा रूप देखा। मैं उस मित्र देश के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ जो दुःख की इस घड़ी में हमारे साथ खड़ा रहा।